Maharashtra: नए सियासी समीकरण के संकेत, अजान के खिलाफ तेवर दिखाकर BJP के करीब आए राज ठाकरे

Maharashtra: राज ठाकरे हिंदुत्व के मुद्दे पर फ्रंट फुट पर बैटिंग करने में जुटे हैं। राज ठाकरे शिवसेना पर भी निशाना साधने में जुटे हुए हैं। उनकी भाजपा से सियासी दोस्ती की राह खुलती दिख रही है।

Written By :  Anshuman Tiwari
Published By :  aman
Update: 2022-04-04 10:02 GMT

Maharashtra: महाराष्ट्र की सियासत (Maharashtra Politics) में इन दिनों महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) के प्रमुख राज ठाकरे (Raj Thakrey) खासी चर्चाओं में हैं। महाराष्ट्र के महाविकास अघाड़ी (MVA) गठबंधन में कांग्रेस और एनसीपी के साथ शामिल शिवसेना के तेवर सियासी मजबूरी के चलते हिंदुत्व के मुद्दे पर नरम पड़ चुके हैं। दूसरी ओर, राज ठाकरे हिंदुत्व के मुद्दे को लेकर फ्रंट फुट पर बैटिंग करने में जुट गए हैं।

मस्जिदों में तेज आवाज में लाउडस्पीकर बंद करने और बंद न करने की स्थिति में तेज आवाज में हनुमान चालीसा (Hanuman Chalisa) बजाए जाने की धमकी देकर उन्होंने हिंदुत्व के मुद्दे पर एक बार फिर अपने इरादे जाहिर कर दिए हैं।

नया सियासी गुल खिल रहा

राज ठाकरे शिवसेना पर भी निशाना साधने में जुटे हुए हैं। इस कारण उनकी भाजपा से सियासी दोस्ती की राह खुलती दिख रही है। शिवसेना के साथ गठबंधन टूटने के बाद अब भाजपा को राज ठाकरे के रूप में नया सियासी दोस्त मिलने की चर्चाएं काफी तेज हो गई हैं। दूसरी ओर शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी के सियासी दबाव की वजह से हिंदुत्व के मुद्दे पर पूरी तरह बैकफुट पर दिख रही है। ऐसे में राज्य की सियासत में नया सियासी गुल खिलता दिख रहा है।


सियासी दबाव में नरम पड़ी शिवसेना

महाराष्ट्र में पिछले विधानसभा चुनाव के बाद मुख्यमंत्री पद को लेकर भाजपा और शिवसेना का गठबंधन टूट गया था। शिवसेना प्रमुख और मौजूदा मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की सियासी महत्वाकांक्षा इस गठबंधन के टूटने का प्रमुख कारण बनी थी। उद्धव को सीएम की कुर्सी पर बिठाने के लिए शिवसेना को वैचारिक रूप से अपनी विरोधी माने जाने वाली कांग्रेस और एनसीपी से समझौता करना पड़ा था। महाविकास अघाड़ी गठबंधन में कांग्रेस और एनसीपी के कारण शिवसेना ने हिंदुत्व के मुद्दे पर अपना तेवर काफी नरम कर लिया है। ऐसे में माना जा रहा है कि राज ठाकरे उग्र तेवर दिखाकर शिवसेना का विकल्प बनने की कोशिश में जुटे हुए हैं। उनके ताजा बयान को इसी से जोड़कर देखा जा रहा है और यही कारण है कि शिवसेना भी राज ठाकरे को जवाब देने की कोशिश में जुट गई है।


राज ठाकरे के भाजपा से हाथ मिलाने की अटकलें

महाराष्ट्र की सियासत में लंबे समय तक शिवसेना और भाजपा का साथ रहा है। हिंदुत्व के मुद्दे पर दोनों दलों के सियासी विचार भी पूर्व में एक जैसे रहे हैं और इस कारण इस गठबंधन को सियासी मजबूती भी मिली। पिछले विधानसभा चुनाव में भी महाराष्ट्र के मतदाताओं ने इसी गठबंधन को सरकार चलाने का मौका दिया था मगर शिवसेना मुखिया उद्धव ठाकरे की सियासी महत्वाकांक्षा की वजह से दोनों दलों की राहें जुदा हो गईं। शिवसेना का साथ छूटने के बाद अब भाजपा को भी महाराष्ट्र की सियासत में नए साझीदार की तलाश है और राज ठाकरे भाजपा की तलाश को पूरी करते दिख रहे हैं। राज ठाकरे के बयान के दूसरे दिन ही केंद्रीय मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता नितिन गडकरी का उनके आवास पर जाकर मिलना अनायास नहीं था। दोनों नेताओं के बीच महाराष्ट्र की सियासत को लेकर चर्चाएं भी हुई हैं। इसके बाद से ही राज ठाकरे के भाजपा से हाथ मिलाने की अटकलें लगाई जा रही हैं।

शिवसेना के वोट बैंक में सेंध लगाने की कोशिश

सियासी जानकारों का मानना है कि महाराष्ट्र में खुद को मजबूत बनाने के लिए राज ठाकरे ने अपनी हिंदुत्ववादी नेता की छवि बनाने की कोशिश शुरू कर दी है। वे शिवसेना के हिंदू वोट बैंक में सेंध लगाने की कोशिश में जुट गए हैं। राज ठाकरे का यह नया सियासी अवतार भाजपा के लिए काफी मुफीद बैठता है और इसी कारण दोनों के नजदीक आने की सियासी चर्चाओं को तेजी मिली है। उत्तर भारतीयों के खिलाफ अभियान छेड़ने के कारण अभी तक भाजपा भी राज ठाकरे से दूरी बना कर चलती थी मगर ठाकरे के हिंदुत्ववादी अवतार के बाद अब भाजपा के साथ हुई उनकी सियासी दोस्ती की जमीन तैयार होने लगी है। मस्जिदों में तेज आवाज में बजने वाले लाउडस्पीकर के खिलाफ भाजपा पहले से ही आवाज उठाती रही है और अब ठाकरे के बयान के बाद भाजपा नेताओं ने भी उनका समर्थन किया है।


राज ठाकरे पर शिवसेना का हमला

दूसरी ओर, राज ठाकरे के बयान के बाद शिवसेना ने भी उन पर निशाना साधने में तनिक भी देरी नहीं की। शिवसेना सांसद संजय राउत ने कहा है, कि राज ठाकरे का पूरा बयान भाजपा की ओर से लिखा गया और प्रायोजित है। पिछले विधानसभा चुनाव के जनादेश को लेकर राज ठाकरे की टिप्पणी पर भी संजय राउत ने तीखी प्रतिक्रिया जताई। उन्होंने कहा, कि झूठे लोगों को सबक सिखाने और महाराष्ट्र को स्थिर सरकार देने के लिए ही महाविकास अघाड़ी गठबंधन बनाया गया है। उन्होंने कहा, कि भाजपा और शिवसेना के बीच अतीत में जो कुछ हुआ, उसमें किसी तीसरे व्यक्ति को दखल देने की जरूरत नहीं है।

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