Nasal Coronavirus Vaccine: भारत बायोटेक की नेजल वैक्सीन को दूसरे चरण की मंजूरी, नाक से दिया जाने वाला पहला टीका

Nasal Coronavirus Vaccine: स्वदेशी वैक्सीन बनाने वाली भारत बायोटेक के नाक से दिए जाने वाले टीके के दूसरे चरण के टेस्ट में मंजूरी मिल गई है।

Newstrack :  Network
Published By :  Vidushi Mishra
Update:2021-08-14 07:48 IST

 नेजल टीके के दूसरे चरण के टेस्ट की मंजूरी (फोटो- सोशल मीडिया)

Nasal Coronavirus Vaccine: देश में कोरोना वायरस के खिलाफ स्वदेशी वैक्सीन बनाने वाली भारत बायोटेक के नाक से दिए जाने वाले टीके के दूसरे चरण के टेस्ट में मंजूरी मिल गई है। दूसरे चरण के इस क्लिनिकल परीक्षण के बारे में डिपार्टमेंट ऑफ बायोटेक्नॉलजी (DBT) ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। इस पर डीबीटी ने कहा कि 18 साल से 60 साल के आयुवर्ग के समूह में पहले चरण का क्लिनिकल परीक्षण पूरा हो गया है।

नाक से दिए जाने वाले इस टीके के बारे में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने शुक्रवार को बताया कि भारत बायोटेक द्वारा विकसित किए गए नेजल वैक्सीन को नियामक से दूसरे और तीसरे चरण के ट्रायल की मंजूरी मिल गई है। इस नेजल वैक्सीन के विकास में बायोटेक्नोलॉजी विभाग और इसकी पीएसयी बायोटेक्नोलॉजी उद्योग शोध सहायता परिषद (BIRAC) ने सहयोग किया है।

 क्लिनिकल परीक्षण की मंजूरी


डिपार्टमेंट ऑफ बायोटेक्नॉलजी (DBT) ने कहा, 'भारत बायोटेक का नाक से दिया जाने वाला (इन्ट्रानेजल) टीका पहला नेजल टीका है जिसे दूसरे चरण के परीक्षण के लिए नियामक की मंजूरी मिल गयी है।' पहले एक बयान में डीबीटी ने कहा था कि दूसरे और तीसरे चरण के क्लिनिकल परीक्षण की मंजूरी मिल गई है। यह इस तरह का पहला कोविड-19 टीका है जिसका भारत में मनुष्य पर क्लिनिकल परीक्षण होगा।

बता दें, यह टीका बीबीवी154 है जिसकी प्रौद्योगिकी भारत बायोटेक ने सेंट लुईस में वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी से प्राप्त की थी। इस पर डीबीटी ने कहा, ''कंपनी ने जानकारी दी है कि पहले चरण के क्लिनिकल परीक्षण में स्वस्थ प्रतिभागियों को लगाई गयी टीके की खुराकों को शरीर द्वारा अच्छी तरह स्वीकार किया गया है। किसी गंभीर प्रतिकूल प्रभाव की जानकारी नहीं है।''

डीबीटी की सचिव डॉ रेणु स्वरूप ने कहा, 'मिशन कोविड सुरक्षा के माध्यम से विभाग, सुरक्षित और प्रभावोत्पादक कोरोना-रोधी टीकों के विकास के लिए प्रतिबद्ध है। भारत बायोटेक की BBV154 कोविड वैक्सीन देश में विकसित की जा रही पहली इंट्रानेज़ल वैक्सीन है, जो नैदानिक ​​​​परीक्षणों (Clinical Trials) के चरण में प्रवेश कर रही है।'

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