असम-मिजोरम के बीच तल्खी चरम पर, दोनों राज्यों की पुलिस का एक-दूसरे पर एक्शन, सीएम पर भी FIR
Assam-Mizoram Seema Vivad : असम पुलिस ने इस बाबत मिजोरम के पांच अफसरों को पूछताछ के लिए तलब किया है। इसके साथ ही मिजोरम के एकमात्र राज्यसभा सांसद वनलालवेना को भी पूछताछ के लिए एक अगस्त को तलब किया गया है।
Assam-Mizoram Seema Vivad: असम और मिजोरम के बीच सीमा विवाद को लेकर हुई हिंसक झड़प के बाद दोनों राज्यों के बीच तल्खी लगातार बढ़ती जा रही है। दोनों राज्यों की सीमा पर हुई हिंसक झड़प के बाद दोनों राज्यों की पुलिस सक्रिय हो गई है और एक-दूसरे के खिलाफ कार्रवाई करने में जुट गई है। मिजोरम पुलिस ने बड़ा कदम उठाते हुए असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा, राज्य पुलिस के चार वरिष्ठ अफसरों और दो अन्य अफसरों पर एफआईआर दर्ज की है। दूसरी और असम पुलिस ने भी दोनों राज्यों में हुई झड़प की जांच तेज कर दी है जिसमें पांच पुलिसकर्मियों और एक नागरिक की जान चली गई थी।
असम पुलिस ने इस बाबत मिजोरम के पांच अफसरों को पूछताछ के लिए तलब किया है। इसके साथ ही मिजोरम के एकमात्र राज्यसभा सांसद वनलालवेना को भी पूछताछ के लिए एक अगस्त को तलब किया गया है। दोनों राज्यों की पुलिस की ओर से की गई इस कार्रवाई से साफ है कि दोनों राज्यों के बीच खींचतान लगातार बढ़ती जा रही है। इस मामले में केंद्र सरकार की भूमिका पर भी सवाल उठने लगे हैं क्योंकि केंद्र सरकार की ओर से अभी तक इस विवाद को सुलझाने के लिए कोई बड़ी सियासी पहल नहीं की गई है।
मिजोरम पुलिस ने उठाया बड़ा कदम
हिंसक झड़प को लेकर दोनों राज्यों की पुलिस की ओर से की जा रही कार्रवाई ने दोनों राज्यों में तल्खी और बढ़ा दी है। मिजोरम पुलिस ना असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा तक के खिलाफ एफआईआर दर्ज करके माहौल को गरमा दिया है। मिजोरम के पुलिस महानिरीक्षक जॉन एन ने बताया कि मुख्यमंत्री के साथ ही छह अन्य अफसरों के खिलाफ भी आपराधिक मामले दर्ज किए गए हैं। उन्होंने बताया कि इन सभी लोगों के खिलाफ हत्या के प्रयास, आपराधिक साजिश और अन्य गंभीर धाराएं लगाई गई हैं। मिजोरम की ओर से उठाए गए इस कदम को असम पुलिस के एक्शन का जवाब माना जा रहा है।
असम ने मिजोरम के अफसरों को किया तलब
दोनों राज्यों के बीच विवाद के मद्देनजर असम के गृह सचिव की ओर से जारी एडवाइजरी में राज्य के लोगों को मौजूदा हालात में मिजोरम की यात्रा न करने की सलाह दी गई है। असम के गृह सचिव का कहना है कि हमने अपने प्रदेश के नागरिकों की सुरक्षा के मद्देनजर यह एडवाइजरी जारी की है।
दूसरी ओर असम पुलिस ने भी हिंसा की घटना की जांच का काम तेज कर दिया है। मिजोरम के छह अधिकारियों को पूछताछ के लिए 2 अगस्त को पेश होने का समन जारी किया गया है। इन अधिकारियों से असम के ढोलाई पुलिस स्टेशन में पेश होने को कहा गया है। मिजोरम पुलिस के वरिष्ठ अफसरों को भेजे गए इस समन से साफ हो गया है कि यह विवाद और बढ़ता ही जा रहा है।
सांसद के आवास पर नोटिस चस्पा
मामले की पड़ताल के लिए असम पुलिस दिल्ली तक पहुंच गई है और उसने मिजोरम के सांसद वनलालवेना के दिल्ली स्थित आवास पर एक नोटिस चस्पा कर दिया है। इस नोटिस में पूछताछ के लिए उन्हें एक अगस्त को पेश होने का निर्देश दिया गया है। वनलालवेना पर विवादित ट्वीट करने और असम पुलिस को लेकर भड़काऊ बयान देने का आरोप लगाया गया है।
वनलालवेना ने असम पुलिस पर गोलीबारी शुरू करने का आरोप लगाया था। अभी तक सांसद ने असम पुलिस की ओर से की गई इस कार्रवाई पर कोई प्रतिक्रिया नहीं जताई है। हालांकि जानकारों का कहना है कि वह अभी असम पुलिस के सामने आने से बच रहे हैं। जब मिजोरम के रेजिडेंट कमिश्नर ने असम पुलिस के नोटिस को लेने से इनकार कर दिया तो असम पुलिस ने सांसद के आवास पर नोटिस चस्पा करके उन्हें तलब किया है।
केंद्र सरकार की भूमिका पर उठे सवाल
दोनों राज्यों के बीच बढ़ रहे तनाव के माहौल में केंद्र सरकार की भूमिका पर भी सवाल उठाए जाने लगे हैं। केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने पिछले दिनों दोनों राज्यों के मुख्य सचिवों और डीजीपी को तलब किया था। गृह मंत्रालय की ओर से बुलाई गई इस बैठक में फैसला किया गया था कि विवादित स्थान से दोनों राज्यों की पुलिस को हटाकर अर्धसैनिक बलों की तैनाती की जाएगी। इस फैसले के बाद अर्धसैनिक बलों की तैनाती तो जरूर कर दी गई है मगर फिर भी तनाव कम होता नहीं दिख रहा है।
केंद्र सरकार की ओर से अभी तक इस विवाद को सुलझाने के लिए कोई बड़ी सियासी पहल नहीं की गई है। यही कारण है कि दोनों राज्यों की पुलिस एक-दूसरे के खिलाफ कार्रवाई करने में जुटी हुई है जिससे माहौल लगातार और भी तनावपूर्ण होता जा रहा है। कांग्रेस ने इसे गृह मंत्रालय की नाकामी बताते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से इस्तीफा देने की मांग की है।
असम की छवि बिगाड़ने की साजिश
असम सरकार हिंसक झड़प और गोलीबारी की घटना को सोची समझी साजिश बता रही है। असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा कई बार आरोप लगा चुके हैं कि ड्रग्स का धंधा करने वालों पर कार्रवाई किए जाने के बाद यह गोलीबारी की गई है और इसके जरिए असम की छवि को बिगाड़ने की साजिश रची गई है। उनका कहना है कि असम पुलिस के सख्त रवैये से कई लोगों में नाराजगी थी और उन्होंने सीमा विवाद के जरिए हिंसक झड़प को अंजाम दिया।
दूसरी और मिजोरम के मुख्यमंत्री जोरमथंगा गोलीबारी की घटना के लिए असम पुलिस को दोषी बता रहे हैं। उनका कहना है कि असम पुलिस की ओर से ही गोलीबारी की शुरुआत की गई। हालांकि उनका यह भी कहना है कि इस विवाद को बातचीत के जरिए ही सुलझाया जाना चाहिए।
शांति और संयम बरतने की अपील
इस बीच पूर्वोत्तर सांसद फोरम की ओर से असम और मिजोरम दोनों ही राज्यों से शांति और और संयम बरतने की अपील की गई है। फोरम का कहना है कि दोनों ही राज्यों के लोगों को एकजुटता और भाईचारे के साथ रहना चाहिए।
पूर्वोत्तर सांसद फोरम के अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू और शिलांग के सांसद विंसेंट एच पाला ने एक बयान में कहा कि दोनों राज्यों को सीमा विवाद के गंभीर मसले को हल करने के लिए ईमानदारी से पहल करनी चाहिए। इस विवाद का अंत बातचीत के जरिए ही किया जा सकता है। इसलिए दोनों राज्यों को हिंसा और तनातनी का रास्ता छोड़कर बातचीत के जरिए इस समस्या का समाधान खोजने की पहल करनी चाहिए।