Assembly Elections 2022: टल सकते हैं 5 राज्यों के विधानसभा चुनाव, आयोग कल बैठक में करेगा हालात की समीक्षा, स्वास्थ्य सचिव भी तलब
Assembly Elections 2022: कोरोना के बढ़ते संक्रमण से पैदा हुए हालात की समीक्षा के लिए चुनाव आयोग ने कल सोमवार को महत्वपूर्ण बैठक बुलाई है।
Assembly Elections 2022: देश के पांच राज्यों में जल्द ही विधानसभा चुनाव होने वाले हैं और ऐसे में कोरोना का बढ़ता संक्रमण चुनाव आयोग के लिए चिंता का विषय बन गया है। माना जा रहा है कि कोरोना के नए वैरिएंट की दस्तक के बाद बढ़ाते संक्रमण के कारण विधानसभा चुनाव टाले भी जा सकते हैं।
कोरोना के बढ़ते संक्रमण से पैदा हुए हालात की समीक्षा के लिए चुनाव आयोग ने कल सोमवार को महत्वपूर्ण बैठक बुलाई है। इस बैठक में केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण भी हिस्सा लेंगे। स्वास्थ्य मंत्रालय के कई अन्य अधिकारियों को भी इस बैठक में बुलाया गया है ताकि कोरोना के बढ़ते संक्रमण से पैदा हुए हालात की सही जानकारी मिल सके।
हाईकोर्ट ने भी दी थी आयोग को सलाह
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने भी हाल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चुनाव आयोग को कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए विधानसभा चुनाव टालने की सलाह दी थी। हाईकोर्ट का कहना था कि ऐसे माहौल में चुनाव को टाल दिया जाना चाहिए क्योंकि चुनाव के कारण संक्रमण काफी तेजी से फैल सकता है। हाईकोर्ट ने लोगों को कोरोना की तीसरी लहर से बचाने के लिए राजनीतिक दलों की रैलियों पर रोक लगाने का भी अनुरोध किया था। हाईकोर्ट का कहना था कि चुनाव को एक-दो माह के लिए टाल दिया जाना चाहिए क्योंकि अगर जीवन रहेगा तो चुनावी सभाएं और रैलियां आगे भी होती रहेंगी।
आयोग करेगा यूपी में हालात की समीक्षा
हाईकोर्ट की सलाह पर मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा का कहना था कि चुनाव आयोग जल्द ही उत्तर प्रदेश का दौरा करने वाला है। उत्तर प्रदेश में हालात का जायजा लेने के बाद इस बाबत उचित फैसला लिया जाएगा। जानकारों के मुताबिक कल होने वाली महत्वपूर्ण बैठक में आयोग हालात की समीक्षा करेगा और इसके बाद आयोग की टीम उत्तर प्रदेश का दौरा करेगी। इसके बाद विधानसभा चुनाव टालने का बड़ा फैसला लिया जा सकता है।
राजनीतिक दलों ने झोंकी पूरी ताकत
उत्तर प्रदेश समेत अन्य चुनावी राज्यों में जीत हासिल करने के लिए राजनीतिक दलों ने पूरी ताकत झोंक रखी है और विभिन्न सियासी दलों की बड़ी-बड़ी रैलियों और रोड शो का आयोजन किया जा रहा है। इन रैलियों के जरिए मतदाताओं का समर्थन हासिल करने की कोशिश की जा रही है। एक ईर तो कई राज्यों में नाइट कर्फ्यू लगाकर संक्रमण को रोकने की बात कही जा रही है तो दूसरी ओर दिन में बड़ी-बड़ी सभाओं का आयोजन हो रहा है जिनमें कोरोना प्रोटोकॉल की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। ऐसे में चुनाव होने पर कोरोना के व्यापक संक्रमण की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।
देश में ओमिक्रॉन का बढ़ता कहर
इस बीच देश में कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन के केसों में लगातार बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है। रविवार को ओमिक्रॉन के मध्य प्रदेश में आठ, हिमाचल प्रदेश में एक, आंध्र प्रदेश में दो और ओडिशा में 4 नए मामले दर्ज किए गए। देश में ओमिक्रॉन के संक्रमितों की संख्या करीब साढ़े चार सौ के आंकड़े पर पहुंच गई है।
अभी तक ओमिक्रॉन वैरिएंट देश के 18 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश में पहुंच चुका है। महाराष्ट्र में ओमिक्रॉन के सर्वाधिक 108 मामले दर्ज किए गए हैं। दूसरे नंबर पर दिल्ली है जहां अभी तक ओमिक्रॉन 79 केस सामने आ चुके हैं जबकि गुजरात तीसरे नंबर पर है जहां इस वैरिएंट के 43 मामले दर्ज किए जा चुके हैं।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि नए साल में संक्रमण की रफ्तार में जबर्दस्त तेजी आ सकती है और फरवरी में देश को तीसरी लहर का सामना करना पड़ सकता है।