किसान आंदोलन: आज 12 बजे है संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक, कई बड़े फैसलों पर लग सकती है मोहर, आंदोलन समाप्त होगा अथवा आगे और चलेगा?

भारतीय किसान यूनियन हरियाणा के प्रमुख गुरनाम सिंह चारुनी ने कहा कि-"हमने तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन के संबंध में केंद्र द्वारा दिए गए संशोधित मसौदे को स्वीकार कर लिया है।

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Published By :  Vidushi Mishra
Update: 2021-12-09 03:43 GMT

भारतीय किसान यूनियन हरियाणा के प्रमुख गुरनाम सिंह चारुनी (फोटो- सोशल मीडिया)

Kisan Andolan: केंद्र सरकार ने भले ही किसानों की तीनों कृषि कानून वापसी(kisano ka teen krishi kanoon vapasi bill) की शर्तों को मानते हुए कृषि कानूनों को रद्द कर दिया हो लेकिन अब किसान अन्य मांगों पर पूरी तरह से डेट हुए हैं। किसानों का कहना है कि जब तक सरकार एमएसपी पर क़ानून नहीं बना देती और किसानों के खिलाफ दर्ज मुकदमे वापस नहीं लिए जाते तबतक किसान आंदोलन ऐसे ही चलता रहेगा। इन्हीं बातों के मद्देनजर गुरुवार को दोपहर 12 बजे संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) ने एक बैठक का आयोजन किया है जो आगे चलकर आंदोलन के भविष्य की दिशा तय करेगा।

किसान नेताओं ने सरकार से औपचारिक बातचीत की मांग की है। भारतीय किसान यूनियन हरियाणा के प्रमुख गुरनाम सिंह चारुनी ने कहा कि-"हमने तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन के संबंध में केंद्र द्वारा दिए गए संशोधित मसौदे को स्वीकार कर लिया है।"

विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा

अब आगे के निर्णय के तौर पर संयुक्त किसान मोर्चा गुरुवार को दोपहर 12 बजे सिंघू बॉर्डर पर बैठक कर आंदोलन को हटाने पर औपचारिक फैसला करेगा। इस विषय में अपनी बात रखते हुए भारतीय किसान यूनियन हरियाणा के प्रमुख गुरनाम सिंह चारुनी (Gurnam Singh Charuni) ने बुधवार को कहा कि-"हम अपनी मांगों को लेकर सरकार के साथ सहमत हैं तथा इस मुद्दे में केंद्र से औपचारिक पत्र मिलते ही हम कल फिर बैठक करेंगे। जब तक हमारी मांगे पूरी नहीं हो जाती तबतक विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा।"

अभी तक किसान नेताओं द्वारा आंदोलन के विषय में कोई भी निर्णय नहीं लिया गया है, कब आन्दोलन आगे और चलेगा या फिर खत्म हो जाएगा इस विषय पर फैसला गुरुवार की बैठक में लिया जा सकता है।

आंदोलन सिर्फ स्थगित हुआ है समाप्त नहीं

बुधवार की आयोजित हुई एक बैठक में किसान आंदोलन (Kisan Andolan) को कोई अंतिम निर्णय लेने के पूर्व स्थगित करते हुए एक किसान नेता ने कहा कि-"हम एमएसपी क़ानून बनाने को लेकर अपनी मांगों पर डटे हुए हैं तथा आंदोलन सिर्फ स्थगित हुआ है समाप्त नहीं। अब आगे का कोई भी फैसला गुरुवार की बैठक के बाद लिए जाएगा।"

कुछ सूत्रों की मानें तो नवीनतम तौर पर भेजे गए प्रस्ताव में यह स्पष्ट किया गया है कि सरकार एमएसपी पर समिति में संयुक्त किसान मोर्चा के सदस्यों को शामिल करेगी करने के साथ ही उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, उत्तराखंड और हरियाणा की सरकारें किसानों के खिलाफ दर्ज मामलों को तत्काल प्रभाव से वापस लेंगी तथा दिल्ली में किसानों के खिलाफ दर्ज मुकदमे भी वापस लिए जाएंगे।

ऐसा माना जा रहा है कि सरकार के इस नए प्रस्ताव पर सहमति बन गई है, बस अब सिर्फ सरकार के हस्ताक्षर के साथ ही औपचारिक सहमति की प्रतीक्षा मात्र शेष है। एसकेएम ने बुधवार को अपनी कोर कमेटी की बैठक के बाद बताया कि एसकेएम गुरुवार को दोपहर 12 बजे सिंघू बार्डर पर एक और बैठक करेगा जिसके बाद ही किसी औपचारिक फैसले पर पहुंचा जाएगा।

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