मानसून सत्र से पहले विपक्ष को साधने में जुटी सरकार, राजनाथ और पीयूष गोयल ने उठाया बड़ा कदम

Parliament Monsoon Session 2021: कांग्रेस नेता राहुल गांधी एलएसी पर चीन की घुसपैठ को लेकर मोदी सरकार को लगातार घेरते रहे हैं। ऐसे में मानसून सत्र से पहले इस बैठक को काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

Written By :  Anshuman Tiwari
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Published By :  Shivani
Update: 2021-07-17 05:44 GMT

राजनाथ सिंह File Photo

Parliament Monsoon Session 2021: संसद के मानसून सत्र से पहले केंद्र की मोदी सरकार (Modi Sarkar) की ओर से विपक्ष को साधने की दिशा में बड़ा कदम उठाया गया है।‌ रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने शुक्रवार को देश के दो पूर्व रक्षा मंत्रियों वरिष्ठ कांग्रेस नेता एके एंटनी (AK Antony) और एनसीपी के मुखिया शरद पवार (Sharad Pawar) के साथ महत्वपूर्ण बैठक की। इस बैठक में दोनों पूर्व रक्षा मंत्रियों को पूर्वी लद्दाख में एलएसी (LAC) पर चीन के साथ चल रही तनातनी के संबंध में विस्तृत जानकारी दी गई।

दूसरी ओर हाल में राज्यसभा (Rajya Sabha) में नेता बनाए गए केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल (Piyush Goyal) ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, एनसीपी प्रमुख शरद पवार और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा के साथ विस्तृत विचार विमर्श किया। सरकार की ओर से 18 जुलाई को सर्वदलीय बैठक भी बुलाई गई है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और पीयूष गोयल की ओर से उठाए गए इस कदम को मानसून सत्र से पहले विपक्ष को साधने की कवायद माना जा रहा है। संसद का मानसून सत्र 19 जुलाई से शुरू होकर 13 अगस्त तक चलेगा।

दो पूर्व रक्षा मंत्रियों के साथ बैठक

केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने देश के पूर्व रक्षा मंत्रियों एके एंटनी और शरद पवार को शुक्रवार को अपने आवास पर निमंत्रित किया था। इस महत्वपूर्ण बैठक में चीफ आफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत और सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवने भी मौजूद थे। बैठक के दौरान सेना के दोनों वरिष्ठ अफसरों ने एलएसी पर चल रही गतिविधियों के बारे में विस्तृत जानकारी दी। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी हाल में एलएसी का दौरा किया था और उन्होंने भी अपनी राय से दोनों वरिष्ठ नेताओं को अवगत कराया।


कांग्रेस नेता राहुल गांधी एलएसी पर चीन की घुसपैठ को लेकर मोदी सरकार को लगातार घेरते रहे हैं। ऐसे में मानसून सत्र से पहले इस बैठक को काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। सूत्रों के मुताबिक इस बैठक के जरिए एलएसी के मुद्दे पर विपक्षी को विश्वास में लेने की कोशिश की गई है। कांग्रेस की ओर से पहले ही संकेत दिया जा चुका है कि पार्टी मानसून सत्र के दौरान देश की सुरक्षा से जुड़े इस मुद्दे को जरूर उठाएगी।

तीन बड़े नेताओं से गोयल की मुलाकात

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के अलावा केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने भी विपक्ष को साधने का प्रयास किया। गोयल ने मानसून सत्र से पहले शुक्रवार को पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, कांग्रेस नेता आनंद शर्मा और एनसीपी प्रमुख शरद पवार से मुलाकात की। पीयूष गोयल की इस मुलाकात को भी सरकार की ओर से विपक्षी दलों से सहयोग मांगने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है। गोयल को पिछले दिनों थावरचंद गहलोत की जगह राज्यसभा में सदन का नेता नियुक्त किया गया है। माना जा रहा है कि गोयल ने विपक्ष को साधने की मंशा से यह मुलाकात की है।

17 नए विधेयक लाने की तैयारी

मानसून सत्र की शुरुआत 19 जुलाई को होने वाली है। 13 अगस्त तक चलने वाले इस सत्र के दौरान सरकार 17 नए विधेयक लाने की तैयारी में जुटी हुई है। इनमें से तीन विधेयक ऐसे हैं जिन्हें सरकार अध्यादेश के स्थान पर लाएगी। भारतीय जनता पार्टी के सांसद सत्र के दौरान जनसंख्या नियंत्रण बिल भी पेश करेंगे।


भाजपा सांसद राकेश सिन्हा के जनसंख्या नियंत्रण से जुड़े प्राइवेट मेंबर बिल पर सदन में 6 अगस्त को चर्चा निर्धारित की गई है। माना जा रहा है कि सरकार इस मुद्दे पर देश में माहौल बनाने की कोशिश में जुटी हुई है।

सरकार ने बुलाई सर्वदलीय बैठक

मानसून सत्र से पहले सरकार की ओर से 18 जुलाई को सर्वदलीय बैठक भी बुलाई गई है। जानकार सूत्रों के मुताबिक इस बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी मौजूद रहेंगे। संसद की बैठक से पहले सर्वदलीय बैठक पहले भी बुलाई जाती रही है और इसे सरकार की ओर से विपक्षी को साधने की कवायद माना जाता रहा है। इस बार संसद का मानसून सत्र काफी हंगामेदार होने की संभावना है।

कांग्रेस की अगुवाई में विपक्ष ने महंगाई, कोरोना काल में अव्यवस्था, पेट्रोल-डीजल की कीमतों में बेतहाशा बढ़ोतरी, एलएसी पर चीन की घुसपैठ और बेरोजगारी आदि मुद्दों पर सरकार को घेरने की रणनीति तैयार की है। माना जा रहा है कि इसी कारण सरकार विपक्ष को साधने की कवायद में जुटी हुई है ताकि विधायी कामकाज पर ज्यादा असर न पड़ सके।

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