Omicron Variant News: अब मिला 'Stealth Omicron', टेस्ट में पता नहीं चलता कोरोना वेरिएंट का
Omicron Variant News: कई देशों से वैज्ञानिकों को कोरोना वायरस के ऐसे मामले मिले हैं जिनमें ओमिक्रॉन वेरिएंट का भी बदला हुआ स्वरूप है। यानी अब ओमिक्रॉन भी दो तरह का हो गया है।;
ओमीकॉन वायरस की तस्वीर (फोटो:सोशल मीडिया)
Omicron Variant News: वैज्ञानिकों को कई देशों में कोरोना वायरस (Coronavirus) से संक्रमण के ऐसे केस मिले हैं जिनमें ओमिक्रॉन वेरिएंट (Omicron Variant) का भी बदला हुआ स्वरूप है। यानी अब ओमिक्रॉन भी दो तरह का हो गया है, एक में 50 म्यूटेशन हैं जबकि दूसरे में कुछ कम और अलग तरह के म्यूटेशन हुए हैं। ओरिजिनल ओमिक्रॉन और नए वाले संस्करण में मिली भिन्नताओं के चलते ओरिजिनल ओमिक्रॉन को बीए1 नंबर दिया गया है जबकि नए ओमिक्रॉन को बीए2 नंबर से पहचाना जा रहा है।
ओमिक्रॉन की नई लाइन को कुछ वैज्ञानिक 'स्टील्थ' कह रहे हैं। स्टील्थ के मायने होते हैं चोरी-छिपे यानी ये वेरिएंट पकड़ में नहीं आता है। आरटीपीसीआर टेस्ट (RTPCR Test) में ये तो पता चल जाता है कि कोरोना संक्रमण है लेकिन वैज्ञानिक ओमिक्रॉन का पता लगाने के लिए जिस जेनेटिक सोर्स को देखते हैं वह बीए2 में सिरे से नदारद होता है। इससे फर्क ये पड़ता है कि ओमिक्रॉन की ट्रैकिंग नहीं हो पाती है। किसी को कोरोना हुआ है ये तो पता चल जाएगा लेकिन वह ओमिक्रॉन संक्रमण है या नहीं, ये पता करना बेहद मुश्किल होगा। इसके अलावा अभी ये भी पता चला पाया है कि बीए2 कितना संक्रामक और असरदार है।
साउथ अफ्रीका, साउथ कोरिया, ऑस्ट्रेलिया और कनाडा में स्टील्थ ओमिक्रॉन के मामले पाए जा चुके हैं। जब तक अधिक से अधिक मामलों की जीनोम सीक्वेंसिंग नहीं हो जाती तब तक स्टील्थ ओमिक्रॉन की असली तस्वीर का पता चलना लगभग असम्भव है। स्टील्थ ओमिक्रॉन क्यों, कैसे और कहाँ से आया है ये भी सवाल अनसुलझा है। ब्रिटिश वैज्ञानिकों का कहना है कि ओमीक्रान का दो अलग अलग हिस्सों में बंट जाना चिंता की बात है क्योंकि अब ट्रेसिंग और टेस्टिंग एक बहुत बड़ी चुनौती बन गयी है।
Omicron (Photo- Social Media)
भारत की स्थिति
भारत में देश के कई बड़े राज्यों में ओमिक्रॉन वेरिएंट के मामले सामने आ चुके हैं और इनकी संख्या बढ़ना निश्चित है। आईआईटी कानपुर ने एक गणितीय मॉडल के आधार पर देश में जनवरी और फरवरी में ओमिक्रॉन वेरिएंट के कारण तीसरी लहर आने का अनुमान जताया है। संस्थान ने इसके डेल्टा वेरिएंट के कारण आई दूसरी लहर के मुकाबले हल्की होने का अंदाजा भी लगाया है। उसने कहा है कि अगर मौजूदा वैक्सीनें ओमिक्रॉन के खिलाफ बिल्कुल भी प्रभावी साबित नहीं होती हैं तो तीसरी लहर की पीक के दौरान 1-1.5 लाख दैनिक मामले सामने आ सकते हैं। अब इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने भी तीसरी लहर की चेतावनी दे दी है। वैसे अभी तक ओमिक्रॉन के कम से कम 23 पुष्ट केस मिल चुके हैं। इनका विस्तार रोकने के लिए अब कुछ उपाय उठाये जाने शुरू हो गए हैं।