इलेक्ट्रिसिटी (अमेंडमेंट ) बिल 2021: संसद में पेश हुआ तो देश भर के 15 लाख बिजली कर्मचारी व इंजीनियर उसी दिन करेंगे विरोध प्रदर्शन

Electricity Amendment Bill 2021: NCCOEEE ने फैसला किया है कि अगर केंद्र सरकार संसद में लेक्ट्रिसिटी (अमेंडमेंट) बिल 2021 पेश की तो देश भर में 15 लाख बिजली कर्मचारी और इंजीनियर उसी दिन विरोध प्रदर्शन करेंगे।

Newstrack :  Network
Published By :  Chitra Singh
Update: 2021-11-29 09:25 GMT

इलेक्ट्रिसिटी (अमेंडमेंट ) बिल 2021 (डिजाइन फोटो- सोशल मीडिया)

Electricity (Amendment) Bill 2021: बिजली कर्मचारियों और इंजीनियरों की राष्ट्रीय समन्वय समिति (NCCOEEE) ने आज (29 नवंबर) फैसला किया है कि अगर केंद्र सरकार संसद के शीतकालीन सत्र (winter session of parliament 2021) में इलेक्ट्रिसिटी (अमेंडमेंट) बिल 2021 (Electricity (Amendment) Bill 2021) के माध्यम से जल्दबाजी करने की कोशिश करेगी तो देश भर में 15 लाख बिजली कर्मचारी और इंजीनियर काम छोड़कर दिन भर विरोध प्रदर्शन करेंगे। यह विरोध प्रदर्शन अब तक का सर्वाधिक भागीदारी वाला प्रदर्शन होगा जिसके परिणामों की जिम्मेदारी केंद्र सरकार (central government) की होगी।

एनसीसीओईईई ने यह भी आह्वान किया है कि बिजली कर्मचारी संसद में इलेक्ट्रिसिटी (अमेंडमेंट) बिल 2021 को पेश करने और पारित कराने की केंद्र सरकार की एकतरफा कोशिश के खिलाफ उसी क्षण लाइटनिंग कार्रवाई के लिए सतर्क और तैयार रहें।

ऑल इंडिया पावर इंजीनियर्स फेडरेशन (एआईपीईएफ) के चेयरमैन शैलेंद्र दुबे ने यहां कहा कि एनसीसीओईईई की राष्ट्रीय समिति ने गंभीर चिंता के साथ नोट किया कि भारत सरकार ने संसद के आगामी शीतकालीन सत्र में बिजली (संशोधन) विधेयक, 2021 को कानून बनाने के लिए अपनी अड़ियल स्थिति दिखाई है। भारत के गरीब और ग्रामीण लोगों के लिए बिजली आपूर्ति के अधिकारों पर अंकुश लगाने का उद्देश्य संसद के शीतकालीन सत्र के एजेंडे से संकेत मिलता है कि इलेक्ट्रिसिटी (अमेंडमेंट) बिल 2021 संसद के इसी सत्र में पेश किया जाएगा।

इलेक्ट्रिसिटी (फोटो- सोशल मीडिया)

इस परिस्थिति में एनसीसीओईईई ने उसी दिन बड़े पैमाने पर राष्ट्रव्यापी विरोध प्रदर्शन आयोजित करने का निर्णय लिया, जिस दिन भी विधेयक को संसद में रखा जाएगा। एनसीसीओईईई के सभी घटक अपने सदस्यों की यथासंभव अधिकतम भागीदारी सुनिश्चित करेंगे। दिन भर चलने वाले प्रदर्शन में व्यापक भागीदारी के परिणाम की जिम्मेदारी भारत सरकार को ही वहन करनी होगी।

एनसीसीओईईई नेशनल चैप्टर की बैठक 3 दिसंबर को दिल्ली में होगी। इस बैठक में आगे की कार्ययोजना तय की जाएगी। यदि भारत सरकार विधेयक को अधिनियमित करने में जल्दबाजी करती है, तो एनसीसीओईईई के घटकों को एक्सप्रेस संचार के माध्यम से लाइटनिंग कार्रवाई का सहारा लेने के लिए खुद को तैयार रखना चाहिए।

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