AMU में कोरोना का नया वैरिएंट! कई प्रोफेसरों की मौत से कोहराम, जांच के लिए दिल्ली भेजे नमूने
कोरोना महामारी की दूसरी लहर में लगातार हो रही मौतों से अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (AMU) में कोहराम मच गया है।;
कोरोना वायरस टेस्टिंग (फोटो: सोशल मीडिया)
नई दिल्ली: कोरोना महामारी (Coronavirus) की दूसरी लहर में लगातार हो रही मौतों से अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (AMU) में कोहराम मच गया है। पिछले कुछ दिनों के दौरान विश्वविद्यालय (University) के 19 प्रोफेसरों की मौत ने विश्वविद्यालय प्रशासन की चिंता बढ़ा दी है। अलीगढ़ में कोरोना वायरस के नए वैरिएंट की आशंका जताई जा रही है।
यही कारण है कि एएमयू के वाइस चांसलर तारिक मंसूर ने इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) को चिट्ठी लिखी है। इस चिट्ठी में उन्होंने यूनिवर्सिटी (University) में इकट्ठा किए गए कोविड-19 सैंपल्स की तत्काल जांच कराने का अनुरोध किया है। अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में बनी आईसीएमआर से प्रमाणित लैब ने ये सभी सैंपल्स से इकट्ठा किए हैं।
एएमयू के वाइस चांसलर ने आईसीएमआर के महानिदेशक बलराम भार्गव को लिखी चिट्ठी में अलीगढ़ में कोरोना वायरस की नई किस्म विकसित होने की आशंका जताई है। वीसी ने अपने पत्र में प्रोफेसर भार्गव से अनुरोध किया है कि हमारे लैब से भेजे गए कोविड-19 के नमूनों का विश्लेषण करने के लिए आईसीएमआर के संबंधित विभाग को निर्देश दें।
विवि में वायरस के नए किस्म की आशंका
उन्होंने कहा कि हम यह जानना चाहते हैं कि कहीं कोविड-19 वायरस की कोई नई किस्म तों अलीगढ़ में विकसित नहीं हो रही है क्योंकि यहां बीमारी से गंभीर हालात पैदा हो गए हैं। उन्होंने कहा कि यह जांच इसलिए भी जरूरी है ताकि महामारी के उन्मूलन के लिए उपयुक्त उपाय किए जा सकें और लोगों की जान बचाई जा सके।
कई शिक्षकों की जान ले चुका है कोरोना
एएमयू के वाइसचांसलर ने अपने पत्र में यह भी लिखा है कि इस बात पर भी गौर करना जरूरी है कि एएमयू के तमाम शिक्षक और कई अन्य सेवानिवृत्त शिक्षक और कर्मचारी कोरोना वायरस से जंग हार चुके हैं। उन्होंने कहा कि ये सभी लोग विश्वविद्यालय परिसर और आसपास के क्षेत्रों में निवास कर रहे थे।
इसलिए ऐसा माना जा रहा है कि विश्वविद्यालय से सटे सिविल लाइंस क्षेत्र में एक विशेष प्रकार का वायरस फैल रहा है। इसलिए इस मामले में जांच पड़ताल करके तत्काल कदम उठाए जाने की जरूरत है।
नए वर्जन से हो रही मौतों में बढ़ोतरी
विश्वविद्यालय प्रशासन का कहना है कि सभी सैंपल्स को जांच के लिए दिल्ली में सीएसआइआर इंस्टीट्यूट आफ जिनोमिक्स एंड इंटीग्रेटिव बायोलॉजी भेजा गया है। इस बात की आशंका जताई जा रही है कि वायरस के किसी नए वर्जन के कारण मौतों के आंकड़ों में लगातार बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है। हालांकि आईसीएमआर या सरकार की ओर से अभी इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं जताई गई है।
विश्वविद्यालय प्रशासन से मिली एक रिपोर्ट के अनुसार 20 दिनों के अंदर विश्वविद्यालय के 16 वर्किंग और 10 रिटायर्ड फैकेल्टी मेंबर्स की कोरोना वायरस से मौत हो चुकी है। वाइसचांसलर तारिक मंसूर के बड़े भाई की भी कोरोना की चपेट में आने से मौत हो चुकी है।
प्रसिद्ध संस्कृत विद्वान की भी कोरोना से मौत
जिन लोगों की मौत कोरोना से हुई है उनमें प्रसिद्ध संस्कृत विद्वान और संस्कृत विभाग के पूर्व अध्यक्ष प्रोफेसर खालिद बिन युसूफ भी शामिल हैं। संस्कृत विद्वानों के बीच खालिद हमेशा चर्चा का विषय रहे हैं क्योंकि वे ऋग्वेद पर डॉक्टरेट करने वाले पहले मुस्लिम विद्वान थे।
प्रोफेसर खालिद के अलावा विश्वविद्यालय में सेवारत कई अन्य शिक्षकों की भी कोरोना से मौत हो चुकी है। इनमें कई प्रोफ़ेसर की आयु भी ज्यादा नहीं थी मगर फिर भी वे कोरोना से जंग हार गए।