पुलिस को मिले इनपुट, हैदरपोरा कब्रिस्तान से गिलानी के शव को निकालने की तैयारी, ड्रोन से हो रही निगरानी

सैय्यद अली शाह गिलानी के शव को हैदरपोरा स्थित कब्रिस्तान से निकाल कर पूराने शहर स्थित ईदगाह कब्रिस्तान में दफ़नाने का प्रयास हो रहा है।

Newstrack :  Network
Published By :  Monika
Update: 2021-09-07 03:33 GMT

सैय्यद अली शाह गिलानी (फोटो : सोशल मीडिया ) 

Syed Ali Shah Geelani: जम्मू कश्मीर के अलगाववादी नेता सैय्यद अली शाह गिलानी (Syed Ali Shah Geelani) का निधन एक सितम्बर को हुआ जिसके बाद दो सितम्बर को अंतिम संस्कार भी कर दिया गया। जिसके बाद अब ऐसे इनपुट सामने आए हैं कि सैय्यद अली शाह गिलानी के शव को हैदरपोरा स्थित कब्रिस्तान से निकाल कर पूराने शहर स्थित ईदगाह कब्रिस्तान में दफ़नाने का प्रयास हो रहा है। जिसके लिए शहर के कई इलाकों में पाबंदियां लगाई गई है।

हैदरपोरा और ईदगाह की सभी सड़कों पर बैरिकेडिंग की गई हैं। निगरानी के लिए ड्रोन का इस्तेमाल किया जा रहा है। वहीं अधिकारियों का कहना है कि उन्हें ऐसी जानकारी मिली थी कि गिलानी के शव को ईदगाह कब्रिस्तान में दफ़नाने के लिए हैदरपोरा कब्र से निकालने का प्रयास किया जा सकता है। इस जगह कई आतंकवादियों और अलगाववादी नेताओं को दफनाया जा चूका है। पिछले साल फ़रवरी में अलगाववादियों ने एक बयान जारी किया था जिसके अनुसार सैय्यद अली ने ईदगाह कब्रिस्तान में झुड को दफ़नाने की इच्छा जाहिर की थी।

सामान्य जनजीवन प्रभावित

ऐसे में शेहर में लगे प्रतिबंद के चलते सामान्य जनजीवन प्रभावित हुआ। इंटरनेट सेवा निलंबन होने के कारण छात्रों के ऑनलाइन क्लास नहीं चल सके। अभी फिलहाल इंटरनेट सेवा घाटी में ब्रॉडबैंड और फाइबर प्लेटफॉर्म पर ही उपलब्ध है। साथ ही बनिहाल से बारामुला आने जाने वाली ट्रेन सेवा भी स्थगित कर दी गई है।

कब्र की निगरानी के लिए सीसीटीवी कैमरे

बता दें, हैदरपोरा कब्रिस्तान में निगरानी के लिए सीसीटीवी कैमरे को पहले ही लगाये जा चुके हैं। अधिकारियों का कहना है कि अवांछनीय तत्वों की ओर से अशांति फैलाने के लिए कब्र के साथ छेड़छाड़ किए जाने की आशंका है जिसके चलते ये कदम उठाए गए हैं।

अंतिम संस्कार को लेकर बेटे का ये बयान 

वही उनके अंतिम संस्कार के वक़्त काफी विवाद पैसा हुआ था। 92 साल के गिलानी का निधन एक सितम्बर को हुआ था अंतिम सस्कार 2 सितम्बर। गिलानी के बेटे का कहना है कि उनका अंतिम संस्कार परिवार की मर्जी के खिलाफ किया गया था। लेकिन पुलिस ने इन आरोपों से इनकार कर दिया था। 


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