Nawab Malik Arrest: मलिक की गिरफ्तारी पर महाराष्ट्र में सियासी भूचाल, सत्ता पक्ष और विपक्ष आमने-सामने, भाजपा इस्तीफे की मांग पर अड़ी
Nawab Malik Arrest: प्रवर्तन निदेशालय की टीम ने बुधवार को मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में लंबी पूछताछ के बाद नवाब मलिक को गिरफ्तार किया है।
Nawab Malik Arrest: महाराष्ट्र के मंत्री और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (Nationalist Congress Party) के वरिष्ठ नेता नवाब मलिक (Nawab Malik Arrest) की ईडी की ओर से गिरफ्तारी के बाद महाराष्ट्र सियासी घमासान काफी तेज हो गया है। मलिक (Nawab Malik Arrest) के खिलाफ पहले से ही हमलावर भाजपा (BJP) ने मलिक के इस्तीफे की मांग (demand of resignation) की है। पार्टी का कहना है कि अगर मलिक मंत्री पद से इस्तीफा नहीं देते हैं तो उन्हें बर्खास्त किया जाना चाहिए। पार्टी इस मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन (Protest) की तैयारी में भी जुटी हुई है।
दूसरी ओर महाविकास अघाड़ी गठबंधन (Mahavikas Aghadi gathbandhan) में शामिल शिवसेना (shivsena) और एनसीपी (NCP) ने नवाब मलिक (Nawab Malik Arrest) का बचाव किया है। दोनों दलों ने मलिक के इस्तीफे की मांग ठुकरा दी है और कहा है कि केंद्र की ओर से केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग किया जा रहा है। एनसीपी मुखिया शरद पवार ने साफ तौर पर कहा है कि केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग के खिलाफ आवाज बुलंद करने के कारण मलिक को निशाना बनाया जा रहा है। इस मुद्दे को लेकर सत्तापक्ष और विपक्ष में आर-पार की जंग शुरू हो गई है।
इसलिए हुई मलिक की गिरफ्तारी
प्रवर्तन निदेशालय की टीम ने बुधवार को मनी लॉन्ड्रिंग (money laundering) के मामले में लंबी पूछताछ के बाद मलिक को गिरफ्तार किया है। बाद में विशेष कोर्ट ने मलिक को तीन मार्च तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। ईडी की ओर से कोर्ट में दलील दी गई कि हसीना (Hasina) दाऊद इब्राहिम (Dawood Ibrahim) का बिजनेस संभालती थी। ईडी के मुताबिक हसीना (Hasina) ने पावर ऑफ अटार्नी के आधार पर साढ़े तीन करोड़ की संपत्ति सिर्फ 55 लाख में नवाब मलिक को बेच दी थी। इसके अलावा ईडी की ओर से मलिक पर टेरर फंडिंग का आरोप भी लगाया गया है। गिरफ्तारी के बाद मलिक ने कहा है कि वह इस मुद्दे पर लड़ाई लड़कर जीतने में कामयाब होंगे।
शिवसेना और एनसीपी ने किया बचाव
नवाब मलिक की गिरफ्तारी के बाद सत्ता पक्ष और भाजपा के बीच सियासी घमासान काफी तेज हो गया है। शिवसेना और एनसीपी के नेता मलिक के पक्ष में उतर आए हैं। शिवसेना सांसद संजय राउत का साफ तौर पर कहना है कि भाजपा की ओर से राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों को माफिया की तरह निशाना बनाया जा रहा है। केंद्र सरकार के निशाने पर खास तौर पर ऐसे लोग हैं जिन्होंने सत्ता पक्ष के झूठ को उजागर किया है। उन्होंने कहा कि भाजपा को यह बात नहीं भूलनी चाहिए कि 2024 के चुनाव के बाद आपको भी इसी तरह जांच का सामना करना पड़ेगा और नतीजा भुगतने के लिए तैयार रहना होगा।
एनसीपी के नेता छगन भुजबल का कहना है कि ईडी की इस कार्रवाई के खिलाफ पार्टी लड़ाई लड़ेगी। उन्होंने कहा कि केवल आरोप लगा देने से ही मलिक मंत्री पद से इस्तीफा नहीं देंगे।
पवार का नाहक परेशान करने का आरोप
एनसीपी के मुखिया शरद पवार भी मलिक के बचाव में उतर आए हैं। उन्होंने कहा कि मलिक खुलकर केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग के खिलाफ बोलते रहे हैं। इसी कारण ईडी की ओर से उन्हें परेशान किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हमें पहले ही इस प्रकार की कार्रवाई की आशंका थी। उन्होंने कहा कि किसी के मुस्लिम होने पर उसके तार दाऊद इब्राहिम से जोड़ दिए जाते हैं।
अंडरवर्ल्ड से उसका कोई भी रिश्ता न होने के बावजूद इस तरह का काम किया जाता है। उन्होंने कहा कि 1990 के दशक की शुरुआत में जब वे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री थे तो उन्हें भी निशाना बनाने की कोशिश की गई थी। पवार ने कहा कि इतना लंबा समय बीतने के बाद भी स्थितियों में कोई बदलाव नहीं आया है।
भाजपा ने तेज किए हमले
दूसरी ओर मलिक की गिरफ्तारी के बाद भाजपा ने हमले और तेज कर दिए हैं। महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि ईडी की ओर से नियमों के अनुरूप ही मलिक की गिरफ्तारी की गई है और इस मुद्दे पर किसी भी प्रकार की राजनीति नहीं की जानी चाहिए। फडणवीस ने पिछले साल नवंबर महीने के दौरान मलिक के अंडरवर्ल्ड से तार जुड़े होने का आरोप लगाया था। उनका आरोप था कि मलिक व उनके परिवार के सदस्य एक कंपनी से जुड़े हुए थे और कंपनी ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर कुर्ला में काफी महंगी जमीन औने-पौने दाम पर खरीदी थी। उन्होंने मलिक पर अंडरवर्ल्ड के साथ चार सौदे करने का भी आरोप लगाया था।
फडणवीस ने कहा कि दाऊद जैसे देश के दुश्मनों के साथ रिश्ते रखने वाले का बचाव करने पर देश की जनता को भी जवाब देने के लिए आगे आना होगा। उन्होंने कहा कि सत्ता पक्ष की ओर से इस मुद्दे का राजनीतिकरण करने का प्रयास किया जा रहा है जो कि पूरी तरह गलत है। उन्होंने कहा कि पार्टी की ओर से गुरुवार को इसके खिलाफ विरोध प्रदर्शन भी किया जाएगा।
सियासी जंग और तेज होने के आसार
मलिक के गिरफ्तारी के बाद महाराष्ट्र की सियासत में भूचाल आ गया है और सत्ता पक्ष और विपक्ष दो-दो हाथ करने के लिए तैयार हैं। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और टीएमसी की मुखिया ममता बनर्जी ने इस विवाद में कूद पड़ी हैं और उन्होंने भी केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग का आरोप लगाया है।
उनका कहना है कि विरोधियों को परेशान करने के लिए केंद्र सरकार की ओर से केंद्रीय एजेंसियों का इस्तेमाल किया जा रहा है। एनसीपी मुखिया शरद पवार ने अपने आवास पर पार्टी नेताओं की बैठक करके भविष्य की रणनीति तय की है और माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में इसे लेकर सियासी जंग और तेज होगी।