JDU में बगावत के दावे पर बिफरे नीतीश, राजद नेता के बयान को बताया बकवास

पटना के इको पार्क में बच्चों के लिए बनाए जा रहे जलाशय का निरीक्षण करने पहुंचे नीतीश ने रजक के बयान पर सवाल किए जाने पर कहा कि जो लोग यह दावा कर रहे हैं, उनका कोई आधार नहीं है।

Update: 2020-12-30 13:27 GMT
Jमंत्रिमंडल का विस्तार नहीं कर पा रहे नीतीश, देरी के लिए BJP को बताया जिम्मेदार

पटना: बिहार में राजद नेता श्याम रजक के जदयू के 17 विधायकों के टूटने के दावे के बाद सियासी हलचल ने काफी तेज हो गई है। राजद नेता के इस दावे के बाद जदयू ने इसे लोगों को गुमराह करने की कोशिश बताया है। अभी तक पूरे मामले पर चुप्पी साधे रहने वाले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अब इस मामले में टिप्पणी की है।

ये भी पढ़ें:वैक्सीन के बाद भी खतरा: फिर भी हो सकता है कोरोना, सामने आई बड़ी वजह…

उन्होंने साफ तौर पर कहा है कि ऐसे दावों में कोई दम नहीं है और राजद की ओर से बेबुनियाद दावे किए जा रहे हैं। एनडीए में शामिल हम ने भी राजद नेता के बयान को खारिज करते हुए इसे बेबुनियाद और बकवास बताया है।

जदयू में टूट की बात बेबुनियाद

पटना के इको पार्क में बच्चों के लिए बनाए जा रहे जलाशय का निरीक्षण करने पहुंचे नीतीश ने रजक के बयान पर सवाल किए जाने पर कहा कि जो लोग यह दावा कर रहे हैं, उनका कोई आधार नहीं है। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि अगर कोई भी जदयू में टूट होने का दावा कर रहा है तो यह दावा पूरी तरह बेबुनियाद और बकवास है। ऐसे दावों में कोई भी दम नहीं है। उन्होंने कहा कि सत्ता पाने में विफल लोग इस तरह का बेबुनियाद दावा कर रहे हैं।

14 जनवरी के बाद पता लगे कि सच्चाई

एनडीए में शामिल पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी की पार्टी हम के प्रवक्ता दानिश रिजवान ने कहा कि देखने वाली बात यह होगी कि आने वाली 14 जनवरी के बाद श्याम रजक खुद राजद में रहेंगे या नहीं।

उन्होंने कहा कि 14 जनवरी के बाद पता चलेगा कि किसके विधायक कहां जाते हैं। उन्होंने कहा कि एनडीए में शामिल दलों में किसी तरह की कोई भी बात नहीं है और सभी सहयोगी दल पूरी मजबूती के साथ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ एकजुट हैं।

राजद नेता ने किया था यह दावा

इससे पूर्व राजद नेता श्याम रजक ने दावा किया था कि अरुणाचल प्रदेश की घटना को लेकर जदयू विधायकों में गुस्सा है और इस कारण जदयू के 17 विधायक पार्टी छोड़ कर राजद में शामिल होना चाहते हैं। उनका कहना था कि दलबदल कानून के तहत इन विधायकों की सदस्यता रद्द होने का खतरा है। इस कारण इन विधायकों की संख्या बढ़ाने की कोशिश की जा रही है।

नीतीश पर हावी हो चुकी है भाजपा

उन्होंने कहा कि यदि जदयू के करीब 26 विधायक पार्टी छोड़ कर राजद की सदस्यता लेते हैं तो उनकी सदस्यता पर किसी प्रकार का कोई खतरा नहीं रहेगा। उन्होंने कहा कि अरुणाचल की घटना का बिहार में साफ तौर पर असर दिख रहा है और भाजपा नीतीश कुमार पर पूरी तरह हावी हो चुकी है। यही कारण है कि नीतीश कुमार की दिक्कतें लगातार बढ़ती जा रही हैं।

ये भी पढ़ें:वैश्विक महामारी कोविड-19 के दौरान मंगल दलों का योगदान उल्लेखनीय: CM योगी

नीतीश की अगुवाई में जदयू एकजुट

रजक के दावों को भ्रामक बताते हुए जदयू के प्रवक्ता राजीव रंजन ने कहा कि ऐसे दावों के जरिए लोगों को गुमराह करने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार की अगुवाई में जदयू पूरी तरह से एकजुट है और बिहार में जदयू और भाजपा की सरकार पांच साल का अपना कार्यकाल पूरा करेगी।

उन्होंने कहा कि अरुणाचल में जदयू के 6 विधायकों के भाजपा में शामिल होने से जदयू आहत जरूर है मगर पार्टी के विधायक किसी के भी झांसे में नहीं आने वाले हैं। उन्होंने कहा कि राजद को अपना घर संभालना चाहिए क्योंकि राजद विधायकों में तेजस्वी यादव की कार्यशैली को लेकर भारी नाराजगी है।

रिपोर्ट- अंशुमान तिवारी

दोस्तों देश दुनिया की और खबरों को तेजी से जानने के लिए बनें रहें न्यूजट्रैक के साथ। हमें फेसबुक पर फॉलों करने के लिए @newstrack और ट्विटर पर फॉलो करने के लिए @newstrackmedia पर क्लिक करें।

Tags:    

Similar News