योगी लाए बिहार में सियासी तूफान, सहनी की मांझी के साथ मुलाकात, भाजपा को लग सकता है बड़ा झटका

Yogi Adityanath vs Mukesh Sahani : सहनी की पार्टी वीआईपी ने उत्तर प्रदेश के 18 मंडलों में पूर्व सांसद फूलन देवी की प्रतिमा स्थापित करने की योजना तैयार की थी। पार्टी की ओर से मुख्य कार्यक्रम का आयोजन वाराणसी में किया गया था।

Written By :  Anshuman Tiwari
Published By :  Shivani
Update:2021-07-27 12:49 IST

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Yogi Adityanath vs Mukesh Sahani : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री (UP CM) योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) की सरकार की ओर से की गई कार्रवाई ने बिहार में सियासी तूफान खड़ा कर दिया है। उत्तर प्रदेश में पूर्व सांसद फूलन देवी की प्रतिमा (Phoolan Devi Statue Controversy) को स्थापित करने से रोके जाने की कार्रवाई के बाद विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के मुखिया और बिहार के पशु एवं मत्स्य पालन मंत्री मुकेश सहनी (Mukesh Sahani) ने तीखे तेवर अपना लिए हैं। बिहार एनडीए (Bihar NDA Crisis) में शामिल साहनी ने सोमवार को एनडीए विधानमंडल दल की बैठक का बहिष्कार किया।

उन्होंने कहा कि यहां पर विधायकों की आवाज नहीं सुनी जाती है। इसीलिए मैंने बैठक का बहिष्कार किया है। उन्होंने यहां तक कहा कि जहां हम लोगों की आवाज ही नहीं सुनी जाती हो तो ऐसे गठबंधन में रहने का क्या मतलब। मैं जीतन राम मांझी के साथ मिलकर जल्द ही बड़ा फैसला लूंगा। सहनी ने उत्तर प्रदेश की योगी सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी घेरा। उन्होंने चेतावनी दी कि आने वाले विधानसभा चुनाव में निषाद समुदाय योगी सरकार को सबक सिखाएगा।

सहनी वाराणसी में नहीं कर सके कार्यक्रम

दरअसल, सहनी की पार्टी वीआईपी ने उत्तर प्रदेश के 18 मंडलों में पूर्व सांसद फूलन देवी की प्रतिमा स्थापित करने की योजना तैयार की थी। पार्टी की ओर से मुख्य कार्यक्रम का आयोजन वाराणसी में किया गया था। इस आयोजन में हिस्सा लेने के लिए सहनी खुद वाराणसी पहुंचे थे मगर पुलिस प्रशासन ने उन्हें बाबतपुर एयरपोर्ट से बाहर नहीं निकलने दिया। पुलिस अधिकारियों ने कार्यक्रम पर रोक का हवाला देते हुए उन्हें एयरपोर्ट पर ही रोके रखा। वीआईपी की ओर से होटल रमाडा में सहनी की पत्रकार वार्ता का आयोजन किया गया था मगर सहनी एयरपोर्ट से बाहर ही नहीं निकल सके। बाद में वे एक दूसरी फ्लाइट से पटना लौट गए।

सहनी को एयरपोर्ट पर रोकने के साथ ही पुलिस-प्रशासन ने पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं को कैंटोनमेंट स्थित होटल डिपेरिस में नजरबंद कर दिया। इसके साथ ही शहर भर में पार्टी की ओर से लगाए गए बैनर, पोस्टर और होर्डिंग भी उतार दिए गए। प्रशासन ने वीआईपी की ओर से स्थापित की जाने वाली फूलन देवी की प्रतिमा को भी जब्त कर लिया।

एनडीए में नहीं सुनी जाती अपनों की बात

पुलिस-प्रशासन के इस रवैये को लेकर साहनी योगी सरकार से काफी नाराज हैं। उन्होंने सोमवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की ओर से बुलाई गई एनडीए विधानमंडल दल की बैठक का बहिष्कार किया। उन्होंने कहा कि जिस गठबंधन में विधायकों की बात नहीं सुनी जाती, उसकी बैठक में हिस्सा लेने से क्या फायदा। सहनी ने कहा कि सन ऑफ मल्लाह की धमक अब उत्तर प्रदेश तक पहुंच गई है। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार को भी सन ऑफ मॉल मल्लाह से डर लगने लगा है। तभी तो मेरा कार्यक्रम रोकने के लिए पांच हजार से ज्यादा पुलिसकर्मी तैनात किए गए।


सहनी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नारा है सबका साथ, सबका विकास मगर योगी सरकार इसे मानने के लिए तैयार नहीं है। मुख्यमंत्री योगी को यह बताना चाहिए कि उन्होंने मेरी आजादी क्यों छीनी और क्यों मुझे प्रतिमा की स्थापना से रोका गया। एनडीए की बैठक में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ दोनों डिप्टी सीएम और अन्य दलों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया मगर सहनी की पार्टी ने बैठक का बहिष्कार किया।

सहनी ने बढ़ाई एनडीए की बेचैनी

एनडीए की बैठक का बायकाट करने के बाद सहनी ने यह कहकर एनडीए की सियासी बेचैनी बढ़ा दी कि गठबंधन की ओर से की जा रही अनदेखी पर मैं जीतनराम मांझी के साथ मिलकर विचार करूंगा। ऐसे गठबंधन में रहने का कोई मतलब नहीं है जहां हम लोगों की आवाज ही नहीं सुनी जाती।

उन्होंने कहा कि मैं जल्दी ही मांझी के साथ इस बात पर चर्चा करूंगा कि क्या हम लोगों को इस तरह की सरकार के साथ बने रहना चाहिए या हम लोगों को भी गठबंधन में कोई इज्जत दी जाएगी। नीतीश सरकार हम लोगों के समर्थन से चल रही है और ऐसे में हम लोग भी गठबंधन में सम्मान के हकदार हैं जिससे हम लोगों को वंचित किया जा रहा है। उन्होंने आने वाले दिनों में बड़ा फैसला लेने का संकेत भी दिया।

योगी सरकार पर बोला हमला

उन्होंने उत्तर प्रदेश के योगी सरकार पर भी बड़ा हमला बोला और कहा कि योगी सरकार को विधानसभा चुनाव के दौरान मेरे साथ किए गए खराब व्यवहार की कीमत चुकानी होगी। उन्होंने प्रदेश की 165 विधानसभा सीटों पर वीआईपी के प्रत्याशियों को चुनाव लड़ने का ऐलान किया। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में हर किसी को अपनी बात का कहने का हक है मगर उत्तर प्रदेश में मुझे अपनी बात करने से रोका गया। एनडीए में शामिल होने के बावजूद उत्तर प्रदेश में भाजपा ने मेरा साथ नहीं दिया।


निषाद समुदाय योगी सरकार की ओर से की गई कार्रवाई की अनदेखी नहीं कर सकता और अगले विधानसभा चुनाव में हमारे निषाद भाई इस बात का बदला जरूर लेंगे। सबनी ने कहा कि विधानसभा चुनाव के दौरान पार्टी के कार्यकर्ता घर-घर जाकर वीआईपी का संदेश पहुंचाएंगे जिससे भाजपा को बड़ा सियासी नुकसान उठाना पड़ सकता है।

सहनी के करीबी सूत्रों का कहना है कि उन्होंने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों के लिए कमर कसनी शुरू कर दी है। आने वाले दिनों में उत्तर प्रदेश में सहनी की सियासी सक्रियता और बढ़ेगी। उनकी नजर निषाद समुदाय के वोटों पर लगी हुई है। अगर सहनी निषादों के वोट बैंक में सेंध लगाने में कामयाब हुए तो भाजपा को जरूर झटका लग सकता है।

मांझी से मिले सहनी और शाहनवाज

एनडीए की बैठक का बहिष्कार करने के बाद सहनी ने मांझी के आवास पर जाकर उनसे मुलाकात की। दोनों नेताओं के बीच करीब एक घंटे तक बातचीत हुई। हाल के दिनों में दोनों नेताओं की यह तीसरी मुलाकात थी। दोनों नेताओं की मुलाकात के बाद सियासी गलियारे में चर्चाओं का बाजार गरम हो गया।

हालांकि यह पता नहीं चल सका है कि दोनों नेताओं की बैठक में क्या फैसला हुआ। इस बैठक के कुछ समय बाद बिहार के उद्योग मंत्री शाहनवाज हुसैन ने भी मांझी के आवास पर पहुंचकर उनसे मुलाकात की। माना जा रहा है कि उन्होंने मांझी को मैनेज करने की कोशिश की है।

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