प्रशांत किशोर का बड़ा बयान: गलतफहमी में जी रहे हैं राहुल, उन्हें मोदी की ताकत का अंदाजा नहीं, BJP दशकों तक बनी रहेगी मजबूत
Prashant Kishor Ka Bayan: जाने-माने चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर का मानना है कि BJP की ताकत को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी गलतफहमी में जी रहे हैं। आने वाले कई दशकों तक भाजपा का भारतीय राजनीति में दबदबा बना रहेगा।
Prashant Kishor Ka Bayan: जाने-माने चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) का मानना है कि भारतीय जनता पार्टी (BJP) की ताकत को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) गलतफहमी में जी रहे हैं। आने वाले कई दशकों तक भाजपा का भारतीय राजनीति (Indian Politics) में दबदबा बना रहेगा। उन्होंने कहा कि पहले देश की राजनीति में जिस तरह कांग्रेस (Congress) का दबदबा था और वह सत्ता का केंद्र थी, आज उसी तरह भाजपा भी बड़ी ताकत बन चुकी है। वह चाहे हारे या जीते मगर सत्ता के केंद्र में बनी रहेगी। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर 30 फ़ीसदी वोट हासिल करना बड़ी कामयाबी है और इतने वोट हासिल करने वाली पार्टी को राजनीतिक तस्वीर से हटा देना आसान काम नहीं है।
पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनाव (West Bengal Vidhan Sabha Chunaav) में ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) को बड़ी कामयाबी दिलाने में प्रमुख भूमिका निभाने वाले प्रशांत किशोर को राजनीतिक आंकलन का माहिर खिलाड़ी माना जाता रहा है। भाजपा के संबंध में दिए गए उनके इस बयान को सियासी नजरिए से काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। उन्होंने कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) को इशारा कर दिया है कि वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) और भाजपा को सत्ता से बेदखल करने की कोशिश में तो जरूर जुटे हुए हैं, लेकिन उन्हें यह बात समझ लेनी चाहिए कि यह आसान काम नहीं है।
बड़ी सियासी ताकत बन चुकी है भाजपा
प्रशांत किशोर की कंपनी आई-पैक इन दिनों गोवा में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव (Vidhan Sabha Chunaav 2022) में ममता बनर्जी की पार्टी (Mamata Banerjee Ki Party) तृणमूल कांग्रेस (Trinamool Congress) की सियासी जमीन मजबूत बनाने की कोशिश में जुटी हुई है। कंपनी से जुड़े करीब 200 लोग गोवा में इन दिनों तृणमूल कांग्रेस की मदद करने के लिए काम कर रहे हैं। इस बीच गोवा में टीएमसी (TMC) की जमीन तलाशने की कोशिश में पहुंचे प्रशांत किशोर ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा कि वे शायद किसी गलतफहमी में जी रहे हैं कि भाजपा सिर्फ मोदी लहर तक ही सत्ता पर काबिज रहने वाली है।
उन्होंने कहा कि इस जाल में कभी नहीं फंसना चाहिए कि लोग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से नाराज हैं तो उन्हें सत्ता से बाहर कर देंगे। मोदी से नाराज होने पर लोग उन्हें सत्ता से बाहर कर सकते हैं, लेकिन यह भी समझना होगा कि भाजपा कहीं नहीं जा रही। वह देश में एक बड़ी राजनीतिक ताकत बन चुकी है और विरोधियों को कई दशकों तक उससे सियासी लड़ाई लड़नी होगी।
पहले मोदी की ताकत को समझना होगा
गोवा म्यूजियम में एक कार्यक्रम के दौरान प्रशांत किशोर ने कहा कि मोदी को काउंटर करने के लिए पहले आपको उनकी ताकत का अंदाजा लगाना होगा। जब तक आप उनकी ताकत का सही अंदाजा लगाने में कामयाब नहीं होंगे तब तक आप मोदी को कभी जवाब नहीं दे पाएंगे।
विडंबना यह है कि अधिकांश लोग न तो पीएम मोदी की असली ताकत समझ पा रहे हैं और न समझने की कोशिश कर रहे हैं। सबसे पहले आपको यह समझना होगा कि वह कौन सी चीज है जिसके बलबूते मोदी इतने लोकप्रिय बनते जा रहे हैं। जब तक आप मोदी की लोकप्रियता का आधार समझने में कामयाब नहीं होंगे तब तक आप मोदी को जवाब देने में भी सक्षम नहीं हो पाएंगे।
गलतफहमी में जी रहे हैं कांग्रेस नेता
उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेताओं से बातचीत में आप उनकी गलतफहमी को आसानी से समझ सकते हैं। कांग्रेस के किसी भी नेता से बातचीत करने पर उसका जवाब होता है कि लोग उनसे काफी नाराज हैं और सत्ता विरोधी लहर आने पर उन्हें सत्ता से बाहर कर दिया जाएगा। लेकिन मेरा मानना है कि ऐसे लोग वास्तविकता का सही आंकलन नहीं कर पा रहे हैं क्योंकि ऐसा कुछ भी नहीं होने वाला है। उन्होंने उदाहरण देकर भी अपनी बात को पुष्ट करने की कोशिश की। प्रशांत किशोर ने कहा कि हाल के दिनों में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बेतहाशा बढ़ोतरी हुई है मगर इसके बावजूद लोगों में वैसा आक्रोश नहीं दिखा जैसा कि दिखना चाहिए था।
मतों के बंटवारे से कांग्रेस हुई कमजोर
प्रशांत किशोर ने देश की सियासत में मतदाताओं के बंटवारे पर भी महत्वपूर्ण बात कही। उन्होंने कहा कि यदि आप देश की मौजूदा सियासत को देखें तो लड़ाई एक तिहाई और दो तिहाई के बीच होती दिख रही है। सिर्फ एक तिहाई लोग ही भाजपा को वोट दे रहे हैं या उसका समर्थन करने में जुटे हुए हैं। लेकिन असली समस्या दो तिहाई मतों में बंटवारे की है। उन्होंने कहा कि दो तिहाई वाला हिस्सा 10, 12 या 15 राजनीतिक दलों में बंट चुका है। हमें यह समझना होगा कि कांग्रेस के पतन का यही मुख्य कारण भी है। 65 फ़ीसदी मतों में बंटवारे का नतीजा यह दिख रहा है कि कांग्रेस लगातार कमजोर होती जा रही है। दूसरी ओर भाजपा का वोट बैंक पूरी मजबूती से उसके साथ खड़ा है। इसीलिए भाजपा की ताकत को कमजोर करना विपक्षी दलों के लिए टेढ़ी खीर साबित हो रहा है।
सियासी नजरिए से महत्वपूर्ण बयान
पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनाव में टीएमसी को जिताने में प्रमुख भूमिका निभाने के बाद प्रशांत किशोर ने चुनावी रणनीति के काम से संन्यास लेने की बात कही थी। बीच में प्रशांत किशोर के कांग्रेस ज्वाइन करने की चर्चाएं काफी तेज थीं मगर कई दौर की बातचीत के बाद भी बात नहीं बन पाई। कांग्रेस के कुछ वरिष्ठ नेताओं की ओर से उनकी खिलाफत भी की जा रही थी। प्रशांत किशोर ने पर्दे के पीछे से एक बार फिर टीएमसी के लिए काम करना शुरू कर दिया है। गोवा और त्रिपुरा में प्रशांत किशोर की टीम टीएमसी को मजबूत बनाने की कोशिश में जुटी हुई है।
इस बीच प्रशांत किशोर की ओर से की गई इस टिप्पणी को सियासी नजरिए से काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। 2024 की सियासी जंग में मोदी के खिलाफ विपक्ष के चेहरे को लेकर फंसा पेंच अभी तक नहीं सुलझ सका है। कांग्रेस की ओर से राहुल गांधी को विपक्ष का सबसे बड़ा चेहरा बताया जा रहा है जबकि तृणमूल कांग्रेस की नेता ममता बनर्जी की बढ़ती सक्रियता से साफ है कि वे भी इसके लिए जोर-शोर से तैयारी में जुटी हुई हैं।
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