Farm Laws Repealed Update: शरद पवार ने कृषि कानूनों की वापसी का किया स्वागत, बोले किसानों व राज्य सरकारों को विश्वास में लिए बगैर लाए गए थे
Farm Laws Repealed Update: एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने के फैसले का स्वागत किया हैं।
Farm Laws Repealed update live news: केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसान पिछले एक साल से दिल्ली की अलग अलग सीमाओं पर आंदोलन कर रहे हैं। इस बीच देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने आज सुबह 9 बजे देश को संबोधित करते हुए तीनों नए कृषि कानूनों को वापस करने का एलान किया है। जिसके बाद पूर्व केंद्रीय कृषि मंत्री और एनसीपी प्रमुख शरद पवार (Sharad Pawar Statement on Farms Law) ने भी तीनों कृषि कानूनों के वापस लेने का तो स्वागत किया है लेकिन सरकार पर हमला बोलते हुए कहा है कि ये तीनों कृषि कानून किसानों से बिना बातचीत के लाए गए थे। और राज्य सरकारों को विश्वास में नहीं लिया गया था।
शरद पावर ने कृषि कानूनों को वापस लेने का स्वागत किया
एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने तीनों कृषि कानूनों (agricultural laws revoked) को वापस लेने के फैसले का स्वागत किया हैं। शरद पावर ने कहा यह किसानों की जीत है। किसान इन तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ हर हाल में आंदोलन में डटे रहे। जिसके बाद ही केंद्र सरकार को तीनों कृषि कानूनों को वापस लेना ही पड़ा है।
पवार ने आगे किसानों का अभिनंदन करते हुए बोले कि एक साल तक अहिंसात्मक और शांति पूर्ण ढंग से आंदोलन करना आसान काम नहीं है। इसके साथ ही उन्होंने कहा चुनाव को लेकर लोग बीजेपी से सवाल करने लगे तो सरकार ने कृषि कानूनों को वापस ले लिया।
शरद पवार ने किसानों का सलाम किया
शरद पवार ने किसानों को सलाम करते हुए कहा कि यह किसान आंदोनलन की वजह से संभव हो पाया है। उन्होंने आगे कहा कि कानूनों में बदलाव का निर्णय मंत्रिमंडल में लेना जरूरी होता है। कृषि विषय राज्य सरकारों से ज्यादा संबंधित होते हैं। जिसके लिए राज्य सरकारों को विश्वास में लेना जरूरी था, लेकिन केंद्र सरकार ने ऐसा नहीं किया।
शरद पावर ने कहा कि जब मैं कृषि मंत्री था, तब मेरे पास कानूनों का विषय आया था तो इस पर पार्लियामेंट में बहस होनी थी। उन्होंने कहा बिना चर्चा के कानून न हो इसलिए हमने उस समय इस कानून को पारित नहीं किया था। शरद पवार ने आगे कहा हम सभी स्टेकहोल्डर्स से बातचीत के बाद ही कानून लाने वाले थे,लेकिन हमारी सरकार चली गई। जिसके बाद मोदी सरकार ने तीन कृषि कानूनों को पारित करने में इस प्रक्रिया का पालन नहीं किया। और संसद में हंगामे के बीच बिल पास करवाए गए।