शाह के दखल से नरम पड़े असम-मिजोरम, अब बातचीत से सुलझाएंगे सीमा विवाद, FIR होगी वापस

Assam Mizoram Border Dispute: असम और मिजोरम के बीच सीमा विवाद को लेकर बढ़े तनाव के बीच गृह मंत्री शाह ने काफी सक्रियता दिखाई है।

Written By :  Anshuman Tiwari
Published By :  Shivani
Update:2021-08-02 09:39 IST

असम-मिजोरम के सीएम और अमित शाह (डिजाइन इमेज)

Assam Mizoram Border Dispute : असम और मिजोरम के बीच पिछले एक हफ्ते से चल रही तनातनी अब कम होने के आसार दिख रहे हैं। असम के मुख्यमंत्री (Assam CM) हिमंत बिस्वा सरमा (Himanta Biswa) के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने वाले मिजोरम के तेवर अब नरम पड़ने लगे हैं। जानकार सूत्रों का कहना है कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) के दखल के बाद दोनों राज्यों के बीच तनाव को कम करने में मदद मिली है। शाह ने दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों से बातचीत करके सीमा विवाद को वार्ता के जरिए हल करने पर जोर दिया है।

शहर के दखल के बाद मिजोरम ने असम के मुख्यमंत्री के खिलाफ दर्ज की गई एफआईआर को वापस लेने की बात कही है। असम के मुख्यमंत्री ने भी मिजोरम के सांसद के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को वापस लेने का निर्देश दिया है। मिजोरम के मुख्यमंत्री जोरामथंगा ने कहा है कि बातचीत के जरिए ही सीमा विवाद के मुद्दे को सुलझाया जा सकता है और अब दोनों राज्य वार्ता के जरिए इस समस्या का समाधान खोजने की कोशिश करेंगे।

सीएम के खिलाफ दर्ज एफआईआर होगी वापस

असम और मिजोरम के बीच सीमा विवाद को लेकर बढ़े तनाव के बीच गृह मंत्री शाह ने काफी सक्रियता दिखाई है। शाह की सक्रियता के बाद अब दोनों राज्यों की सीमा पर शांति बहाली की उम्मीद जताई जा रही है। शाह के दखल के बाद दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों के बीच भी फोन पर बातचीत हुई है और मिजोरम के मुख्यमंत्री ने इस बात की पुष्टि भी की है।


इस बीच मिजोरम के मुख्य सचिव लालननमाविया चुंआंगो ने कहा कि मिजोरम में असम के मुख्यमंत्री के खिलाफ दर्ज की गई एफआईआर को वापस लिया जाएगा। मुख्य सचिव ने कहा कि मुख्यमंत्री जोरामथंगा भी असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा के खिलाफ एफआईआर दर्ज किए जाने के पक्ष में नहीं थे। हमारे मुख्यमंत्री की ओर से भी असम के सीएम के खिलाफ रिपोर्ट लिखे जाने की मंजूरी नहीं दी गई थी। रिपोर्ट लिखे जाने के बाद उन्होंने मुझे व्यक्तिगत रूप से इस मामले को देखने का निर्देश भी दिया था।

मुख्य सचिव ने कहा कि वे इस मसले पर राज्य के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों से बातचीत करेंगे और कोई कानूनी वैधता न मिलने पर सरमा के खिलाफ दर्ज एफआईआर को वापस ले लिया जाएगा। हालांकि उन्होंने मीडिया से बातचीत के दौरान यह स्पष्ट नहीं किया कि असम के छह वरिष्ठ अफसरों और 200 अज्ञात पुलिसकर्मियों के खिलाफ दर्ज एफआईआर को वापस लिया जाएगा या नहीं।

शाह ने की दोनों मुख्यमंत्रियों से बातचीत

मिजोरम के मुख्यमंत्री जोरामथंगा के ट्वीट से भी इस बात के संकेत मिले हैं कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इस मामले में दखल देकर दोनों राज्यों को बातचीत के जरिए विवाद सुलझाने को कहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि गृह मंत्री शाह से फोन पर हुई बातचीत के बाद अब असम के साथ सीमा विवाद को बातचीत के जरिए हल करने की कोशिश की जाएगी।


उन्होंने मिजोरम के लोगों से भी सीमा पर शांति बनाए रखने और विवाद को ज्यादा न बढ़ाने की अपील की। उन्होंने स्पष्ट तौर पर कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा से फोन पर हुई बातचीत के बाद अब दोनों राज्य बातचीत के जरिए विवाद को सुलझाने की दिशा में आगे बढ़ेंगे।

सांसद के खिलाफ प्राथमिकी होगी रद्द

शाह के दखल के बाद असम के मुख्यमंत्री के तेवर में भी नरमी आई है। मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने मिजोरम के सांसद वनलालवेना के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को वापस लेने का निर्देश दिया है। मुख्यमंत्री ने इस बाबत खुद ट्वीट करके जानकारी दी है। मुख्यमंत्री ने बताया कि उन्होंने राज्य पुलिस को निर्देश दिया है कि सद्भावना के संकेत के रूप में मिजोरम के सांसद के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को वापस ले लिया जाए। हालांकि इसके साथ उन्होंने यह भी कहा है कि अन्य अफसरों के खिलाफ दर्ज मामलों को आगे बढ़ाया जाएगा।


उन्होंने कहा कि मैंने मिजोरम के मुख्यमंत्री के बयानों को देखा है जिसमें उन्होंने सीमा विवाद को सौहार्दपूर्ण तरीके से हल करने की बात कही है। उन्होंने कहा कि हम अपनी सीमाओं पर शांति स्थापित करने की पूरी कोशिश करेंगे।

खूनी झड़प के बाद बढ़ गई थी तनातनी

असम और मिजोरम के बीच सीमा विवाद को लेकर 26 जुलाई को खूनी झड़प हो गई थी जिसमें असम पुलिस के 6 जवानों और एक नागरिक की मौत हो गई थी। हिंसा की घटना के बाद दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों के बीच वार और पलटवार का दौर शुरू हो गया था। दोनों राज्यों की पुलिस ने एक-दूसरे के खिलाफ कार्रवाई तक शुरू कर दी थी। असम पुलिस ने मिजोरम के सांसद वनलालवेना के दिल्ली आवास पर नोटिस चस्पा करके उन्हें पूछताछ के लिए तलब किया था। मिजोरम के पांच अन्य अफसरों को भी पूछताछ के लिए थाने पर तलब किया गया था।

असम के गृह सचिव ने अपने राज्य के लोगों के लिए एडवाइजरी जारी करते हुए उन्हें तनावपूर्ण हालात के बीच मिजोरम की यात्रा न करने की सलाह भी दी थी। दूसरी ओर मिजोरम ने भी जवाबी कार्रवाई करते हुए असम के मुख्यमंत्री और दो सौ अज्ञात पुलिसकर्मियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली थी।

दोनों राज्यों के बीच तनाव को लेकर केंद्र सरकार की भूमिका पर सवाल भी उठाए जा रहे थे। कांग्रेस ने इस बाबत बड़ा हमला बोलते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से इस्तीफा देने की भी मांग की थी। अब केंद्रीय गृह मंत्री इस मामले में पूरी तरह सक्रिय हो गए हैं और माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में इसके अच्छे नतीजे दिख सकते हैं।

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