वैक्सीन पर बड़ा खुलासा: इम्यूनिटी को लेकर रिसर्च में सामने आई ये सच्चाई, आपके लिए जानना जरूरी
Coronavirus Vaccine Research: देश में हुए एक रिसर्च में वैक्सीन से बढ़ी इम्यूनिटी को लेकर बड़ी बात सामने आयी है। कई लोगों में 6 महीने बाद खत्म हुई इम्यूनिटी।
Coronavirus Vaccine Research: देश में कोरोनावायरस के कारण स्थितियां काफी चिंताजनक बनी हुई है। हालांकि बीते कुछ दिनों में देश में रोज आने वाली कोरोनावायरस आंकड़ों में थोड़ी कमी दर्ज की गई है लेकिन अभी भी कोरोना से स्थितियां गंभीर बनी हुई है। ऐसे में सरकार लोगों से लगातार वैक्सीन लगवाने की अपील कर रही है। वहीं जो फ्रंट लाइन वर्कर्स है उनके लिए हाल ही में सरकार ने बूस्टर डोज देने की भी बात कही है।
कोरोना के बढ़ते संक्रमण के बीच जब हम वैक्सीन लगवा लेते हैं तो हमारे जहन में सबसे ज्यादा यही सवाल आता है कि आखिर इस वैक्सीन से हमारे शरीर में इम्यूनिटी कितने दिनों तक बनी रहेगी कब तक हम व्यक्ति के सहारे कोरोना वायरस से बचे रह सकते हैं। इन सब सवालों का जवाब हाल ही में हुए एक रिसर्च में मिल गया है रिसर्च के मुताबिक वैक्सीन का असर एक साल के भीतर ही खत्म हो जाता है।
वैक्सीनेशन की इम्युनिटी को लेकर हाल ही में हैदराबाद की एआईजी हॉस्पिटल और एशियन हेल्थ केयर ने एक साथ मिलकर एक बड़ा रिसर्च किया है। इस रिसर्च में सैम्पल के तौर पर उन 1636 लोगों को शामिल किया गया जिन्हें वैक्सीन की दोनों डोज लग चुका था।
कोरोना वैक्सीन रिसर्च में खुलासा
रिसर्च में यह बात सामने आया कि हर 10 में से वैक्सीन की दोनों डोज ले चुके हुए व्यक्तियों में से 3 लोगों के भीतर इम्यूनिटी 6 महीने बाद बहुत कम हो जाती है। हालांकि अगर दूसरी डोज और बूस्टर डोज के बीच में 250 दिनों से अधिक अंतर रखा जाए तो देश के 70 फ़ीसदी से अधिक आबादी को इसका असर लंबे वक्त दिखेगा। हालांकि जो व्यक्ति किसी गंभीर बीमारी से जूझ रहा है उन्हें हर 6 महीने पर वैक्सीन की डोज लगवानी पड़ेगी।
रिसर्च के मुताबिक युवा वर्ग के लोगों में वैक्सीन की इम्युनिटी लंबे वक्त तक बरकरार रहती है। लेकिन बुजुर्ग या किसी गंभीर बीमारी से ग्रसित व्यक्ति के भीतर वैक्सीन का असर लंबे वक्त तक नहीं रह पाता है। ऐसे में उन्हें हर 180 दिन के बाद वैक्सीन की एक और डोज लगनी चाहिए।