Kisan Andolan: सरकार के प्रस्ताव पर सहमति बनने के बाद ही बुधवार को संयुक्त किसान मोर्चा करेगा अगला एलान
Kisan Andolan: बीते एक साल से चल रहे किसान आंदोलन को खत्म करने का एलान किसान संगठन कल यानी बुधवार को कर सकते हैं।
Kisan Andolan: बीते एक साल से चल रहे किसान आंदोलन (Farmers Protest) खत्म करने का एलान किसान संगठन कल यानी बुधवार को कर सकते हैं। दरअसल, संयुक्त किसान मोर्चा को केंद्र का प्रस्ताव का मिला और तीनों मांगों पर सहमति जता दी गई है। मोदी सरकार ने धरने पर बैठे किसानों को ड्राफ्ट प्रपोजल भेजा था। जिसके बाद संयुक्त किसान मोर्चा की आपात बैठक बुलाई गई। अब कहा जा रहा है कि किसान आंदोलन खत्म होने का एलान बुधवार को कर दिया जाएगा। जिसके बाद एक साल बाद आंदोलनरत किसान घर वापसी करेंगे।
किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा है, ''सरकार ने प्रस्ताव दिया कि वे हमारी मांगों पर सहमत होंगे और हमें विरोध समाप्त कर देना चाहिए। लेकिन प्रस्ताव स्पष्ट नहीं है। हमें आशंका है, जिस पर कल दोपहर 2 बजे चर्चा होगी। हमारा आंदोलन कहीं नहीं जा रहा है। यहीं रहेगा।''
गौरतलब है कि केंद्र ने पिछले हफ्ते संसद में तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने के लिए एक विधेयक पारित किया था, इसके बाद किसानों द्वारा एमएसपी, मुआवजे और मामलों को वापस लेने को लेकर गतिरोध जारी था, संयुक्त किसान मोर्चा ने किसानों की लंबित मांगों को पूरा नहीं करने पर विरोध तेज करने की धमकी दी थी।
आंदोलन को खत्म कर पर चर्चा जारी
संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने बताया है कि गृह मंत्रालय से एक पत्र मिला है जिसमें बाद में किसानों की लंबित मांगों को पूरा करने के लिए सहमति व्यक्त की गई है। इसके बाद दिल्ली के सिंघु बॉर्डर पर एक आपात बैठक बुलाई गई। बैठक में एक साल से अधिक पुराने आंदोलन को समाप्त करने पर चर्चा की गई।
सरकार द्वारा तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने की घोषणा के बाद अपनी मांगों को दोहराते हुए संयुक्त किसान मोर्चा न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को कानूनी दिये जाने किसानों के परिवारों के खिलाफ मुकदमे वापस लिए जाने। पिछले साल और आंदोलन के दौरान पिछले एक साल में मारे गए किसान परिवारों को मुआवजा दिये जाने की मांग कर रही है। सरकार ने 29 नवंबर को तीन कृषि कानूनों को निरस्त कर दिया था।
क्या है सरकार के प्रस्ताव में?
सरकार के प्रस्ताव में न्यूनतम समर्थन मूल्य को कानूनी रूप दिये जाने वाली समिति में संयुक्त किसान मोर्चा के प्रतिनिधियों को शामिल किये जाने, किसानों पर से मुकदमे वापस लिए जाने, किसानों को पंजाब मॉडल के आधार पर मुआवजा दिये जाने का प्रस्ताव किया गया है।
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