Supreme Court ने न्यूज चैनलों के खिलाफ कार्रवाई लगाई रोक, सरकार से मांगा जवाब

मीडिया पर अंकुश लगाने की हर सरकार की कोशिश रहती है।

Newstrack :  Network
Published By :  Raghvendra Prasad Mishra
Update: 2021-05-31 12:37 GMT

सुप्रीम कोर्ट की फाइल तस्वीर (फोटो साभार— सोशल मीडिया)

नई दिल्ली। मीडिया पर अंकुश लगाने की हर सरकार की कोशिश रहती है। जो खबरें उनके पक्ष में न हो उन पर अपत्ति जताते हुए ऐसे चैनलों को कानूनी दायरे में लाने की परंपरा रही है। इसी तरह के ममालों को लेकर आंध्र प्रदेश इन दिनों चर्चा में आ गया है। हालांकि सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने कथित राजद्रोह को लेकर दो तेलुगु न्यूज चैनल टीवी 5 और एबीएन आंध्रज्योति के खिलाफ आंध्र प्रदेश पुलिस के कोई भी कार्रवाई करने पर एक हफ्ते की रोक लगा दी है। बता दें कि इन समाचार चैनलों ने वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के बागी सांसद के रघु राम कृष्ण राजू के आपत्तिजनक भाषण का सीध प्रसारण कर दिया था।

इन चैनलों की याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली एक विशेष पीठ ने राज्य सरकार से चार सप्ताह के अंदर जवाब मांगा। इन चैनलों पर राज्य सरकार की तरफ से राजद्रोह सहित अन्य अपराधों के आरोप लगाए गए हैं। इस विशेष पीठ में न्यायमूर्ति एल. नागेश्वर राव और न्यायमूर्ति एस. रवींद्र भट शामिल थे। सुनवाई के बाद पीठ ने स्पष्ट किया कि समाचार चैनलों से संबंधित उस प्राथमिकी के आधार पर किसी भी कर्मचारी के खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं की जाएगी।

सर्वोच्च न्यायालय ने कहा, 'हमारा मानना ​​है कि इस मामले में भारतीय दंड संहिता के प्रावधानों– 124ए (राजद्रोह) और 153 (विभिन्न वर्गों के बीच कटुता को बढ़ावा देना) की व्याख्या करने की जरूरत है। बता दें कि रघु राम कृष्ण राजू ने इन चैनलों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई है। जबकि सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में राजू को पहले ही जमानत दे चुकी है।

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