तेजस्वी की टिप्पणी और बन गई बिहार विधानसभा अखाड़ा, फिर हुआ ऐसा बवाल

बिहार जैसे शराब बंदी वाले राज्य में शराब की खेप का पकड़ा जाना बड़ी बात थी। अब मंत्री के भाई के स्कूल के कैंपस से शराब की बड़ी खेप मिलने से विपक्ष को बैठे ठाले एक मुद्दा मिल गया है। वह कोई सफाई नहीं सुनना चाह रहा है।

Update: 2021-03-15 10:52 GMT
तेजस्वी की टिप्पणी और बन गई बिहार विधानसभा अखाड़ा, फिर हुआ ऐसा बवाल

रामकृष्ण वाजपेयी

बिहार विधानसभा में आज जो कुछ भी हुआ वह शर्मनाक था। कई बार तो ऐसा लगा जैसे यह सदन चर्चा के लिए नहीं मल्लयुद्ध का अखाड़ा है। जिस तरह सदन में अराजकता की स्थिति आई और माननीय आस्तीनें चढ़ाते हुए एक दूसरे पर झपटे और मार्शल को अप्रिय स्थिति टालने के लिए दीवार बनानी पड़ी यह सबकुछ इतना बताने के लिए काफी है कि बिहार में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है।

बिहार विधानसभा में पिछले कई दिन से भू-राजस्व मंत्री रामसूरत राय मुद्दा बने हुए हैं दरअसल, मंत्री अपने भाई प्रेम की वजह से अपनी किरकिरी करा रहे हैं। जिसमें मिस्टर क्लीन माने जाने वाले नीतीश की चुप्पी भी कम महत्वपूर्ण भूमिका अदा नहीं कर रही है।

शराब बंदी वाले राज्य में शराब की खेप पकड़ा जाना बना मुद्दा

दरअसल, बीते साल सात नवंबर की रात मुजफ्फरपुर के अहियापुर थाना क्षेत्र स्थित अर्जुन राय मेमोरियल ज्ञान विद्या मंदिर नामक स्कूल के कैंपस से शराब की बड़ी खेप पकड़ी गई थी। जांच में इस बात का खुलासा हुआ कि स्कूल मंत्री के भाई हंसलाल राय की जमीन पर बना है। इतना ही नहीं जमीन के मालिक वे खुद हैं और स्कूल का नाम भी मंत्री के पिता के नाम पर है। बिहार जैसे शराब बंदी वाले राज्य में शराब की खेप का पकड़ा जाना बड़ी बात थी। अब मंत्री के भाई के स्कूल के कैंपस से शराब की बड़ी खेप मिलने से विपक्ष को बैठे ठाले एक मुद्दा मिल गया है। वह कोई सफाई नहीं सुनना चाह रहा है।

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आरोपों और बवाल से आजिज मंत्री ने भी अब कह दिया है कि झूठे आरोपों के लिए तेजस्वी यादव माफी मांगें वरना कार्रवाई का सामना करें। लेकिन बिहार विधानसभा में आज जो हुआ उससे लग रहा है कि मुख्यमंत्री नीतीश के लिए सदन चलवा पाना अब आसान काम नहीं है।

विपक्ष राम सूरत राय के इस्तीफे की मांग करने लगा विपक्ष

आज सदन की शुरुआत होते ही विपक्ष राम सूरत राय के इस्तीफे की मांग पर अड़ गया था। पहले सत्र में इसे लेकर बवाल चलता रहा। खूब नारेबाजी हुई। सदन से वाकआउट हुआ। इसके बाद नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने राजभवन तक मार्च निकाला। अभी मामला ठंडा भी नहीं पड़ने पाया था कि दूसरी पाली में फिर बवाल शुरू हो गया।

इसी बीच तेजस्वीा यादव ने उप मुख्य मंत्री तार किशोर की ओर इशारा कर कह दिया कि नेता प्रतिपक्ष का पद संवैधानिक होता है। मगर उप मुख्यलमंत्री का पद संवैधानिक नहीं होता है। आसन ने हमें बोलने का समय दिया है, हमें हक है।

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विधायक बाहें चढ़ाते हुए सदन के बीचोबीच आ गए

इस बात पर एक बार फिर से जबर्दस्त बवाल छिड़ गया। सत्ता रूढ दल के विधायक भड़क गए इस बीच तेज प्रताप यादव भी सत्ताक दल की बेंच की ओर इशारा करके बोलने लगे। इस पर दोनों तरफ के विधायक आमने-सामने आ गए। विधायक बाहें चढ़ाकर एक दूसरे को सबक सिखाने के लिए सदन के बीचोबीच आ गए। जमकर असंसदीय भाषा का प्रयोग हुआ। माइक तोड़ने की कोशिश हुई।बवाल इतना बढ़ा कि मार्शल दीवार बनकर खड़े हो गए। और गुत्थतम गुथ्था होने जा रहे विधायकों को अलग किया।

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