Republic Day 2022: भारतीय लोकतंत्र की विविधता और जीवंतता दुनिया के लिए अनुकरणीय, ये हैं राष्ट्रपति के संबोधन की खास बातें

गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने देश को संबोधित करते हुए कोरोना का हाल में सरकार द्वारा किए गए कार्यों को सराहा है।

Published By :  Bishwajeet Kumar
Written By :  Rajat Verma
Update:2022-01-25 21:40 IST

President Ram Nath Kovind

Republic Day 2022: 26 जनवरी 2022 को भारत अपना 73वाँ गणतंत्र दिवस का उत्सव मनाने लिए पूरी तरह से तैयार है। इस अवसर के आगमन हेतु तमाम तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। कोरोना महामारी के प्रकोप के बावजूद देशवाशियों का उत्साह ज्यों-का-त्यों बना हुआ है।

26 जनवरी का सुअवसर देश के उन तमाम लोगों को याद करने का दिन जिनकी बदौलत आज भारत का खुद का संविधान प्राप्त हुआ और जिन की बदौलत आज हम आजाद हवा में सांस ले रहे हैं।

26 जनवरी गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर भारत के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (Ram Nath Kovind) ने देशवासियों को संबोधित किया।

राष्ट्रपति द्वारा देश के नाम संबोधन में कुछ अहम बिंदु-

1. हमारे भारत देश के लोकतंत्र की विविधता और जीवंतता की दुनिया भर में सराहना की जाती है। हमारे देश का संविधान एकता और समानता की एक समग्र भावना उत्पन्न करता है, जिसे हर साल गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता है। कोरोना महामारी के कारण इस वर्ष का उत्सव भले ही हर्षोल्लास के साथ ना मनाया जा सके लेकिन हमारे हमारे देशभक्ति और देश के प्रति प्रबल भावना हमेशा की तरह ही तरह ही मज़बूत है।

2. गणतंत्र दिवस के इस सुअवसर पर आइए हम सब मिलकर देश के उन महान स्वतंत्रता सेनानियों को याद करें जिन्होंने अपने शौर्य और बलिदान की बदौलत भारत के स्वराज के सपने को साकार करने में अतुलनीय साहस दिखाया तथा अपने साहस पर देशप्रेम के बलबूते पर देश के तमाम अन्य लोगों को भी देश के लिए संघर्ष करने को लेकर प्रेरित किया।

3. बीते 23 जनवरी को हम सभी ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125 वीं जयंती मनाई। नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने आज़ाद हिंद फौज की स्थापना के साथ ही 'जय हिंद' का नारा देकर इसके जोशीले अभिवादन को अपनाया था। स्वतंत्रता की उनकी खोज और भारत को गौरवान्वित करने की नेताजी की महत्वाकांक्षा हम सभी देशवाशियों लो हमेशा प्रेरित करती रहेगी।

4. कोरोना महामारी के समय ने हमें एक-दूसरे के करीब ला दिया है। इसी दौरान ही हमने महसूस किया है कि हम एक दूसरे पर कितना निर्भर हैं। डॉक्टरों, नर्सों और चिकित्सा कर्मियों ने कठिन परिस्थितियों में भी रोगियों की देखभाल की और उनकी सेवा के लिए इन लोगों ने अपनी जान भी जोखिम में डाल दी तथा बिना किसी समस्या के लंबे समय तक काम करते रहे।

5. बीते समय में हमारी सरकार ने देश के प्रत्येक क्षेत्र में सुधार लाने तथा आवश्यकता पड़ने पर हर संभव सहायता प्रदान करने पर अथक ध्यान दिया है। मुझे और पूरे देश को यह जानते हुए बेहद प्रसन्नता हो रही है कि भारत को दुनिया की शीर्ष 50 नवीन अर्थव्यवस्थाओं में स्थान प्राप्त हुआ है।

6. भारत के वीर सैनिक और सुरक्षाकर्मी हमारी राष्ट्रीय गौरव की विरासत को आगे बढ़ा रहे हैं। हमारे वीर सैनिक देश की रक्षा के लिए हर परिस्थिति से लड़ने को तैयार हैं। फिर चाहे वह हिमालय की असहनीय ठंड में अथवा मरुस्थल की भीषण गर्मी, हमारे जवान अपने परिवारों से दूर रहते हुए भी मातृभूमि की अपने जान से बढ़कर रक्षा करते हैं।

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