Jagannath Puri Mandir Ka Rahasya: जानिए जगन्नाथ पुरी मंदिर के अनोखे रहस्य के बारे में, रह जाएंगे हैरान

Jagannath Puri Mandir Ka Rahasya: ओडिशा (Odisha) के समुद्र तट के किनारे बसे पुरी (Puri) में मौजूद जगन्नाथ पुरी मंदिर है। ये मंदिर भगवान विष्णु के अवतार श्री कृष्ण को समर्पित है। यह मंदिर 800 साल पुराना है।

Written By :  Rakshita Srivastava
Published By :  Shreya
Update:2021-12-06 20:09 IST

जगन्नाथ पुरी मंदिर (फोटो साभार- सोशल मीडिया) 

Jagannath Puri Mandir Ka Rahasya: हमारे देश भारत में कई अनेक मंदिर हैं। जो कि कई सालों पुराने हैं। भारत में कोई मंदिर ऐसा नहीं होगा जिसका कोई रहस्य न हो। आज हम आपको ऐसे ही एक मंदिर के रहस्य के बारे में बताएंगे। जिसके बारे में आप जानकर हैरान रह जाएंगे। 

हिंदू धर्म में चार धाम की यात्रा (Char Dham Ki Yatra) का काफी महत्व है। जगन्नाथ पुरी (Jagannath Puri), बद्रीनाथ (Badrinath), रामेश्वरम (Rameswaram), द्वारका (Dwarka) यह हमारे चारों धाम हैं। इन्ही में से एक धाम जगन्नाथ पुरी (Jagannath Puri Temple) के बारे में आज हम आपको बताएंगे।

जगन्नाथ पुरी मंदिर कहां है (Jagannath Puri Mandir Kaha Hai)?

ओडिशा (Odisha) के समुद्र तट के किनारे बसे पुरी (Puri) में मौजूद जगन्नाथ पुरी मंदिर है। ये मंदिर भगवान विष्णु के अवतार श्री कृष्ण को समर्पित है। यह मंदिर 800 साल पुराना है। इस मंदिर का दर्शन करने हर साल लाखों भक्त आते हैं।

मंदिर में नहीं आती समुद्र की आवाज 

कहने को तो यह मंदिर समुद्र तट के किनारे बसा है। लेकिन मंदिर के अंदर समुद्र की आवाज सुनाई नहीं देती है। जबकि मंदिर से सटा ही समुद्र है। लेकिन जैसे ही आप मंदिर परिसर के बाहर एक कदम रखेंगे वैसे ही आपको समुद्र के लहरों की आवाजें सुनाई देने लगेंगी।

हवा के विपरित लहराता है झंडा

अक्सर आपने देखा होगा कि कोई भी झंडा हवा के दिशा में ही लहराता है। लेकिन जगन्नाथ पुरी मंदिर के शिखर पर लगा झंडा हमेशा हवा के विपरित दिशा में ही लहराता है। यह बात तो वैज्ञानिकों के लिए भी रहस्य है कि मंदिर पर झंडा हवा के विपरित कैसे लहराता है।

रोज बदलाता है झंडा

इस मंदिर का ध्वज हर रोज बदला जाता है। हर रोज पुजारी मंदिर के शिखर पर उलटा चढ़ते हैं और झंडे को बदलते हैं। मंदिर में पुजारी सीधा चढ़ कर ध्वज को नहीं बदल सकते हैं। इस मंदिर की ऐसी मान्यता है कि अगर एक दिन भी ध्वज नहीं बदला गया तो मंदिर 18 सालों के लिए बंद हो जाएगा।

सुदर्शन च्रक का रहस्य

जगन्नाथ पुरी मंदिर के शिखर पर एक सुदर्शन च्रक लगा हुआ है। जिसके बारे में यह कहा जाता है कि उस च्रक को आप किसी भी दिशा से देखें लेकिन आपको ऐसा लगेगा कि उसका मुंह आपके ही तरफ है।

भगवान का मौजूद है दिल

इस मंदिर की ऐसी मान्यता है कि यहां भगवान का असली दिल मौजूद है। साथ ही ऐसा कहा जाता है कि जब भी पुरानी मूर्ति की जगह नई मूर्ति रखी जाती है तो पुराने मूर्ति से दिल निकालकर नई मूर्ति में लगा दिया जाता है, औऱ जब भी ऐसा किया जाता है तो पुरे शहर की लाइट काट दी जाती है, ताकि उस दिल को कोई देख न सकें। ऐसा माना जाता है कि अगर गलती से कोई देख लें तो उस इंसान की मौत हो जाती है।

जमीन पर नहीं पड़ती गुम्बद की परछाई

जगन्नाथ पुरी मंदिर के गुम्बद में भी एक राज छुपा हुआ है। मंदिर का गुम्बद इतना विशाल होने के बावजूद भी गुम्बद की परछाई सुबह शाम दोपहर किसी भी समय जमीन पर नहीं पड़ती है।

प्रसाद नहीं पड़ता कभी कम

इस मंदिर के परिसर में दुनिया का सबसे बड़ा रसोई है। इस रसोई में 500 रसोईया और 300 सहकर्मी मिलकर भगवान जगन्नाथ के प्रसाद को बनाते हैं। ऐसा कहा जाता है कि इस मंदिर में हजारों या लाखों भक्त आ जाए प्रसाद कम नहीं पड़ता है। लेकिन रात में मंदिर बंद होते ही प्रसाद अपने आप खत्म हो जाता है।

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