Winter Session Parliament 2021 : शीतकालीन सत्र से पहले विपक्षी एकता में फूट, कांग्रेस पर हमलावर टीएमसी, खड़गे की बैठक से भी बनाई दूरी

winter session of parliament 2021 : पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री तृणमूल कांग्रेस की मुखिया ममता बनर्जी की मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस से दूरियां बढ़ती जा रही हैं।

Report :  Anshuman Tiwari
Published By :  Ragini Sinha
Update:2021-11-28 11:39 IST

शीतकालीन सत्र से पहले विपक्षी एकता में फूट ( social media )

winter session of parliament 2021 : संसद के शीतकालीन सत्र (Parliament Winter Session) से पहले विपक्षी एकता के तार टूटते दिख रहे हैं। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री तृणमूल कांग्रेस की मुखिया ममता बनर्जी की मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस से दूरियां बढ़ती जा रही हैं। अभी हाल में दिल्ली (delhi main Mamata Banerjee ne nahi ki sonia Gandhi se mulakat) पहुंची ममता बनर्जी ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात भी नहीं की थी। अब पार्टी ने राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे (Opposition Leader in Rajya Sabha Mallikarjun Kharge) की ओर से सोमवार को बुलाई गई विपक्षी दलों की बैठक से भी किनारा कर लिया है। पार्टी ने स्पष्ट कर दिया है कि शीतकालीन सत्र में कांग्रेस (congress) के साथ समन्वय स्थापित करने में उसकी कोई दिलचस्पी नहीं है। माना जा रहा है कि पार्टी की गोवा यूनिट के दबाव में यह फैसला लिया गया है। दूसरी ओर टीएमसी के नेता महुआ मोइत्रा (TMC Leader Mahua Moitra ) ने पणजी (Panaji) में कांग्रेस सहित सभी दलों पर भाजपा (bjp) के साथ सांठगांठ करने का आरोप लगाया। गोवा (goa) में अपनी ताकत दिखाने में जुटी टीएमसी की नेता ने कहा कि कांग्रेस को भी गोवा में राज करने का मौका मिला मगर इस पार्टी ने भी गोवा के विकास के लिए कोई कदम नहीं उठाए। टीएमसी के मौजूदा रुख से साफ हो गया है कि वह कांग्रेस (congress) से अलग होकर अपना मजबूत सियासी वजूद स्थापित करने की कोशिश में जुटी हुई है। माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में पार्टी कांग्रेस के खिलाफ और तीखे हमले शुरू कर सकती है।

कांग्रेस की बैठक में नहीं शामिल होगी टीएमसी

संसद के शीतकालीन सत्र से पहले कांग्रेस (congress) की ओर से मोदी सरकार (modi government) की घेरेबंदी की तैयारी की जा रही है। इसी सिलसिले में खड़गे की ओर से सोमवार को कांग्रेस दफ्तर में सभी विपक्षी दलों की बैठक बुलाई गई है। बैठक में उन सभी मुद्दों पर एकराय कायम करने की कोशिश की जाएगी जिन्हें लेकर विपक्षी दल मोदी सरकार का घेराव करना चाहते हैं। खड़गे ने इस बाबत पार्टी की अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi ) से मुलाकात करके मंथन भी किया है। खड़गे की ओर से बुलाई गई इस बैठक से पहले तृणमूल कांग्रेस ने स्पष्ट कर दिया है कि वह इस बैठक में हिस्सा लेने की इच्छुक नहीं है। टीएमसी (tmc ) के एक नेता ने स्पष्ट कर दिया है कि पार्टी की शीतकालीन सत्र के दौरान कांग्रेस के साथ समन्वय स्थापित करने में किसी भी प्रकार की दिलचस्पी नहीं है। पार्टी नेता ने कहा कि हम जनता से जुड़े मुद्दों को लेकर संघर्ष जारी रखेंगे मगर पार्टी के कांग्रेस की ओर से बुलाई गई बैठक में हिस्सा लेने की उम्मीद नहीं है।

विपक्षी एकता को लगा बड़ा झटका

तृणमूल कांग्रेस का यह फैसला विपक्षी एकता के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। जानकारों के मुताबिक पार्टी की गोवा यूनिट के दबाव में कांग्रेस की बैठक से किनारा करने का फैसला किया गया है। गोवा में कांग्रेस और भाजपा के खिलाफ टीएमसी ने पूरी ताकत लगा रखी है और ऐसे में पार्टी की गोवा यूनिट का मानना है कि पार्टी को इस बैठक से दूर रहना चाहिए ताकि भाजपा और कांग्रेस दोनों के खिलाफ संघर्ष का संदेश दिया जा सके।

कांग्रेस पर टीएमसी का बड़ा हमला

गोवा में टीएमसी (goa main tmc) ने भाजपा (bjp) के साथ ही कांग्रेस (congress) पर भी लगातार बड़े हमले किए हैं। पार्टी के नेता महुआ मोइत्रा ने शनिवार को कांग्रेस को एक बार फिर घेरते हुए कहा कि कांग्रेस ने भाजपा के खिलाफ राज्य में कभी तीखे तेवर नहीं दिखाए। भाजपा को हराने के लिए कांग्रेस ने राज्य में कभी संघर्ष नहीं किया। सच्चाई तो यह है कि राज्य में सभी दलों ने भाजपा के साथ सांठगांठ कर रखी है। कांग्रेस नेता पी चिदंबरम (Congress leader P Chidambaram) के रैली में हिस्सा लेने पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा कि वे सिर्फ एक दिन के लिए यहां आए हैं जबकि मैं यहां के लोगों के संघर्ष के लिए हमेशा मौजूद हूं। महुआ के मौजूदा बयान से साफ है कि पार्टी ने गोवा चुनाव के लिए तीखे तेवर अपना लिए हैं और पार्टी ने भाजपा के साथ कांग्रेस पर भी तीखे हमलों का दौर शुरू कर दिया है।

कांग्रेस को लगातार झटके दे रही टीएमसी

टीएमसी ने हाल के दिनों में कांग्रेस को बड़े सियासी झटके दिए हैं। पार्टी लगातार कांग्रेस नेताओं को तोड़ने में लगी हुई है। मेघालय में हाल में कांग्रेस के 12 विधायकों ने टीएमसी का दामन थाम लिया था। इनमें पूर्व मुख्यमंत्री मुकुल संगमा भी शामिल हैं। ममता ने हाल में अपनी दिल्ली यात्रा के दौरान कांग्रेस के पूर्व सांसद कीर्ति आजाद और हरियाणा कांग्रेस के पूर्व नेता अशोक तंवर को पार्टी में शामिल किया था। इसके पहले भी ममता कांग्रेस के कई नेताओं को टीएमसी में शामिल कर चुकी हैं।

विपक्ष के चेहरे का मामला और उलझा

इसके साथ ही टीएमसी मुखिया ममता ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की संभावनाओं को खारिज कर दिया था। उनका कहना था कि हर बार दिल्ली यात्रा के दौरान सोनिया गांधी से मिलना जरूरी नहीं है। यह कोई संवैधानिक बाध्यता नहीं है। ममता जल्द ही महाराष्ट्र का दौरा करने वाली हैं जहां उनकी मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के अलावा एनसीपी के मुखिया शरद पवार से भी मुलाकात होगी।ममता के मौजूदा रुख से साफ हो गया है कि वे 2024 की सियासी जंग में विपक्ष का चेहरा बनने की कोशिश में जुटी हुई है और इसी कारण उन्होंने कांग्रेस से किनारा करना शुरू कर दिया है। कांग्रेस को राहुल गांधी के अलावा कोई और चेहरा मंजूर नहीं है और इस कारण टीएमसी और कांग्रेस की दूरियां लगातार बढ़ती जा रही हैं।

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