Omicron variant: साउथ अफ्रीका में ढलान पर ओमीक्रान, अस्पताल में भर्ती होने की नौबत बहुत कम

Omicron variant: ओमीक्रान जानलेवा नहीं है (Omicron is not fatal), ये डेटा मिलने से उत्साहित साउथ अफ्रीका में तो अब कोरोना के बिना लक्षण वाले मरीजों के लिए क्वारंटाइन की बंदिश समाप्त कर दी गई है।

Written By :  Neel Mani Lal
Published By :  Shashi kant gautam
Update:2021-12-25 20:17 IST

साउथ अफ्रीका में ओमीक्रान: photo - social media

New Delhi: कोरोना (Coronavirus) के ओमीक्रान वेरियंट (Omicron variant) के बारे में कुछ अच्छी बातें निकल कर आ रही हैं। पहली बात तो ये कि ओमीक्रान से संक्रमित लोगों के अस्पताल में भर्ती होने की नौबत डेल्टा की तुलना में 80 फीसदी कम है। यानी ओमीक्रान संक्रमित तो करता है लेकिन गंभीर बीमार नहीं करता। दूसरी और बड़ी बात ये है कि साउथ अफ्रीका में ओमीक्रान (Omicron in South Africa) के संक्रमितों की संख्या अब पीक पर पहुंच कर नीचे आने लगी है। साउथ अफ्रीका में ही ये वेरियंट सबसे पहले मिला था।

क्वारंटाइन खत्म

ओमीक्रान जानलेवा नहीं है (Omicron is not fatal), ये डेटा मिलने से उत्साहित साउथ अफ्रीका में तो अब कोरोना के बिना लक्षण वाले मरीजों के लिए क्वारंटाइन की बंदिश समाप्त कर दी गई है। जो लोग टेस्टिंग में पॉजिटिव पाए गए हैं लेकिन उनमें कोई लक्षण नहीं है, ऐसे लोग अब मास्क पहन कर सोशल डिस्टेंसिंग के साथ अन्य लोगों से मिलजुल सकते हैं। उनको क्वारंटाइन करने की जरूरत नहीं है। इसके साथ ही कांटेक्ट ट्रेसिंग भी खत्म कर दी गई है। स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, नए प्रोटोकॉल तत्काल प्रभाव से लागू हो गए हैं। इसके साथ साथ साउथ अफ्रीका में अब बूस्टर डोज़ लगाने की अनुमति दे दी गई है और इसका अभियान शुरू कर दिया गया है।

नेचुरल इम्यूनिटी और वैक्सीनों का असर (Natural immunity and the effect of vaccines)

साउथ अफ्रीका के डेटा से ये भी पता चला है कि पिछले संक्रमण से उत्पन्न इम्यूनिटी का लेवल 80 फीसदी तक है। सो संक्रमण से तथा वैक्सीनेशन से बनी इम्यूनिटी का ही नतीजा है कि अब लोगों को अस्पताल में भर्ती होने की नौबत नहीं आ रही है। साउथ अफ्रीका में 45 फीसदी व्यस्क आबादी को वैक्सीन लग चुकी है।

साउथ अफ्रीका में ओमीक्रान: photo - social media

अब ढलान पर

ओमीक्रान के बारे में एक हैरानीवाली बात यह सामने आई है कि इसका संक्रमण जितनी तेजी से लोगों के बीच फैला है, उतनी तेजी से नीचे भी आया है। ओमीक्रान का एपिसेंटर साउथ अफ्रीका का गौतेंग शहर माना जा रहा है । वहां और देश के अन्य हिस्सों के बारे में नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ़ कम्युनिकेबल डिजीज (एनआईसीडी) के वैज्ञानिकों का कहना है कि ओमीक्रान की लहर पहले की अपेक्षा बहुत जल्दी चरम सीमा यानी पीक पर पहुँच गयी है। वैसे ये ट्रेंड कोरोना के शुरुआती वेरियंट्स में भी देखा गया था। 

साउथ अफ्रीका में ओमीक्रान: photo - social media

एनआईसीडी के डेटा के अनुसार, गौतेंग में मामलों की संख्या चरम स्थिति को पा कर अब ढलान पर है। नवम्बर के मध्य में यहाँ जीरो मामले थे, जो दिसंबर की शुरुआत में 10 हजार प्रतिदिन हो गए । लेकिन अब ये तेजी से घट कर 5 हजार प्रतिदिन हो गए हैं। साउथ अफ्रीका के अस्पतालों में कोरोना मरीजों की मौतें पहले की लहरों की अपेक्षा इस बार काफी कम हैं। जो मरीज भर्ती हुए हैं उनको बहुत कम दिन अस्पताल में रहना पड़ रहा है। डेटा के अनुसार इस बार अस्पतालों में भर्ती लोगों की संख्या 5.7 फीसदी है , जबकि पहले की लहर में ये 13 फीसदी था। इसी तरह अस्पतालों में मौतें पहली, दूसरी और तीसरी लहर के दौरान 19 फीसदी थी । लेकिन अब यह 5.6 फीसदी पाया गया है।

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