Russia-Ukraine Crisis: संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत के अभिभाषण पर लिया गया संज्ञान, खोला गया सूमी ग्रीन कॉरिडोर

Russia-Ukraine Crisis: रूस-यूक्रेन के बीच जारी युद्ध के मद्देनज़र हालात दिन-ब-दिन बदतर होते जा रहे हैं।

Report :  Rajat Verma
Published By :  Vidushi Mishra
Update:2022-03-08 17:13 IST

सूमी ग्रीन कॉरिडोर (फोटो-सोशल मीडिया)

Russia-Ukraine Crisis: रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच भारतीयों सहित अन्य तमाम निर्दोष विदेशी नागरिकों को सुरक्षा प्रदान करने और उन्हें सकुशल युद्ध ग्रस्त यूक्रेन से बाहर निकालने को लेकर सूमी हरित गलियारा (Sumi Green Corridor) खोल दिया गया है तथा साथ ही इस कॉरिडोर के माध्यम से यूक्रेन में फंसे नागरिकों का पहला जत्था सुरक्षित रूप से रवाना कर दिया गया है। इस सूमी कॉरिडोर की मदद से यूक्रेन में फंसे भारतीय और अन्य विदेशी नागरिक सकुशल रूप से यूक्रेन के पड़ोसी देशों से होकर अपने देश वापस जा सकते हैं।

रूस-यूक्रेन के बीच जारी युद्ध के मद्देनज़र हालात दिन-ब-दिन बदतर होते जा रहे हैं। रूसी सेना द्वारा लगातार यूक्रेन के तमाम शहरों पर हमला कर बमबारी जारी है, ऐसे में इसी बीच रूस को कड़ी टक्कर देते हुए यूक्रेनी सेना ने दावा किया है कि उन्होनें अबतक करीब 11000 से अधिक रूसी सैनिकों को मार गिराया गया है।

भारतीय और अन्य विदेशी छात्रों को लेकर चर्चा तेज 

यूक्रेन के यह दावा हालात और अधिक बिगड़ने के संकेत दे रहा है। ऐसे में युद्ध हालातों के बीच यूक्रेन के फंसे भारतीय और अन्य विदेशी छात्रों को लेकर भी चर्चा बेहद तेज है, संयुक्त राष्ट्र संघ और अन्य अंतर्राष्ट्रीय आयोजनों में यह चर्चा का अहम विषय बना हुआ है।

ऐसे में UN में भारतीय राजदूत टीएस तिरुमूर्ति (TS Tirumurti) ने संयुक्त राष्ट्र संघ सुरक्षा परिषद (United Nations Security Council) की बैठक में भारतीय और अन्य विदेशी छात्रों को सुरक्षित यूक्रेन से निकालने को लेकर सूमी ग्रीन कॉरिडोर पर अमल ना करते हुए उसे खोले ना जाने को लेकर चिंता व्यक्त की थी।

भारतीय राजदूत ने कहा था कि-"दोनों देशों के बीच जारी युद्ध के चलते भारत इस बात से चिंतित है कि रूस और यूक्रेन दोनों से हमारे बार-बार आग्रह करने के बावजूद सूमी में फंसे हमारे छात्रों को सुरक्षित रूप से निकालने को लेकर कॉरिडोर पर अमल नहीं लाया जा रहा है।"

हालांकि अब भारत के अभिभाषण का असर देखने को मिल रहा है, टीएस तिरुमूर्ति द्वारा इस मुद्दे को उठाने के कुछ समय बाद ही यूक्रेन में फंसे छात्रों को सुरक्षित रूप से बाहर निकालने को लेकर सूमी ग्रीन कॉरिडोर खोल दिया गया है।

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