Kisan Andolan: किसान आंदोलन खत्म करने पर आज फैसला, संगठनों ने बुलाई बड़ी बैठक
Kisan Andolan: किसान संगठन आंदोलन को कब खत्म करना है, इसे लेकर सोमवार को एक अहम बैठक करने जा रहे हैं।
Kisan Andolan: बीते एक साल से जारी किसान आंदोलन (Kisan Andolan) के भविष्य पर आज यानी सोमवार को बड़ा फैसला हो सकता है। किसान संगठन (Kisan Sangathan) आज धरना कब खत्म होगा, इसे लेकर अहम बैठक (Kisano Ki Baithak) करने जा रहे हैं। पंजाब (Punjab) के सभी 32 किसान संगठनों ने मौजूदा हालातों पर चर्चा करने के लिए सिंघु बॉर्डर (Singhu Border) पर यह बैठक बुलाई है। इस बैठक में यह फैसला होगा कि किसान घर वापसी (Kisan Ki Ghar Wapasi) कब करेंगे।
जाहिर है कि किसानों की एक मांग को केंद्र की मोदी सरकार (Modi Government) ने स्वीकार करते हुए कृषि कानूनों की वापसी (Krishi Kanoon Ki Wapasi) की घोषणा की थी और आज संसद के शीतकालीन सत्र (Sansad Ka Sheetkalin Satra) के पहले दिन केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर (Narendra Singh Tomar) लोकसभा में कानूनों को निरस्त करने वाला विधेयक पेश करेंगे। लोकसभा से पारित होने के बाद सोमवार को ही यह विधेयक राज्यसभा में भी पेश किया जा सकता है।
एसकेएम की बैठक से पहले चर्चा करेंगे पंजाब के किसान संगठन
ऐसा माना जा रहा है कि संसद में कृषि कानूनों को वापस लेने वाला बिल पारित होने के बाद कुछ संगठन आंदोलन को खत्म कर घर वापसी कर सकते हैं। ऐसे में पंजाब के किसान संगठनों की इस बैठक को काफी ज्यादा अहम माना जा रहा है। हालांकि इससे पहले संयुक्त किसान मोर्चा (Samyukt Kisan Morcha) ने किसान आंदोलन को लेकर कहा कि वो 4 दिसंबर को आगे की कार्रवाई तय करने के लिए बैठक करेगा। इस बीच पंजाब किसान संगठन आंदोलन को कब खत्म करना है इस पर आज चर्चा करने जा रहे हैं।
अंतिम फैसला करेगा SKM
बैठक को लेकर बीकेयू (डकोंडा) के बूटा सिंह ने कहा कि पंजाब के किसान संगठन इस दौरान कब घर वापसी करनी है, इस पर चर्चा करेंगे, अगर कानूनों को निरस्त कर दिया जाता है और किसानों की एक संयुक्त समिति गठित की जाती है। अगर ऐसा नहीं होता है तो Samyukt Kisan Morcha आगे की कार्रवाई तय करेगा। वहीं, बीकेयू (राजेवाल) के परगट सिंह का कहना है कि यह बैठक निर्णायक होगा, लेकिन अंतिम फैसला 4 दिसंबर को SKM ही करेगा। ऐसा कहा जा रहा है कि SKM की बैठक से पहले हरियाणा के संगठन भी 4 दिसंबर की सुबह बैठक करेंगे।
अब किन मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं किसान?
जाहिर है कि पीएम मोदी (PM Modi) ने किसानों की एक मांग (Kisano Ki Mang) को स्वीकार कर लिया है और वो है कृषि कानूनों को निरस्त करना। इसके बाद अब किसान चाहते हैं कि सरकार एमएसपी पर कानून (MSP Par Kanoon) तैयार करे। किसानों को MSP की गारंटी (MSP Ki Guarantee) दी जाए। इसके अलावा किसान आंदोलन (Farmers Protest) में जान गंवाने वाले किसानों के परिवार को मुआवजा देने की मांग किसान कर रहे हैं। किसानों का यह भी कहना है कि मृतक किसानों की याद में स्मारक तैयार किया जाए और किसानों पर दर्ज मुकदमों को वापस लिया जाए।
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