मोदी सरकार ने किया ये बड़ा ऐलान, जानिए आप पर क्या होगा असर
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि कोरोना संकट के बीच बढ़ते राजकोषीय घाटे के बाद भी केंद्र सरकार खर्च जारी रखेगी। प्रोत्साहन पैकेज में कमी नहीं की जाएगी।
नई दिल्ली: कोरोना वायरस महामारी (Corona Virus) की वजह से देश की अर्थव्यवस्था (Indian Economy) पर काफी ज्यादा असर पड़ा है। हालांकि इसके बाद भी केंद्र सरकार की तरफ से प्रोत्साहन पैकेज (Stimulus Package) में कमी करने का कोई फैसला नहीं लिया गया है। इस बारे में बताते हुए केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने कहा कि कोरोना संकट के बीच बढ़ते राजकोषीय घाटे के बाद भी केंद्र सरकार खर्च जारी रखेगी।
प्रोत्साहन पैकेज में नहीं की जाएगी कमी
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि सरकार देश की अर्थव्यवस्था को सहारा देने के लिए खर्च में बढ़ोतरी कर सकती है। इसके लिए बजट घाटे में बढ़ोत्तरी की चिंता नहीं की जाएगी। एक इंटरव्यू के दौरान ने कहा कि सरकार की ओर से जल्दबाजी में प्रोत्साहन पैकेज (Stimulus Package) में किसी तरह की कमी करने का कोई फैसला नहीं लिया जाएगा। उन्होंने ये भी कहा कि यह सुनिश्चित किया जाएगा कि सभी सरकारी कंपनियां पूंजीगत खर्च को बढ़ाती रहें। मौजूदा समय में खर्ज बढ़ाने की आवश्यकता है।
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राजकोषीय घाटे को लेकर परेशान होने की बात नहीं
वित्त मंत्री ने कहा कि राजकोषीय घाटे को लेकर परेशान होने की कोई बात नहीं है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि कोरोना वायरस महामारी से बुरी तरह प्रभावित हुई कंपनियों को उबारने और रोजगार को बचाने के मकसद से सरकार की तरफ से नवंबर 2020 में अर्थव्यवस्था के 15 फीसदी के बराबर राहत पैकेज दिया गया। जिससे 2020-21 के अंत तक बजट घाटा बढ़कर GDP के आठ फीसदी तक पहुंचने की संभावना है।
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अर्थव्यवस्था में सुधार के संकेत
निर्मला सीतारमण ने कहा कि सरकार द्वारा उठाए गए कदमों के चलते भारत की अर्थव्यवस्था में सुधार होना शुरू हो गया है। वित्त वर्ष 2020-21 की पहली तिमाही में GDP में जबरदस्त गिरावट आने के बाद दूसरी तिमाही में भी भारी गिरावट की उम्मीद जताई जा रही थी। लेकिन केंद्र सरकार द्वारा लिए गए फैसलों की वजह से दूसरी तिमाही के दौरान जीडीपी में 7.5 फीसदी की दर से कमी आई। इसके अलावा कुछ सेक्टर्स में बढ़ोत्तरी भी हुई है। जो यह दर्शाता है कि भारत की अर्थव्यवस्था में लगातार सुधार हो रहा है।
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