Bihar News: सारण में बोले आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत; विश्व कल्याण के लिए भारत को शक्तिशाली होना है

Bihar News: डॉक्टर भागवत स्वतंत्रता सेनानी के स्वजनों को सम्मानित करने पहुंचे हैं। करीब 350 स्वतंत्रता सेनानी का परिवार यहां से जुड़ा है।

Newstrack :  Network
Update: 2022-11-27 12:16 GMT

RSS chief Mohan Bhagwat (photo: social media ) 

Bihar News:आरएसएस के सरसंघचालक डा. मोहन भागवत अपने चार दिवसीय बिहार दौरे पर हैं। आज वो सारण के मलखाचक पहुंचे थे। डॉ. भागवत स्वतंत्रता सेनानी सम्मान समरोह में शामिल हुए। लोगों को संबोधित करते हुए संघ प्रमुख ने कहा कि विश्व कल्याण के लिए भारत को शक्तिशाली बनना होगा। अब तक के महाशक्तियों ने विश्व पर सिर्फ अपना डंडा चलाया है। अपने हित के लिए अपने ढंग की व्यवस्था ये महाशक्तियां चलाती रही हैं। कभी विश्व पर ब्रिटेन का शासन चलता था। कहा जाता था कि ब्रिटेन का सूरज कभी अस्त नहीं होता। लेकिन ब्रिटेन का शासन अन्य महाशक्तियों की तरह शोषण पर आधारित था। ब्रिटेन ने कुछ कमाल नहीं किया बल्कि दुनिया को कंगाल ही किया। धर्मपाल जी की पुस्तक में उल्लेख है कि 77 प्रतिशत साक्षर भारत की साक्षरता दर 17 प्रतिशत हो गई। उक्त विचार राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के परम पूज्य सरसंघचालक माननीय डॉ मोहन भागवत जी ने छपरा के मलखाचक में आयोजित कार्यक्रम में व्यक्त किए।

स्वतंत्रता सेनानी सम्मान समारोह को संबोधित करते हुए मोहन भागवत ने कहा कि भारत कभी गुलाम नहीं हो सकता। यहां के असंख्य लोगों ने अपने जीवन का तिल तिल अर्पित कर इस देश का निर्माण किया है। यहां इसकी एक लंबी परंपरा रही है। इनके लिए समाज सर्वोपरि रहा है। आत्म प्रसिद्धि और स्वयं से ऊपर राष्ट्र सोचने के कारण ही इस देश में ऐसी आत्मविलोपी भावना आई है। अतीत से प्रेरणा लेकर हम लोग सदा आगे बढ़ने की बात सोचते हैं।

मलखाचक को नमन करते हुए उन्होंने कहा कि यह एक तीर्थ है। देश के लिए स्वयं को होम करने वाले लोगों की एक लंबी परंपरा है। सतत तपस्या के कारण एक भाव भूमि का निर्माण होता है। इस भाव भूमि को ही तीर्थ कहते हैं। मलखाचक भी इसी प्रकार का एक तीर्थ है, जहां नरमपंथी और गरमपंथी दोनों अपनी योजनाएं बनाते थे। उन्होंने अपने जीवन का सबसे सौभाग्यशाली क्षण इसे बताया। आज 350 स्वतंत्रता सेनानियों के परिजनों को सम्मानित किया गया। इसमें बिहार के पहले शहीद रामदेनी सिंह, प्रख्यात क्रांतिकारी बैकुंठ शुक्ल, श्रीनारायण सिंह, हरिनंदन प्रसाद जैसे लोग शामिल हैं। इस अवसर पर वरिष्ठ पत्रकार रवींद्र कुमार की लिखित पुस्तक - स्वतंत्रता आंदोलन की बिखरी कड़ियां - का विमोचन भी सरसंघचालक ने किया। कार्यक्रम का मंच संचालन महाराजगंज के सांसद जनार्दन सिंह सिग्रीवाल ने किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रख्यात संत जीयर स्वामी ने की। विशिष्ट अतिथि केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय थे। कार्यक्रम में संघ के क्षेत्र कार्यवाह डॉ. मोहन सिंह, क्षेत्र प्रचार प्रमुख राजेश कुमार पांडेय, क्षेत्र प्रचारक रामनवमी प्रसाद, सह क्षेत्र प्रचारक राम कुमार, स्थानीय सांसद राजीव प्रताप रूडी, विधायक डॉ सी एन गुप्ता, जनक सिंह समेत कई गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख (सर संघ चालक) डॉ मोहन भागवत चार दिवसीय बिहार दौरे पर हैं। आज वे सारण जिले के मलखा चक गांव में लोगों से मिलने पहुंचे। सबसे पहले डॉक्टर भागवत ने स्वतंत्रा सेनानी बासुदेव सिंह के आवास पर उनके पुत्र श्री नारायण सिंह की प्रतिमा का अनावरण किया। फिर इसके बाद मलखा चक गांव में ऐतिहासिक जासा सिंह मैदान में स्वतंत्रता सेनानियों के परिजनों के सम्मान कार्यक्रम में पहुंचे। यहां डॉक्टर भागवत स्वतंत्रता सेनानी के स्वजनों को सम्मानित करने पहुंचे हैं। करीब 350 स्वतंत्रता सेनानी का परिवार यहां से जुड़ा है। ये ऐसे सेनानी थे, जो कि अब तक गुमनामी के साए में जी रहे थे।

वरिष्ठ पत्रकार रविंद्र कुमार द्वारा लिखी गई पुस्तक "स्वतंत्रता आंदोलन की बिखरी कड़ियां" में इन स्वतंत्रता सेनानियों का जिक्र है। डॉ. मोहन भागवत आज इस पुस्तक का लोकार्पण भी करने जा रहे हैं। बता दें कि संघ प्रमुख के मलखा चक गांव का कार्यक्रम लोगों के लिए सवाल का विषय बन गया था। लोग यह सोच रहे थे कि आखिर आरएसएस ने इस गांव को ही क्यों चुना? लेकिन स्वतंत्रता सेनानियों को आरएसएस प्रमुख द्वारा सम्मानित करने के बाद यह साफ हो गया कि यहां आने का उद्देश्य यह था कि इस गांव की भूमिका को स्वतंत्रता आंदोलन में पहचान दिलाना था। बता दे इस गांव से महात्मा गांधी, पंडित नेहरू और भगत सिंह जैसे सैकड़ों क्रांतिकारी किसी न किसी रूप से जुड़े हुए थे। इस गांव को राजस्थान के निवासी मलखा कुंवर ने बसाया था।

4 दिवसीय प्रवास के क्रम

मालूम हो कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ मोहन भागवत अपने 4 दिवसीय प्रवास के क्रम में 25 नवंबर को बिहार पहुंचे हैं। 26 नवंबर को बक्सर में राम जानकी विवाह में शामिल हुए। डॉ मोहन भागवत 28 दिसंबर को दरभंगा में संघ के कार्यकर्ता बैठक में अपना मार्गदर्शन देंगे। संघ कार्यकर्ताओं के एकत्रीकरण को संबोधित करेंगे। इसके बाद अपने आगे के कार्यक्रम के लिए दरभंगा से प्रस्थान करेंगे।

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