पाकिस्तान का बिहार कनेक्शन, ऐसे चला रहा अफगानी मनी लॉन्ड्रिंग रैकेट

कटिहार में हाल में पांच अफगानी नागरिकों को पुलिस ने 15 दिसंबर को गिरफ्तार किया था। पूछताछ के बाद पुलिस को पता चला कि ये सभी पश्चिम बंगाल, सीमांचल व आसपास के इलाके मनी लॉड्रिंग में संलिप्त थे।

Update: 2021-01-10 08:18 GMT
पाकिस्तान का बिहार कनेक्शन, ऐसे चला रहा अफगानी मनी लॉन्ड्रिंग रैकेट (PC: social media)

लखनऊ: भारत में मौसमी कारोबार के सिलसिले में अफगानिस्तान से आने वाले बहुत लोग यहां सूद पर पैसे देने का धंधा करते थे। ये दशकों पहले की बात है। लेकिन अब पता चला है कि ये धंधा चोरी छिपे काफी फैला हुआ है। बिहार में हाल में पकड़े गए कुछ अफगानी नागरिकों से पता चला है कि बात महज सूदखोरी से मनी लॉन्ड्रिंग तक जा पहुंची है।

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लंबे अरसे से रह रहे

कटिहार में हाल में पांच अफगानी नागरिकों को पुलिस ने 15 दिसंबर को गिरफ्तार किया था। पूछताछ के बाद पुलिस को पता चला कि ये सभी पश्चिम बंगाल, सीमांचल व आसपास के इलाके मनी लॉड्रिंग में संलिप्त थे। ये सभी पांच साल से यहां रह रहे थे। इनके कब्जे से पांच लाख रुपये नकद, आधार कार्ड, पैन कार्ड, पंद्रह मोबाइल फोन, चार मोटरसाइकिल, वीजा-पासपोर्ट तथा करोड़ों के लेन-देन के कागजात बरामद किए गए।इन लोगों ने नकली नामों से किशनगंज, कोलकाता, गुवाहाटी व दरभंगा में भी ठिकाना बना रखा था।

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पाकिस्तान का कनेक्शन

जिन पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया वे अफगानिस्तान के पख्तून प्रांत के सारंग जिले के रहने वाले हैं। पकड़े गए लोगों में मो. दाउद, मो. कामरान, मो. फजल मोहम्मद, मो. राजा खान तथा गुलाम मोहम्मद शामिल हैं। कटिहार में रहने के दौरान इनलोगों ने आसपास के लोगों से स्वयं के भारतीय होने की बात कही थी। इनमें दो बिना पासपोर्ट के ही यहां रह रहे थे। इन लोगों ने कटिहार, कोलकाता, किशनगंज एवं गुवाहाटी से अपने जन्म प्रमाणपत्र व आधार कार्ड बनवाए थे। एक-दो के बारे में कहा जा रहा है कि उन्होंने पश्चिम बंगाल के इस्लामपुर में शादी तक रचा ली और उन्हें बच्चे भी हैं।

पुलिस के अनुसार ये सभी अफगानिस्तान, पाकिस्तान, नेपाल व बांग्लादेश की भी यात्रा कर चुके हैं। एक अफगानी ने तो लाहौर में अपने पिता का इलाज भी कराया था।

कंपनी बना कर धंधा

मनी लॉड्रिंग का काम ये सभी सूद के धंधे की आड़ में कर रहे थे और इसके लिए इन्होंने दाउद मनी लेंडर्स नामक एक कंपनी बना रखी थी। इसको न कोई रजिस्ट्रेशन था और न कोई लाइसेंस। इन लोगों से बरामद कागजातों से इनके द्वारा बिहार, बंगाल, असम और झारखंड में मनी लॉन्ड्रिंग का धंधा किए जाने की बात सामने आई है। बरामद दस्तावेजों से 17 करोड़ के लेनदेन की बात सामने आई है। बताया जाता है कि सूद के धंधे से ये दस लाख सलाना की आमदनी कर ले रहे थे।

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आतंकी कनेक्शन

बिहार के इस सीमावर्ती इलाके में आतंकियों के स्लीपर सेल को शरण देने का काम किया जाता रहा है। पहले भी यह बात सामने आ चुकी है कि आतंकी घटनाओं को अंजाम देने के बाद आतंकी यहां शरण लेते रहे हैं और जैसे ही मौका मिलता है वे सीमा पार कर बांग्लादेश और नेपाल चले जाते हैं। पकड़े गए इन विदेशियों के कॉल डिटेल में नेपाल, अफगानिस्तान व पाकिस्तान से बातचीत होने की बात सामने आई है।

रिपोर्ट्स के मुताबिक नेपाल में रह रहा बशर खान भारत में मनी लॉन्ड्रिंग का मास्टरमाइंड माना जाता है।

रिपोर्ट- नीलमणि लाल

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