नए कानूनों पर सीजेआई ने खड़े किए सवाल, कहा- बिना बहस के सदन में पास हो रहे कानून

बढ़ते मुकदमों के बोझ के बीच सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमन्ना ने नए कानूनों को लेकर बड़ा बयान दिया है।

Newstrack :  Network
Published By :  Raghvendra Prasad Mishra
Update: 2021-08-15 09:27 GMT

सीजेआई एनवी रमन्ना (फोटो साभार-सोशल मीडिया)

नई दिल्ली: बढ़ते मुकदमों के बोझ के बीच सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमन्ना ने नए कानूनों को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने स्वतंत्रता दिवस के मौके पर ध्वजारोहण के बाद अपने संबोधन में नए कानूनों का क्रि करते हुए कहा कि ऐसा लगता है कि कानून बनाते समय संसद में गुणवत्तापूर्ण बहस नहीं हो पा रहा है। इसके चलते मुकदमेबाजी लगातार बढ़ती जा रही है। बढ़ते मुकदमे के बीच नए कानूनों के पीछे मंशा और उद्देश्य की थाह ले पाने में अदालतें असमर्थ दिखाई दे रही हैं।

चीफ जस्टिस ने बीते दिनों संसद सत्र का हवाला देते हुए कहा कि आप उन दिनों सदनों में होने वाली बहसों पर गौर करें तो काफी तार्किक और बुद्धिमानी भरे हुआ करते थे। उस समय जो कानून बनते थे, उस पर सदनों में काफी बहस होती थी। लेकिन अब वह स्थिति नहीं नजर आती। संसद से पास होने वाले कानूनों में कई कमियां व अस्पष्टता होती है। जिसे हमें देखना पड़ रहा है।

उन्होंने कहा कि आज के समय के कानूनों में कोई स्पष्टता नहीं है। यह समझ पाना मुश्किल हो रहा है कि इन कानूनों को किस उद्देश्य के लिए बनाया जा रहा है। इससे मुकदमेबाजी बढ़ गई है, जिससे सरकार को भी असुविधा और नुकसान हो रहा है। इसके अलावा इस कानून से जनता को भी असुविधा हो रही है। उन्होंने कहा कि अगर में सदनों में तार्किक बहस करके इन कानूनों को बनाया जाता तो ऐसी स्थिति न आती है। इसी के साथ उन्होंने यह भी कहा कि अगर सदनों में बुद्धिजीवी और वकील जैसे पेशेवर लोग नहीं रहेंगे तो ऐसा ही होता रहेगा। सीजेआई का यह बयान केंद्र सरकार को कठघरे में खड़ा करने के लिए काफी है, क्योंकि कृषि कानूनों के विरोध में देश के किसान कई महीनों से दिल्ली की सीमाओं पर प्रर्दशन कर रहे हैं।

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