डॉ. गुलेरिया ने किया आगाह, कोरोना के हल्‍के लक्षणों में ना कराएं CT Scan, बढ़ सकता है कैंसर का खतरा

डॉ रणदीप गुलेरिया ने बताया है कि जो भी मरीज बार-बार सीटी स्कैन करा रहे हैं वो जान लें कि वो एक बड़ा खतरा मोल रहे हैं।

Newstrack Network :  Network
Published By :  Dharmendra Singh
Update: 2021-05-03 13:33 GMT

एक प्रेस कांफ्रेस के दौरान एम्स के निदेशक डॉ रणदीप गुलेरिया (फाइल फोटो: सोशल मीडिया)

नई दिल्ली: कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच लोगों में भय का माहौल है। इसकी वजह से घबराकर लोग तरह-तरह के उपाय करने लग रहे हैं जो और भी ज्यादा घातक साबित हो रहा है। दरअसल, कई लोगों को कोरोना के लक्षण होने के बाद भी उनका कोरोना टेस्ट निगेटिव आ रहा है जिसके बाद डॉक्टर की सलाह पर लोग सीटी स्कैन करा रहे हैं।

अब इस बीच एम्स के निदेशक डॉ रणदीप गुलेरिया ने बताया है कि जो भी मरीज बार-बार सीटी स्कैन करा रहे हैं वो जान लें कि वो एक बड़ा खतरा मोल रहे हैं। डॉ. रणदीप गुलेरिया ने कहा कि अगर कोरोना के हल्के लक्षण हैं तो सीटी स्कैन कराने की कोई जरूरत नही है। एम्स के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया ने कहा कि सीटी स्कैन सेहत के लिए हानिकारक हो सकता है। इसे कराने के बाद कैंसर की संभावना बढ़ सकती है।
डॉ. रणदीप गुलेरिया ने कहा कि 'सीटी स्कैन और बायोमार्कर का गलत इस्तेमाल हो रहा है। उन्होंने कहा कि अगर हल्के लक्षण हैं तो सीटी स्कैन कराने का कोई फायदा नहीं है। एक सीटी स्कैन 300 चेस्ट एक्स रे के बराबर होता है। यह बहुत हानिकारक है।
एम्स के निदेशक ने कहा कि आजकल बहुत ज्यादा लोग सीटी स्कैन करा रहे हैं। जब सीटी स्कैन की जरूरत नहीं है तो उसे कराकर आप खुद को नुकसान ज्यादा पहुंचा रहे हैं क्योंकि आप खुद को रेडिएशन के संपर्क में ला रहे हैं। इससे बाद में कैंसर होने का खतरा बढ़ सकता है।
डॉ. गुलेरिया ने बताया कि रेडिएशन के एक डेटा का विश्लेषण किया गया है जिसमें पता चला है कि लोग तीन-तीन दिन में सीटी स्कैन करा रहे हैं। इसके अलावा गुलेरिया ने एक और खास बात बताई। उन्होंने कहा कि अगर आप पॉजिटिव हैं और आपको हल्के लक्षण हैं तो आपको सीटी स्कैन कराने की कोई जरूरत नहीं है। क्योंकि सीटी स्कैन कराने में जो रिपोर्ट आती है उसमें थोड़ा बहुत चकत्ते आ जाते हैं जिसको देखकर मरीज परेशान हो जाता है।


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