रेमिडिसिविर की शीशी में बेच रहे थे पेरासिटामोल, कीमत जानकर उड़ जाएंगे होश

देश में कोरोनावायरस की दूसरी लहर बेहद खतरनाक होती जा रही है। जिसके चलते देश में रेमडेसिविर इंजेक्शन की किल्लत हो रही है। इसी बीच महाराष्ट्र से एक ऐसा मामला सामने आया है जिसके सुन आपके होश उड़ जाएंगे।

Published By :  Monika
Update: 2021-04-18 02:12 GMT

रेमडेसिविर इंजेक्शन (फाइल फोटो )

बारामती: देश में कोरोनावायरस की दूसरी लहर बेहद खतरनाक होती जा रही है। जिसके चलते देश में रेमडेसिविर इंजेक्शन की किल्लत हो रही है । इसी बीच महाराष्ट्र से एक ऐसा मामला सामने आया है जिसके सुन आपके होश उड़ जाएंगे । बारामती में पुलिस ने एक ऐसे गिरोह का पर्दाफाश किया है जो रेमडेसिविर इंजेक्शन की खाली शीशी में पैरासिटामोल की दवाई भर कर बेच रहा था । इस बेफिक्री के साथ कि इससे कितने लोगों की जान दाव पर लग सकती है। ये गिरोह इस नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन को 35,000 में बेच रहे थे ।

दरअसल, बारामती में एक व्यक्ति को रेमडेसिविर इंजेक्शन की तत्काल आवश्यकता थी। उसे पता चला कि एक निजी अस्पताल में रेमडेसिविर इंजेक्शन मिल रहा है । जिसके बाद उसने उस गिरोह के एक सदस्य से संपर्क किया । उसने बताया कि वह एक कोविड केंद्र में काम करता है । वह जरूरतमंदों को रेमडेसिविर इंजेक्शन बेचता है। जब उस व्यक्ति ने इंजेक्शन मांगा तो शख्स ने 35,000 रुपये की मांग की साथ ही दो इंजेक्शन के लिए 70,000 रुपये मांगे ।

इस मामले की सूचना जब पुलिस अधिकारी नारायण शिरगावकर और पुलिस निरिक्षक महेश ढवाण को मिली तब उन्होंने मौके पर पहुंच गिरोह को गिरफ्तार कर लिया । पुलिस की कड़ी पूछताछ करने पर आरोपी ने अपने तीन साथियों का नाम बताया । जिसके बाद पुलिस ने 4 लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस के लगातार पूछताछ करने पर एक चौकाने वाला खुलासा हुआ ।

गिरोह का मास्टरमाइंड करता था ये काम 

इस गिरोह के पीछे मास्टरमाइंड दिलीप गायकवाड का हाथ था जो की एक इंश्योरेंस कंसलटेंट में काम करता है । रेमडेसिविर इंजेक्शन की कमी को देखते हुए उसके दिमाग में पैसा कमाने का तरीका आया था। ज्यादा पैसे कमाने के चलते उसने दो और साथियों को इस प्लान में जोड़ा। पहले तो इस गिरोह का प्लान था कि कहीं से भी रेमडेसिविर इंजेक्शन लाकर ज्यादा कीमतों में बेचेंगे पर सभी जगह पर रेमडेसिविर इंजेक्शन की किल्लत होने से उन्हें इस प्लान में सफलता नहीं मिली । जिसके बाद गिरोह ने नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन बेचने का प्लान बनाया ।

जहां गिरोह का मास्टरमाइंड दिलीप गायकवाड इंश्योरेंस कंसलटेंट में काम करता है, वही उसका एक साथी कोविड सेंटर में काम करता था । वो वहा से खाली शीशी इकट्ठा करता था । जिसके बाद गिरोह खाली शीशी में पैरासिटामोल की गोलियों को पानी में मिलाकर बेचने लगे । इस नकली इंजेक्शन को बेचने के लिए ये लोग 5000 रुपये से लेकर 35000 तक वसूल रहे थे ।

इस मामले पर एसपी नारायण शिरगावकर ने बताया कि उन्होंने चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है। जिसमे दिलीप गायकवाड़, संदीप गायकवाड़, शंकर भिसे और प्रशांत घरत को गिरफ्तार किया गया है। गिरफ्तारी के बाद पुलिस इस मामले की गहन जांच में लगी हुई है ।

रेमडेसिविर इंजेक्शन की कीमतों पर भारी कटौती

आपको बता दें कि देश में बढ़ते कोरोना मरीजों को देखते हुए केंद्र सरकार ने रेमडेसिविर इंजेक्शन की कीमतों को घटा दिया है। कंपनियों ने रेमडेसिविर इंजेक्शन की किल्लत को देखते हुए दवा के दाम करीब 60 फीसदी तक घटा दिए हैं। साथ ही सरकार ने दवा कंपनियों से इसके उत्पादन बढ़ाने को कहा है।

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