Makar Sankranti 2022: 14 और 15 जनवरी दो दिन मनाई जाएगी मकर संक्रांति, भारत के पड़ोसी देशों में अलग अलग नामों से मनाए जाने का विधान
Makar Sankranti 2022: दिनांक 14 जनवरी 2022, पौष शुक्ल द्वादशी को रात्रि 8:45 पर सूर्य का मकर राशि में प्रवेश होना है। इसके पश्चात 15 जनवरी त्रयोदशी को ही मकर संक्रांति मनाये जाने का विधान निर्धारित है।
Makar Sankranti 2022: पिता पुत्र के प्रेम पूर्ण संबंधों में कर्तव्य, उत्तरदायित्व, प्रेम, अधिकारों के विमर्श की एक लंबी ऐतिहासिक समृद्ध परंपरा हमारी सनातनी धार्मिक और सांस्कृतिक विरासत रही है।ऋग्वेद में अजीर्गत और शनुःशेप से शुरू हुई ये विमर्श पौराणिक काल में ब्रह्मर्षि परशुराम एवम यमदग्नि से होता हुआ महाकाव्य के काल में राजा दशरथ और प्रभु श्री राम तथा राजा शांतनु ओर देवव्रत (भीष्म पितामह) जैसे आदर्शों की एक लंबी महागाथा से समृद्धि प्राप्त करता रहा है।
स्कंद पुराण के अनुसार सूर्य को दूसरी पत्नी सवर्णा के तीन संतान तपती, भद्रा और शनि में से तीसरे क्रम के शनिदेव काले थे। अतः सूर्य ने अपनी पत्नी पर संदेह करते हुए शनि देव को अपनाने से इंकार किया। कालांतर में सूर्य देव को अपनी गलती का एहसास हुआ परंतु पिता पुत्र का यह विरोध कम न हो सका। तभी से सूर्य का अपने नाराज पुत्र मकर (शनि के घर) राशि में प्रवेश करने की खगोलीय घटना, धार्मिक महत्व की मानी जाने लगी।
दिनांक 14 जनवरी 2022, पौष शुक्ल द्वादशी को रात्रि 8:45 पर सूर्य का मकर राशि में प्रवेश होना है। इसके पश्चात 15 जनवरी त्रयोदशी को ही मकर संक्रांति मनाये जाने का विधान निर्धारित है। विभिन्न प्रांतों में तथा भारत के पड़ोसी देशों में भी इस त्योहार को अलग अलग नाम से मनाए जाने का विधान है। यथा–
मकर संक्रांति (संक्रान्ति) : छत्तीसगढ़, गोआ, ओड़ीसा, हरियाणा, बिहार, झारखण्ड, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक, केरल, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, मणिपुर, राजस्थान, सिक्किम, उत्तर प्रदेश, उत्तराखण्ड, पश्चिम बंगाल, गुजरात और जम्मू
ताइ पोंगल, उझवर तिरुनल : तमिलनाडु
उत्तरायण : गुजरात, उत्तराखण्ड
उत्तरैन, माघी संगरांद : जम्मू
शिशुर सेंक्रात : कश्मीर घाटी
माघी : हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, पंजाब
भोगाली बिहु : असम
खिचड़ी : उत्तर प्रदेश और पश्चिमी बिहार
पौष संक्रान्ति : पश्चिम बंगाल
मकर संक्रमण : कर्नाटक
विभिन्न नाम भारत के बाहर संपादित (Various names outside India)
बांग्लादेश : Shakrain/ पौष संक्रान्ति
नेपाल : माघे संक्रान्ति या 'माघी संक्रान्ति' 'खिचड़ी संक्रान्ति'
थाईलैण्ड : सोंगकरन
लाओस : पि मा लाओ
म्यांमार : थिंयान
कम्बोडिया : मोहा संगक्रान
श्री लंका : पोंगल, उझवर तिरुनल
पूर्वी उत्तरप्रदेश का एक बड़ा जिला गोरखपुर, नाथ संप्रदाय के प्रवर्तक गुरु गोरक्षनाथ की तपो भूमि रही है। नेपाल नरेश द्वारा पहली खिचड़ी चढ़ाए जाने से इस सिद्ध पीठ में खिचड़ी पर्व और मेले का आयोजन सर्वविदित है। 14 जनवरी की देर रात्रि से यह खिचड़ी चढ़ाए जाने का विधान है। आमजन द्वारा 15 जनवरी को मकर संक्रांति पर्व मनाया जाएगा।
देवेंद्र भट्ट (गुरु जी)