जानिए क्यों भाजपा में जा रहे हैं जितिन प्रसाद, कैसी थी कांग्रेस में अहमियत

जितिन प्रसाद ने दिल्ली विश्विद्यालय से बी.कॉम किया है जिसके बाद उन्होंने एमबीए भी किया। सबसे पहले जितिन ने 2001 में भारतीय युवा कांग्रेस में सचिव पद की जिम्मेदारी संभाली।

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Published By :  Shashi kant gautam
Update: 2021-06-09 07:53 GMT

नई दिल्ली: देश में एक तरफ जहां कोरोना महामारी चल रही है तो वहीं देश में आज राजनीतिक हलचल बढ़ गई है। कांग्रेस पार्टी के जानें मानें नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री जितिन प्रसाद आज भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो जाएंगे। केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल आज जितिन प्रसाद को पार्टी में की सदस्यता दिलाएंगे।

उत्तर प्रदेश के जनपद शाहजहांपुर से 2004 के लोकसभा चुनाव में चुनाव लड़े और जीतकर लोकसभा पहुंचे। बताया जा रहा है कि जितिन प्रसाद इस समय दिल्ली में ही हैं। कांग्रेस पार्टी के नेतृत्व पर सवाल उठाने वालों में जितिन प्रसाद का नाम भी प्रमुख नेताओं में आता है।

कांग्रेस के नेतृत्व में बदलाव के पक्ष में रहते थे

बता दें कि पूर्व केंद्रीय मंत्री जितिन प्रसाद उन 23 नेताओं में शामिल थे, जिन्होंने कांग्रेस के नेतृत्व में बदलाव और इसे और ज्यादा सजीव बनाने के लिए पत्र लिखा था। यूपी में इसको लेकर कुछ नेताओं ने विरोध भी किया था।

आखिर क्या राजनीतिक फायदा होगा बीजेपी को जितिन प्रसाद से

यूपी में अगले साल विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। इससे पहले बीजेपी अपने सभी सियासी समीकरण को दुरुस्त करने में जुट गई है। अंदरखाने खबर है कि बीजेपी से ब्राह्मणों का एक बड़ा तबका नाराज है। यह नाराजगी खासतौर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से है। ऐसे में बीजेपी, जितिन प्रसाद को शामिल कराकर ब्राह्मणों के बीच बड़ा संदेश देना चाहती है।

ब्राह्मणों के हक में आवाज उठाने वाले नेता

बीते काफी समय से जितिन प्रसाद ब्राह्मणों के हक में आवाज उठा रहे हैं। हालांकि, प्रदेश नेतृत्व से उन्हें समर्थन नहीं मिल रहा था। यही वजह थी कि जब जितिन ने ब्रह्म चेतना सवांद कार्यक्रम की घोषणा की तो पार्टी ने इससे किनारा कर लिया। कई नेताओं ने यह तक कहा कि वह उनका अपना निजी मसला है, इससे पार्टी का कोई लेना-देना नहीं है।

जितिन प्रसाद: फोटो- सोशल मीडिया  

आईये जानते हैं कि अब तक जितिन प्रसाद का राजनीतिक सफर कैसा रहा

जितिन प्रसाद ने दिल्ली विश्विद्यालय से बी.कॉम किया है जिसके बाद उन्होंने एमबीए भी किया। सबसे पहले जितिन ने 2001 में भारतीय युवा कांग्रेस में सचिव पद की जिम्मेदारी संभाली। 2004 के लोकसभा चुनाव में वो अपनी पारंपरिक सीट शाहजहांपुर से चुनाव लड़े और जीतकर लोकसभा पहुंचे। 2008 में जितिन को केंद्रीय राज्य इस्पात मंत्री बनाया गया। 

जितिन प्रसाद के पिता जितेन्द्र प्रसाद पुराने कांग्रेसी नेता

2009 के लोकसभा चुनाव में जितिन प्रसाद, धौरहरा सीट से लड़े और करीब दो लाख वोटों से जीत हासिल की। 2009 से 2011 तक वो सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री रहे। 2011-12 में उन्होंने पेट्रोलियम मंत्रालय की जिम्मेदारी संभाली। 2012-14 तक जितिन, मानव संसाधन विकास मंत्रालय में राज्यमंत्री भी रहे। 

जितिन प्रसाद के पिता जितेन्द्र प्रसाद, कांग्रेस के पुराने नेता रहे हैं। एक जमाने में जितेंद्र प्रसाद, पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी और नरसिम्हा राव के राजनीतिक सलाहकार रह चुके हैं। जितेंद्र कांग्रेस पार्टी में उपाध्यक्ष पद पर भी रहे हैं। 


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