ऑक्सीजन की शुरू होंगी 551 इकाइयां, अस्पतालों में होंगे स्थापित

कोरोना की दूसरी लहर में ऑक्सीजन की जबर्दस्त किल्लत और मारामारी को देखते हुए सरकार ने कोरोना की तीसरी लहर का मुकाबला करने की युद्धस्तर पर तैयारी शुरू कर दी है।

Written By :  Ramkrishna Vajpei
Published By :  Monika
Update: 2021-04-25 12:59 GMT

ऑक्सीजन प्लांट (फोटो : सोशल मीडिया )

नई दिल्ली: कोरोना (Coronavirus) की दूसरी लहर में ऑक्सीजन (Oxygen) की जबर्दस्त किल्लत और मारामारी को देखते हुए सरकार ने कोरोना की तीसरी लहर का मुकाबला करने की युद्धस्तर पर तैयारी शुरू कर दी है। इसके तहत अस्पतालों में ऑक्सीजन की उपलब्धता बढ़ाने के प्रधानमंत्री (Prime minister Narendra Modi) के निर्देश के तहत, पीएम केयर्स फंड (PM Cares Fund) ने देश में सार्वजनिक स्वास्थ्य केंद्रों पर 551 समर्पित पीएसए (प्रेशर स्विंग ऐड्सॉर्प्शन) चिकित्सा ऑक्सीजन उत्पादन संयंत्रों की स्थापना के लिए धन आवंटन को सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है।

पीएम ने निर्देश दिया है कि इन संयंत्रों को जल्द से जल्द शुरू किया जाए। उन्होंने कहा कि इन संयंत्रों से जिला स्तर पर ऑक्सीजन की उपलब्धता सुनिश्चित करने में काफी मदद मिलेगी। ये समर्पित संयंत्र विभिन्न राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों में जिला मुख्यालयों पर चिन्हित सरकारी अस्पतालों में स्थापित किए जाएंगे। खरीद प्रक्रिया स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के माध्यम से की जाएगी।

ऑक्सीजन सिलेंडर (फोटो : सोशल मीडिया )

162 डेडिकेटेड प्रेशर स्विंग ऐड्सॉर्प्शन

पीएम केयर्स फंड ने इस साल की शुरुआत में देश में सार्वजनिक स्वास्थ्य केंद्रों पर अतिरिक्त 162 डेडिकेटेड प्रेशर स्विंग ऐड्सॉर्प्शन (पीएसए) मेडिकल ऑक्सीजन उत्पादन संयंत्र लगाने के लिए 201.58 करोड़ रुपये आवंटित किए थे।

जिला मुख्यालयों के सरकारी अस्पतालों में पीएसए ऑक्सीजन उत्पादन संयंत्र स्थापित करने का मुख्य उद्देश्य सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणाली को और मजबूत करना है और यह सुनिश्चित करना है कि इनमें से प्रत्येक अस्पतालों में कैप्टिव ऑक्सीजन उत्पादन की सुविधा बनी रहे। इस तरह से अपने स्तर पर ऑक्सीजन उत्पादन सुविधा से इन अस्पतालों और जिले की दिन-प्रतिदिन की मेडिकल ऑक्सीजन की जरूरतें पूरी हो सकेंगी।

ऑक्सीजन सिलेंडर जल्द अस्पतालों में होंगे स्थापित (फोटो :सोशल मीडिया )

इसके अलावा, तरल चिकित्सा ऑक्सीजन (एलएमओ) कैप्टिव ऑक्सीजन उत्पादन के 'टॉप अप' के रूप में काम करेगा। इस तरह की प्रणाली यह सुनिश्चित कर सकेगी कि जिले के सरकारी अस्पतालों को ऑक्सीजन की आपूर्ति में अचानक व्यवधान न उत्पन्न हो सके और कोरोना मरीजों व अन्य जरूरतमंद मरीजों के लिए निर्बाध रूप से पर्याप्त ऑक्सीजन मिल सके।

Tags:    

Similar News