Russia Ukraine War: खार्कीव में अब कोई भारतीय नहीं, सरकार का फोकस अब सूमी पर, विदेश मंत्रालय का बयान
Russia Ukraine War: भारतीय विदेश मंत्रालय (Indian Ministry of External Affairs) ने कहा है खार्कीव में अब कोई भी भारतीय नागरिक नहीं बचा है।
Russia Ukraine War: यूक्रेन के दूसरे सबसे बड़े शहर खार्कीव पर लगातार हो रहे रूसी बमबारी (russia ukraine war) ने उसे उजाड़ कर रख दिया है। खार्कीव में अब भी रूस औऱ यूक्रेन के सैनिकों के बीच घमासान जारी है। इस बीच भारतीय विदेश मंत्रालय (Indian Ministry of External Affairs) ने वहां फंसे भारतीयों को लेकर बड़ा दावा किया है। बकौल भारतीय विदेश मंत्रालय खार्कीव में अब कोई भी भारतीय नागरिक नहीं बचा है। अब सरकार का पूरा ध्यान एक अन्य युध्दग्रस्त शहर सूमी में फंसे भारतीय नागरिकों को निकालने पर है।
शनिवार कीव स्थित भारतीय दूतावास (Indian Embassy) ने बताया कि भारतीय छात्रों (Indian students) को लाने के लिए तीन बसें पिचोसिन पहुंच गई हैं। दो और बसें जल्द पहुंच जाएगी। कुछ ही घंटे में उन सभी को वहां से निकाल लिया जाएगा।
सूमी में फंसे छात्रों से अपील
युद्धग्रस्त शहर सूमी में भी बड़ी संख्या में भारतीय छात्र फंसे हुए हैं। खार्कीव के बाद सरकार का अगला टारगेट अब सूमी शहर (sumi city) ही है। वहां लगातार हो रहे हमलों के बीच विदेश मंत्रालय ने छात्रों से सतर्क औऱ सुरक्षित रहने को कहा है। मंत्रालय ने जल्द बाहर निकालने का भरोसा दिलाते हुए उन्हें अनावश्यक जोखिम न उठाने की सलाह दी है। बता दें कि शनिवार को सूमी में फंसे छात्रों का एक ऐसा वीडियो सामने आया था, जिसने सरकार के अभियान पर सवाल उठा दिए थे।
वीडियो में फंसे छात्र खूद को असहाय औऱ डरा हुआ बताते हुए कह रहे थे कि ये उनका आखिरी वीडियो है। इसके बाद वे सभी अपनी जान जोखिम में डालकर रूसी सीमा की तरफ बढ़ेंगे। वीडियो सामने आने के बाद तुरंत हरकत में आए विदेश मंत्रालय ने छात्रों से सतर्क औऱ सुरक्षित रहने की अपील करते हुए उन्हें बाहर निकालने का भरोसा दिया ।
विदेश मंत्रालय का बयान
भारतीय विदेश मंत्रालय (Indian Ministry of External Affairs) के प्रवक्ता अरिंदम बागची (Arindam Bagchi) ने कहा कि हम छात्रों के लिए सुरक्षित गलियारा बनाने का प्रय़ास कर रहे हैं। हमने इसके लिए यूक्रेन औऱ रूस दोनों की सरकारों पर युद्धविराम करने के लिए विभिन्न चैनलों से दवाब बनाया है। उन्होंने बताय कि जिन दो शहरों में सीजफायर की घोषणा हुई है, वे शहर सूमी से 600 किमी की दूरी पर है। बाकी जगहों पर हमला जारी है। वहां तक मदद भी नहीं पहुंची है। जिस वजह से सूमी फंसे छात्रों ने पैदल ही चलने पर फैसला किया।