कृषि कानून पर बड़ी बैठक: शामिल होंगे PM मोदी समेत कई मंत्री, कृषि कानून वापसी पर होगी चर्चा

PM Modi Cabinet Baithak : संसद के शीतकालीन सत्र शुरू होने से ठीक पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार 24 नवम्बर को खुद की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल की एक बैठक आयोजित की है।

Written By :  Rajat Verma
Published By :  Vidushi Mishra
Update:2021-11-23 19:28 IST

PM Modi Cabinet Baithak : 19 नवम्बर 2021 को गुरु नानक जयंती कर अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीनों कृषि कानून वापस लेने (Teen Krishi Kanoon Vapas) की घोषणा कर कई महीनों से आंदोलन कर रहे किसानों के हित में फैसला सुनाया था लेकिन अभी इस कृषि कानून का आधिकारिक तौर पर वापस होना लंबित है।

जिस प्रकार संसद सदन में इस कानून को पारित कराया गया तघ ठीक उसी प्रकार से इस कानून को रद्द करने के किये सरकार को संसद की वोटिंग प्रक्रिया से गुज़ारना पड़ेगा। आंदोलन कर रहे किसान अभी भी इस बात पर अड़े हैं कि जबतक कृषि कानून आधिकारिक रूप से वापस नहीं लिया जाता है और फसल खरीद हेतु एमएसपी निर्धारित नहीं की जाती है तबतक किसान आंदोलन बंद नहीं करेंगे।

कृषि कानून वापसी प्रस्ताव 

इसी के मद्देनज़र संसद के शीतकालीन सत्र शुरू होने से ठीक पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi Cabinet Meeting) ने बुधवार 24 नवम्बर को खुद की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल की एक बैठक (PM Modi Cabinet Meeting) आयोजित की है जिसमें आधिकारिक रूप से कृषि कानून वापसी बिल (krishi kanoon wapsi bill) को संसद में पेश करने के मुद्दे पर चर्चा होने के आसार हैं तथा इस बैठक में तीनों कृषि कानून वापसी के प्रस्ताव को मंजूरी मिल सकती है।

पूर्व में वर्तमान केंद्र सरकार द्वारा लाए गए इन तीनों कृषि कानूनों को लेकर पंजाब-हरियाणा समेत देश के कई हिस्सों के किसान काफी लगभग एक साल से सड़कों पर केंद्र सरकार और कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं। प्रधानमंत्री द्वारा कृषि कानून वापसी के ऐलान के बाद भी किसान नेता अपनी बातों और अड़िग है तथा इनका कहना है कि सरकार अभी कुछ भी साफ तौर पर नहीं कह रही है और जबतक संसद में कृषि कानून वापसी बिल पारित नहीं हो जाता तब तक सभी संभावित रैलियां और आंदोलन चलते रहेंगे।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस फैसले की जहां भाजपा के लोग समर्थन कर प्रशंसा योग्य कदम बता रहे हैं वहीं विपक्षी दलों के नेताओं का कहना है कि प्रधानमंत्री का यह फैसला किसान आंदोलन के डर से उपजा है और पीएम मोदी का यह फैसला उत्तर प्रदेश और पंजाब सहित अन्य राज्यों में आगामी विधानसभा चुनाव के चलते किसानों को खुश करने के लिए है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरु नानक जयंती के दिन कृषि कानून वापसी की घोषणा करने के साथ ही किसानों से माफी मांगते हुए कहा था कि-"यह हमारे सरकार की नाकामी है कि हम किसानों के हित के लिए लाए गए कानून के बारे में किसानों को ही समझाने में असमर्थ रहे हैं और इसी कारण मैं तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने का फैसला कर रहा हूँ।"

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