खुलासा: कोरोना ने घटाई लोगों की आमदनी, जानिए कैसे बना दिया गरीब
कोरोना ने देश का दिवाला निकाल दिया है, इस साल लोगों का कोरोना के इलाज में 66 हजार करोड़ रुपये अतिरिक्त खर्च हुए हैं।
कोरोना संक्रमण ने देश के लोगों को तबाह कर दिया है। जहां लाखों परिवारों ने अपनों को खोया है, वहीं आज भी करोड़ों देशवासी इस बीमारी से पीड़ित हैं। इस बीमारी की चपेट में जो परिवार आए हैं उसकी आर्थिक परेशानी ने उनकी कमर तोड़कर रख दी है। जो पैसे दूसरी जरुरतों के लिए बचा कर रखे गए थे वह दवा खरीदने, ऑक्सीजन को लाने और अस्पताल में भर्ती होने से खर्च हो गए। इतना ही नहीं लाखों लोगों ने कर्ज लेकर अपना या अपने परिवार का इलाज कराया है।
अस्पतालों पर 66,000 करोड़ अतिरिक्त खर्च
हाल ही में भारतीय स्टेट बैंक (SBI) की एक रिपोर्ट में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। जिसमें कहा गया था कि देश में इस साल लोगों ने 66 हजार करोड़ रुपये अस्पतालों पर अतिरिक्त खर्च किए हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि कोरोना काल से पहले कभी भी भारत ने हेल्थकेयर पर इतने रुपये खर्च नहीं किया थे। कोरोना के प्रकोप से पहले भी अधिकांश भारतीय इलाज का खर्च अपनी जेब से ही देते थे। इस साल के इकनॉमिक सर्वे के मुताबिक 65 फीसदी भारतीय इलाज का खर्च खुद उठाते हैं। चीन में यह आंकड़ा 35 फीसदी और थाईलैंड में 10 फीसदी है। इसकी वजह यह है कि भारत में हेल्थकेयर पर खर्च राष्ट्रीय आय का महज 1 फीसदी है जो 3 फीसदी के आधिकारिक लक्ष्य से बहुत कम है।
प्रति व्यक्ति आय घटी
सरकारी अनुमानों के मुताबिक 2020-21 में प्रति व्यक्ति आय में 8,637 रुपये की कमी आई है। मान लीजिए कि सभी प्राइवेट और असंगठित क्षेत्र के कर्मचारियों की आय प्रभावित हुई है। इससे कुल 16,000 करोड़ रुपये का नुकसान होगा। इस अतिरिक्त बोझ से परिवारों को अपना खर्च कम करना पड़ेगा। इन सब कारणों से भारतीय परिवारों को कुल 66,000 करोड़ रुपये अतिरिक्त खर्च किए हैं। जो 2019-20 में भारतीय परिवारों द्वारा हेल्थ पर किए गए 6 लाख करोड़ रुपये खर्च का 11 फीसदी है।