हरीश रावत की नाराजगी दूर करने में जुटी कांग्रेस, आज होगी शीर्ष नेतृत्व की बैठक, उत्तराखंड में CM चेहरा कर सकती है घोषित
Congress Meeting Today: हरीश रावत के ट्वीट ने सियासी हलचलें तेज कर दी हैं। जिसके बाद कांग्रेस डैमेज कंट्रोल में जुटी हुई है। इसी क्रम में आज कांग्रेस ने एक बैठक बुलाई है, जिसमें रावत भी शामिल होंगे।
Congress Meeting Today: उत्तराखंड विधानसभा चुनाव (Uttarakhand Election 2022) से ठीक पहले कांग्रेस के दिग्गज नेता और उत्तराखंड के पूर्व सीएम हरीश रावत (Harish Rawat) के ट्वीट ने सियासी हलचलें तेज कर दी हैं। उन्होंने अपने ट्वीट्स के जरिए पार्टी से अपनी नाराजगी जाहिर की थी। उत्तराखंड कांग्रेस (Uttarakhand Congress) में मचा घमासान का यह मामला दिल्ली तक पहुंच चुका है। जिसके बाद कांग्रेस (Congress) अपने डैमेज कंट्रोल में जुट गई है। इसी क्रम में रावत को दिल्ली (Delhi) तलब किया गया है। जहां आज वो एक पूर्व निर्धारित बैठक में हिस्सा लेंगे।
दरअसल, अब पार्टी हरीश रावत (Harish Rawat) को मनाने की कोशिशों में जुट गई है, ऐसे में पार्टी ने इस संबंध में शुक्रवार यानी आज एक बैठक भी बुलाई है। जिसमें रावत भी शामिल होंगे। उनके अलावा उत्तराखंड के और भी सीनियर कांग्रेस नेता (Senior Congress Leader) दिल्ली पहुंच गए हैं। ऐसा माना जा रहा है कि इस मीटिंग के बाद कांग्रेस की ओर से रावत को उत्तराखंड का सीएम चेहरा घोषित किया जा सकता है या उन्हें चुनाव प्रचार को लेकर ज्यादा शक्तियां दी जा सकती हैं। बता दें कि गुरुवार को भी पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने रावत से मुलाकात की थी।
रावत के समर्थक में आए कई नेता
दूसरी ओर राज्यसभा सांसद प्रदीप तामता समेत कई विधायक हरीश रावत के समर्थन में आ गए हैं और उन्हें उत्तराखंड का मुख्यमंत्री चेहरा (Uttarakhand CM Face) बनाने को लेकर दबाव डाल रहे हैं। सोशल मीडिया पर अपनी पोस्टों के जरिए कई वरिष्ठ नेता और विधायक ने पूर्व मुख्यमंत्री को समर्थन देने की बात कही है। पोस्ट में कहा गया है कि 'जहां हरदा, वहां हम।' अब कहा यह भी जा रहा है कि अगर रावत का मुद्दा नहीं सुलझता है और स्थितियां बनती हैं तो उनके समर्थक पार्टी से भी अलग हो सकतते हैं। ऐसे में पार्टी के लिए रावत की नाराजगी दूर करना और भी जरूरी हो गया है।
प्रदेश प्रभारी से नाराज हैं रावत
रावत के ट्वीट को पार्टी के प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव पर परोक्ष हमले के रूप में देखा जा रहा है। हरीश रावत खेमे का मानना है कि यादव और कांग्रेस की दिल्ली टीम नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह को ज्यादा अहमियत दे रही है। रावत के करीबी नेताओं को संगठन में अहमियत नहीं दी जा रही है और यही कारण है कि रावत खेमे को लग रहा है कि टिकट बंटवारे में भी हरीश रावत ज्यादा महत्वपूर्ण भूमिका नहीं निभा पाएंगे।
जानकारों के मुताबिक पार्टी के प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव रावत विरोधियों को आगे बढ़ाने में लगे हैं और रावत की नाराजगी का यही सबसे बड़ा खराब है। राहुल गांधी की 16 दिसंबर को देहरादून में हुई रैली में हरीश रावत के समर्थन में नारेबाजी से भी देवेंद्र यादव नाराज हो गए थे। रावत के समर्थन में नारेबाजी करने वाले राजीव जैन को बाद में मंच संचालन से हटा दिया गया था।
सकारात्मक नतीजे की उम्मीद
प्रदेश कांग्रेस के प्रमुख गणेश गोडियाल का कहना है कि प्रदेश कांग्रेस के कुछ मुद्दों को लेकर हरीश रावत परेशान है। उन्होंने कहा कि शुक्रवार को होने वाली अहम बैठक में इन मुद्दों का समाधान करने की कोशिश की जाएगी। उन्होंने कहा कि बैठक में सकारात्मक परिणाम निकलने की उम्मीद है। गोडियाल को रावत का समर्थक माना जाता है और उन्होंने कहा कि बैठक में वे रावत को सीएम चेहरा घोषित करने का मुद्दा जरूर उठाएंगे। आज की बैठक में राहुल गांधी के भी मौजूद रहने की संभावना है। ऐसे में माना जा रहा है कि रावत की नाराजगी दूर करने के लिए उन्हें सीएम पद का चेहरा घोषित किया जा सकता है।
आपको बता दें पंजाब में जब सियासी उठापटक हुई और सीएम बदले गए उस वक्त हरीश रावत पंजाब के प्रभारी थे। पंजाब के हालात संभाले उसके बाद उन्हें उत्तराखंड भेज दिया गया। लेकिन बयानबाजी को लेकर आलाकमान से उनकी कुछ खटपट हुई थी। इस बीच रावत ने एक साथ तीन ट्वीट (Harish Rawat Tweet) कर आलाकमान पर हमला बोला है। हरीश रावत ने कहा है चुनाव रूपी समुन्द्र में संगठन सहयोग का हाथ नहीं बढ़ा रहा है, संगठन सहयोग की जगह मुंह फेरे खड़ा है।
क्या था हरीश रावत का ट्वीट (Harish Rawat Tweet)?
उत्तराखंड के पूर्व सीएम रावत ने बुधवार को ट्वीट किया था, चुनाव रूपी समुद्र है न अजीब सी बात, चुनाव रूपी समुद्र को तैरना है सहयोग के लिए संगठन का ढांचा अधिकांश स्थानों पर सहयोग का हाथ आगे बढ़ाने के बजाय या तो मुंह फेर करके खड़ा हो जा हा है या नकारात्मक भूमिका निभा रहा है, जिस समुद्र में तैरना है, सत्ता ने वहां कई मगरमच्छ छोड़ रखे हैं। जिनके आदेश पर तैरना है, उनके नुमाइंदे मेरे हाथ-पांव बांध रहे हैं।
मन में बहुत बार विचार आ रहा है कि हरीश रावत अब बहुत हो गया, बहुत तैर लिए अब विश्राम का समय है, फिर चुपके से मन के एक कोने से आवाज उठ रही है 'न दैन्यं न पलायनम्' बड़ी उपापोह की स्थिति में हूं, नया वर्ष शायद रास्ता दिखा दे। मुझे विश्वास है कि भगवान केदारनाथ जी इस स्थिति में मेरा मार्गदर्शन करेंगे।
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