JNU Violence: अब एक्शन मोड में केंद्र सरकार, शिक्षा मंत्रालय ने यूनिवर्सिटी से मांगी रिपोर्ट
JNU Violence: संभव है कि इस रिपोर्ट में इस बात की जानकारी हो सकती है कि रामनवमी के मौके पर कैंपस में बवाल क्यों हुआ? साथ ही, बवाल के बाद यूनिवर्सिटी की तरफ से क्या कदम उठाए गए।
JNU Violence : देश का प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थान जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) एक बार फिर सुर्ख़ियों में है। दरअसल, रामनवमी के मौके पर नॉनवेज (Non Veg) खाने को लेकर छात्रों के दो गुट आपस में भिड़ गए थे। कुछ ही देर में इस झड़प ने हिंसक रूप ले लिया। कई छात्र-छात्राएं इसमें घायल हुए। विवाद बढ़ता चला गया। अब, शिक्षा मंत्रालय ने इस पूरे मामले में संज्ञान लिया है।
केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने वामपंथी और दक्षिणपंथी यानी लेफ्ट व राइट विंग (Left and Right Wing) के छात्रों के बीच हुए हिंसक झड़प पर जेएनयू प्रशासन से रिपोर्ट तलब की है। शिक्षा मंत्रालय के एक अधिकारी ने जानकारी दी, कि 'रामनवमी के अवसर पर छात्रों के गुटों में हुए संघर्ष के बाद यूनिवर्सिटी कैंपस में व्याप्त अशांति को लेकर औपचारिक रिपोर्ट मांगी गई है।'
क्या हो सकता है रिपोर्ट में?
जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) में हुई हिंसा के दो दिन बाद शिक्षा मंत्रालय ने जेएनयू प्रशासन से रिपोर्ट तलब की है। संभव है कि इस रिपोर्ट में इस बात की जानकारी हो सकती है कि रामनवमी के मौके पर कैंपस में बवाल क्यों हुआ? साथ ही, बवाल के बाद यूनिवर्सिटी की तरफ से क्या कदम उठाए गए। ये माना जा रहा है, कि इस रिपोर्ट के बाद ही शिक्षा मंत्रालय कोई एक्शन लेगा।
क्या था मामला?
गौरतलब है, कि रामनवमी के अवसर पर जेएनयू के कावेरी हॉस्टल में रात के खाने के वक्त नॉन वेज खाने को लेकर दो गुटों में भिड़ंत हो गई थी। बाद में यह हिंसक रूप ले लिया। हालांकि, इस मामले में पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है। साथ ही ये भी बताया गया कि यूनिवर्सिटी में रामनवमी के मौके पर शांतिपूर्ण तरीके से हवन होने पर कुछ छात्रों ने आपत्ति जताई थी। देखते ही देखते हिंसा भड़क गई। ये दावा अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) ने किया। जबकि, लेफ्ट विंग के नेतृत्व वाले जेएनयू छात्रसंघ का आरोप है कि एबीवीपी के सदस्यों ने रामनवमी के अवसर पर कावेरी हॉस्टल के मेस में नॉन वेज परोसने का विरोध कर हमला बोल दिया था।
क्या कहा जेएनयू प्रशासन ने?
जेएनयू प्रशासन ने इस पूरे मामले पर सोमवार को कहा था, कि कैंपस में किसी भी तरह की हिंसा बर्दाश्त नहीं की जाएगी। साथ ही, छात्रों को ऐसी घटनाओं में शामिल नहीं होने की हिदायत दी। यूनिवर्सिटी ने एक बयान में साफ किया, कि नॉन वेज परोसने पर कोई रोक नहीं है। बयान में ये भी बताया कि हॉस्टल में मेस का संचालन छात्र समिति करती है। इसलिए खानपान की लिस्ट में विश्वविद्यालय प्रशासन का कोई लेना-देना नहीं है। इससे पहले, पुलिस ने बताया था कि इस झड़प में करीब 20 लोग घायल हुए थे।