अमेरिकी मीडिया का बड़ा खुलासा: चीन की लैब से ही निकला कोरोना, WHO से बोला झूठ

ऑस्ट्रेलियाई मीडिया के बाद अब अमेरिकी मीडिया ने भी कोरोना वायरस को लेकर चीन की भूमिका पर सवाल खड़े किए हैं।

Written By :  Anshuman Tiwari
Published By :  Raghvendra Prasad Mishra
Update: 2021-05-25 11:19 GMT

चीन की लैब की फाइल तस्वीर (फोटो साभार-सोशल मीडिया)

नई दिल्ली। ऑस्ट्रेलियाई मीडिया के बाद अब अमेरिकी मीडिया ने भी कोरोना वायरस को लेकर चीन की भूमिका पर सवाल खड़े किए हैं। अमेरिकी अखबार वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट में कोरोना वायरस के चीन की लैब में बनाए जाने की आशंका जताते हुए चीन पर दुनिया और विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) से तमाम जानकारियां छिपाने का आरोप लगाया गया है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि यदि पूरे घटनाक्रम को देखा जाए तो इस वायरस के वुहान की लैब से ही लीक होने का शक है और चीन की भूमिका पूरी तरह सवालों के घेरे में है। इससे पहले ऑस्ट्रेलियाई मीडिया ने भी चीन को कटघरे में खड़ा किया था।

एक महीना पहले ही मिल चुका था संक्रमण

वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन की ओर से डब्ल्यूएचओ को वुहान में 8 दिसंबर, 2019 को पहला केस मिलने की जानकारी दी गई थी। चीन ने डब्ल्यूएचओ को गलत जानकारी दी थी क्योंकि एक महीना पहले ही वायरस के संक्रमण का मामला सामने आ चुका था। 2019 के नवंबर महीने में ही वुहान इंस्टीट्यूट आफ वायरोलॉजी के तीन शोधकर्ताओं को अस्पताल में भर्ती कराया गया था और इन तीनों में कोरोना के लक्षण मिले थे।

इससे यह बात पुख्ता होती है कि वुहान की लैब से ही यह वायरस निकला जिसने बाद में पूरी दुनिया को अपनी चपेट में ले लिया। अमेरिकी मीडिया की रिपोर्ट में बीमार पड़ने वाले शोधकर्ताओं के लक्षण भी बताए गए हैं। एक अमेरिकी अधिकारी ने बताया कि यह रिपोर्ट एक अंतरराष्ट्रीय पार्टनर ने उपलब्ध कराई है।

अपने आप नहीं पैदा हुआ वायरस

अमेरिका से पहले भी कोरोना वायरस को लेकर चीन की भूमिका पर सवाल खड़े करता रहा है। अमेरिकी राष्ट्रपति के टॉप मेडिकल एडवाइजर एंथनी फॉसी का भी मानना है कि यह वायरस अपने आप नहीं पैदा हुआ। इसकी जांच की जानी चाहिए।

कई देशों की ओर से डब्ल्यूएचओ से वायरस के चीनी लैब से निकलने के मामले की जांच की मांग की जा रही है। पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने तो इस वायरस को चीनी वायरस तक की संज्ञा दे डाली थी। उनके प्रशासन की ओर से एक फैक्ट शीट भी जारी की गई थी जिसमें वुहान लैब के शोधकर्ताओं में कोरोना के लक्षण देखे जाने की बात कही गई थी।

ट्रंप ने किया था सबूत होने का दावा

पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने साफ तौर पर कहा था कि इस वायरस को चीन की लैब में ही तैयार किया गया और इसकी वजह से दुनिया का हेल्थ सेक्टर तबाह हो गया। इस वायरस ने कई देशों की अर्थव्यवस्था को ध्वस्त कर डाला। उन्होंने अमेरिकी खुफिया एजेंसियों के पास इस वायरस के चीन की लैब में तैयार किए जाने के सबूत होने का भी दावा किया था। अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में ट्र॔प के हार जाने के बाद अभी तक बिडेन प्रशासन की ओर से खुलकर इस मुद्दे पर कुछ नहीं कहा गया है।

वायरस चीन का जैविक हथियार

अमेरिकी मीडिया से पहले ऑस्ट्रेलियाई मीडिया में छपी एक रिपोर्ट में भी कोरोना के लिए चीन को ही जिम्मेदार बताया गया है। द वीकेंड ऑस्ट्रेलियन ने अपनी सनसनीखेज रिपोर्ट में दावा किया है कि कोरोना वायरस अचानक नहीं आया बल्कि चीन 2015 से ही इसकी तैयारी कर रहा था। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि चीन की सेना 6 साल पहले से ही कोविड-19 वायरस को जैविक हथियार के तरह इस्तेमाल करने की साजिश रच रही थी।

रिसर्च पेपर के आधार पर खुलासा

इस रिपोर्ट में चीन के एक रिसर्च पेपर के आधार पर सनसनीखेज रहस्योद्घाटन किया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक चीन 6 साल पहले से सार्स वायरस की मदद से जैविक हथियार बनाने की कोशिश में जुटा हुआ था। रिपोर्ट में बताया गया है कि चीनी वैज्ञानिक और स्वास्थ्य विभाग से जुड़े अफसर 2015 में ही कोरोना के अलग-अलग स्ट्रेन पर चर्चा कर रहे थे। उस समय चीनी वैज्ञानिकों का कहना था कि तीसरे विश्वयुद्ध के दौरान इस वायरस को जैविक हथियार की तरह इस्तेमाल किया जाएगा।

चीनी वैज्ञानिकों के बीच इस बात पर भी चर्चा हुई थी कि इस वायरस में हेरफेर करके इसे महामारी के तौर पर किस तरह बदला जा सकता है। रिपोर्ट में चीन को पूरी दुनिया को संकट में डालने वाली साजिश का बड़ा गुनहगार बताया गया है।

जांच से क्यों भाग रहा है चीन

ऑस्ट्रेलियाई मीडिया की इस रिपोर्ट में चीन के रवैए पर भी सवाल उठाए गए हैं। चीन को कटघरे में खड़ा करते हुए रिपोर्ट में कहा गया है कि जब भी वायरस की जांच करने की बात आती है तो चीन बहानेबाजी में लग जाता है और उसमें रुकावटें पैदा करता है। रिपोर्ट में कही गई इस बात में काफी दम है क्योंकि जब भी इस वायरस के जांच पड़ताल की बात उठती है तो चीन उसमें कोई न कोई रुकावट जरूर पैदा करता है।

चमगादड़ मार्केट की थ्योरी को गलत बताया

ऑस्ट्रेलियाई साइबर सिक्योरिटी विशेषज्ञ रॉबर्ट पॉटर ने कहा कि इस वायरस के किसी चमगादड़ के मार्केट से फैलने की थ्योरी पूरी तरह गलत है। पूरी दुनिया को बहकाने के लिए ही इस तरह की थ्योरी को जन्म दिया गया मगर यह वायरस किसी चमगादड़ के मार्केट से नहीं फैल सकता।

चीनी रिसर्च पेपर का गहराई से अध्ययन करने के बाद पॉटर ने कहा कि यह रिसर्च पेपर बिल्कुल सही है। उन्होंने कहा कि हम हमेशा चीन के रिसर्च पेपर का अध्ययन करते रहते हैं क्योंकि इससे चीनी वैज्ञानिकों की सोच का खुलासा होता है।

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