बढ़ते मामलों और वैक्सीन पर डॉ. हर्षवर्धन का बयान, सिर्फ 10 दिन का इंतजार बाकी

देश में एक तरफ कोरोना के बढ़ते संक्रमण से हाहाकार मचा हुआ है, और दूसरी तरफ वैक्सीन के डोज के खत्म होने से...

Published By :  Vidushi Mishra
Update: 2021-04-11 01:18 GMT
फोटो-सोशल मीडिया

नई दिल्ली। देश में एक तरफ कोरोना के बढ़ते संक्रमण से हाहाकार मचा हुआ है, और दूसरी तरफ वैक्सीन के डोज के खत्म होने से सियासी हलचलें सक्रिय हो गई हैं। ऐसे में इन सबके बीच केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन ने कोरना वैक्सीन के स्टाक पर जो भी राजनीति हो रही और देश में अभी केवल 2 टीके ही क्यों लग रहे हैं? इस बारे में कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच चुनाव करवाने सहित तमाम महत्वपूर्ण सवालों के जवाब दिये हैं।

6 वैक्सीन क्लीनिकल ट्रायल में 

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि एक साल के अंदर हमने 2 वैक्सीन तैयार कर लिए। इसके अलावा अभी 6 वैक्सीन क्लीनिकल ट्रायल में चल रही हैं जबकि 14 प्री-क्लीनिकल ट्रायल मोड में हैं। हमारे पास जो 2 वैक्सीन है उसके साढ़े 9 करोड़ डोज दिए जा चुके हैं। उन्होंने इन सबका क्रेडिट सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दिया।

वैक्सीन पर उठे इस सवाल- फाइज़र या मॉडर्ना की वैक्सीन को भारत में अभी तक नहीं लाए जाने के सवाल पर हर्षवर्धन ने बताया कि फाइज़र ने एक बार शुरू में यहां पर आवेदन किया था, लेकिन जब उन्हें यह बताया गया कि यहां उन्हें ट्रायल करना होगा तो उन्होंने अपना आवेदन वापस ले लिया। वहीं मॉडर्ना ने तो कभी कोई आवेदन ही नहीं किया है।

ऐसे में इस वक्त कोरोना के नए स्ट्रेन दुनियाभर के विशेषज्ञों को फिर से चिंता में डाल चुके हैं। जबकि भारत समेत कई देशों में कोरोना के मामलो ने फिर से रफ्तार पकड़ है। इस पर विशेषज्ञों का कहना है कि यह वायरस नए स्ट्रेन में और भी अधिक शक्तिशाली होकर लौटा है।


नया स्ट्रेन अधिक शक्तिशाली और खतरनाक

बीते पुराने स्ट्रेन से जहां बच्चों को इतना खतरा नहीं था, वहीं नए स्ट्रेन बच्चों के लिए भी अधिक खतरनाक हो गया है। ऐसे में सबसे बड़ी चिंता इस बात की है कि भारत और दुनियाभर में कई शैक्षणिक संस्थान खुल गए हैं, जबकि ऐसी अब तक कोई भी वैक्सीन नहीं बनी है जिसकी खुराक बच्चों को दी जाने की इजाजत मिली हो।

इसी कड़ी में कोरोना को लेकर जारी किए गए अध्ययन और रिसर्च के मुताबिक, नया स्ट्रेन पहले के मुकाबले अधिक शक्तिशाली और खतरनाक है, जो आसानी से इम्यून सिस्टम और एंटीबॉडीज़ से बचकर शरीर को नुकसान पहुंचा सकता है।

जबकि पहले देखा जा रहा था कि केवल बड़े ही इससे प्रभावित हो रहे थे, वहीं अब शैक्षणिक संस्थानों से सामने आती रिपोर्ट्स दिखाती हैं कि अब बच्चे भी इसका शिकार होने लगे हैं। कुछ महामारी विशेषज्ञों का मानना है कि नया स्ट्रेन बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता को पार कर आसानी से नुकसान पहुंचा सकता है।

इसके साथ ही स्पूतनिक वैक्सीन के उपयोग को मंज़ूरी दिए जाने के सवाल पर डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि हमारे पास इसके लिए आवेदन है और मैं समझता हूं कि हफ़्ते या 10 दिन के अंदर इसके आपातकालीन इस्तेमाल के प्रयोग के लिए इजाजत दे दी जाएगी।

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