Union Budget 2022: कैसा रहा 2022-23 का बजट? किस योजना को कितना रहा आवंटन?

Union Budget 2022: देश की संसद में आज वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए बजट पेश किया। हालांकि चुनाव के कारण इस बजट में जिस तरह के घोषणाओं का अनुमान लगाया जा रहा था वैसा कोई घोषणा नहीं हुआ।

Published By :  Bishwajeet Kumar
Written By :  Vikrant Nirmala Singh
Update: 2022-02-01 13:09 GMT

प्रतीकात्मक तस्वीर 

Budget 2022: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने वित्त वर्ष 2022-23 के लिए संसद में बजट पेश कर दिया है। इस बार का बजट संक्षिप्त रहा और किसी बड़ी घोषणा से दूर रहा है। बड़ी घोषणा का तात्पर्य है कि पांच राज्यों के चुनाव को देखते हुए जैसी उम्मीद की जा रही थी वैसा कुछ देखने को नहीं मिला है। इस बजट को आप चुनावी बजट नहीं कह सकते हैैं। ना तो लोगों को आयकर में छूट दी गई, ना ही किसानों की सम्मान निधि बढ़ाई गई और ना ही किसी सीधे मदद का ऐलान किया गया।

असल में बजट किसी राशन की दुकान जैसा है। कोई तेल खरीदने जाता है तो कोई मसाला। कोई टूथपेस्ट लेने जाता है तो कोई साबुन। जिसकी जैसी जरूरत होती है वह उसके हिसाब से दुकान पर पहुंच जाता है। इस बार के बजट से भी विभिन्न वर्गों की उम्मीद थी। अगर कुछ हिस्सों को छोड़ दें तो यह बजट संतुलित ही कहा जाएगा।

बजट का आकार क्या है?

पिछले साल की तुलना में इस बार का बजट 4,61,673 करोड़ रुपए अधिक है। इस बार कुल बजट की साइज 39,44,909 करोड़ रुपए की है। वित्त वर्ष 2021-22 में बजट अनुमान 34,83,236 करोड रुपए का और संशोधित अनुमान 37,70,000 हजार करोड़ रुपए का है। इस बार राजकोषीय घाटा 16,61,196 करोड़ रुपए का है।

क्या क्रिप्टोकरेंसी पर टैक्स लगाया गया है?

जवाब है नहीं। वित्त मंत्री ने कहा है कि डिजिटल वर्चुअल संपत्ति पर 30% टैक्स और 1% का टीडीएस लगेगा टीडीएस लगेगा। पहला तथ्य तो यहां स्पष्ट होना चाहिए कि पूरे फाइनेंस बिल में कहीं भी क्रिप्टोकरेंसी के बारे में नहीं कहा गया है। दूसरी बात कि यह टैक्स केवल एनएफटी (Non-fungible token) पर लगाया जाएगा। इसलिए ध्यान रहे कि सरकार ने क्रिप्टोकरेंसी (cryptocurrency) को अभी भी वैधानिक मान्यता नहीं दी है।

मनरेगा के बजट में कोई बढ़ोतरी नहीं

पिछले 2 वर्षों में मनरेगा ने कोविड-19 (Covid-19) की बड़ी चुनौती को ग्रामीण इलाकों में झेलने की शक्ति दी है। यह एक ऐसी योजना है जो हर गांव में मौजूद है और लोगों को 100 दिन काम की गारंटी देती है। वर्ष 2020-21 में इस योजना के अंतर्गत कुल 1,11,170 करोड़ रुपए खर्च हुए थे। पिछली बार के बजट में सरकार ने 73 हजार करोड़ रुपए का बजट अनुमान जारी किया था। लेकिन संशोधित अनुमान के अनुसार मनरेगा का बजट 98000 करोड़ रुपए हो चुका है। इस तथ्य के बावजूद भी सरकार ने इस बार के बजट में मनरेगा के लिए पूर्व की भांति ही 73 हजार करोड़ रुपए का आवंटन किया है।

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के लिए कितना पैसा मिला?

इस बार के बजट में सबकी निगाहें सम्मान निधि के अंतर्गत दिए जाने वाले ₹6000 पर थी। यह उम्मीद जताई जा रही थी कि किसान नाराजगी की वजह से सरकार सम्मान निधि की राशि बढ़ा सकती है, लेकिन ऐसा कुछ नहीं किया गया है। पिछले वर्ष की तुलना में सम्मान निधि के कुल फंड में 3000 करोड़ रुपए की बढ़ोतरी की गई है। इस बार इस योजना के लिए कुल 68000 करोड रुपए का आवंटन हुआ है।

राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण को दोगुना पैसा

देश में इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने के उद्देश्य से राष्ट्रीय राज्यमार्गों का जाल बिछाया जाएगा। इसके लिए एनएचएआई के बजट को दोगुना कर दिया गया है। वित्त वर्ष 2021-22 में एनएचएआई (NHAI) को कुल 57,350 करोड़ रूपए आवंटित हुए थे। इस बार के बजट में 1,34,015 करोड़ रूपए आवंटित किए गए हैं।

पोस्ट ऑफिस बनेंगे अब डिजिटल बैंक

इस बार के बजट में केंद्र सरकार देश की कुल डेढ़ लाख डाकघरों को सरकारी बैंकिंग सेक्टर से जोड़ेगी। देश के पोस्ट ऑफिस नए फिनटेक बैंक की तरह काम करेंगे। इससे यह होगा कि इन बैंकों के जरिए डिजिटल लेन-देन सुलभ हो जाएगी। ग्राहक नेट बैंकिंग के जरिए अपना खाता संचालित कर सकेंगे और मोबाइल बैंकिंग की सुविधा का लुफ्त उठा पाएंगे। 

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