Coronavirus से बचाने के लिए मां ने 6 साल के बच्चे को रखा खुद से दूर, पीएम मोदी ने की तारीफ

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने छह साल के बच्चे की मां की उनके साहस और सकारात्मक सोच के लिए चिट्ठी लिखकर प्रशंसा की है। प्रधानमंत्री के खत आने के बाद पूजा और उनका परिवार फूला नहीं समा रहा है। खत लिखने की वजह है पूजा वर्मा की लिखी हुई एक मार्मिक कविता, जिसे पढ़ने के बाद प्रधानमंत्री मोदी भावुक हो गए।

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Published By :  Ashiki
Update: 2021-06-17 01:25 GMT

एक कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (फाइल फोटो: सोशल मीडिया)

गाजियाबाद: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने गाजियाबाद के वसुंधरा में रहने वाली एक कोरोना संक्रमित माँ की तारीफ की है। गाजियाबाद (Ghaziabad) के सेक्टर-6 में रहने वाली पूजा वर्मा और उनके पति गगन कौशिक कोरोना वायरस से संक्रमित हो गए थे। पूजा वर्मा, उनके पति और छह साल का बेटा तीन कमरों के एक फ्लैट में रहते है। अप्रैल में कोरोना वायरस (Coronavirus) से संक्रमित होने के बाद दंपति ने एक कड़ा फैसला किया और तय किया कि तीनों अलग अलग कमरों में रहेंगे।

अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने छह साल के बच्चे की मां की उनके साहस और सकारात्मक सोच के लिए चिट्ठी लिखकर प्रशंसा की है। प्रधानमंत्री के खत आने के बाद पूजा और उनका परिवार फूला नहीं समा रहा है। खत लिखने की वजह है पूजा वर्मा की लिखी हुई एक मार्मिक कविता, जिसे पढ़ने के बाद प्रधानमंत्री मोदी भावुक हो गए। प्रधानमंत्री मोदी को पूजा की कविता काफी पसंद आई। इसलिये सबसे पहले पीएमओ से इस परिवार को फोन आया, फिर प्रधानमंत्री मंत्री की चिट्ठी।

पति-पत्नी दोनों इंजीनियर हैं

पीएम मोदी ने अपने खत में परिवार के अच्छे स्वास्थ्य की कामना की है। इस परिवार में गगन उनकी पत्नी पूजा और 6 साल का बेटा अक्ष रहता है। दोनों पति पत्नी पेशे से इंजीनियर हैं। कोरोना की चपेट में आने के बाद 6 साल के बेटे को भी संक्रमण से बचाने के लिए दोनों लोग होम आइसोलेशन (Home Isolation) में चले गए। बेटे के लिए पति गगन ने बाहर होटल से खाना आर्डर कर दिया। इस बीच 6 साल का अक्ष अपना पूरा काम खुद करता था। एक माँ सब कुछ देखते रह जाती थी, लेकिन बच्चे की मदद तक नहीं कर पा रही थी। 6 साल का अक्ष बार-बार दिन गिनता, घर में रहती मां से वीडियो कॉल करता था। किसी ना किसी बहाने से मां को बुलाता था। काफी दरवाजे से झांकता, तो कभी बालकनी से अपनी मां को निहारता रहता था। इसी बेबसी को एक माँ ने कविता की शक्ल दी, फिर उसे पोस्ट कर दिया।

कविता को पढ़कर भावुक हुए प्रधानमंत्री

ये कविता पीएम मोदी तक पहुंच गयी। इस कविता को पढ़ कर प्रधानमंत्री भावुक हो गए। एक मां के मर्म को समझा और फिर पूजा और गगन को प्रोत्साहित किया। 6 साल का अक्ष भी पीएम मोदी से मिलना चाहता है। प्रधानमंत्री ने परिवार को पत्र लिखा और खैरियत पूछते हुए कहा, " मुझे खुशी है कि इन परिस्थितियों में भी, आप और आपके परिवार ने साहस के साथ कोविड के अनुरूप व्यवहार अपनाकर इस बीमारी से लड़ाई लड़ी है।" कविता की तारीफ करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि यह कविता उस मां की चिंता को व्यक्त करती है जब वह अपने बच्चे दूर होती है। प्रधानमंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि हिम्मत और सकारात्मक सोच से, पूजा वर्मा आगे बढ़ाना जारी रखेंगी और जीवन में आने वाली किसी भी चुनौती का सफलतापूर्वक सामना करेंगी।

पढ़ें कविता-

जाली के पीछे से मेरा लाल झांक रहा है,

मासूम आंखों से मजबूर मां को ताक रहा है,

कभी कहता है मैं, मम्मी, मम्मा नाराज हो क्या?

न जाने कितने जतन किये मां को पास बुलाने के

आंखों में आंसू लेकर कहता आज तो मेरे पास सोओगी न?

नींद नहीं आती मुझे, आपके साथ के बिना

चाहे तो मुझे बस सुला के चली जाना मां, मम्मी, मम्मा.

जाली के पीछे से मेरा लाल झांक रहा है

ये कैसी मजबूरी है, ये कैसी दूरी है?

पास होकर भी मां बेटे में दो गज की दूरी है,

ये कैसी महामारी, ये कैसी आपदा आई है जग में

मां की ममता, पिता का प्यार आज है लाचार

मां का दिल रह रह कर गले लगना चाहे लाल तुझे

एक पल जिसे ओझल न होने दिया अपनी आंखों से,

जाली से पीछे से मेरा लाल झांक रहा है

क्या क्या बहाने मे बनाता मां को पास बुलाने के

कभी कहता नहला दो, कभी कहता प्यारी मम्मी

कपड़े कुछ गीले हो गए हैं, बदल दो न

अच्छा ये तो बताओ, कल तो मेरे पास सोओगी न?

नहीं बेटा, अबी तो चौदह दिन की और बात है

फिर कहता, चौगह मतलब कितने?

वन, टू, थ्री और आज कौन सा दिन है?

ये सब सुनकर जार जार रोता मां का मजबूर दिल है

क्यों जाली के पीछे से मेरा लाल झांक रहा है

क्यों ये बीमारी है आई, क्यों ये दूरी बनाई

दूर रहकर भी अपने लाल को सीने से लगाया मां ने

ढेरो आशीष देकर बलाओं से बचाया मां ने...

ढेरो आशीष देकर बलाओं से बताया मां ने...

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