WPI Inflation: खानपान वस्तुओं की कीमत में बढ़ोतरी, महंगाई दर बढ़कर हुई 14.55 प्रतिशत
Inflation Increased: रूप से कच्चे तेल और पेट्रोल की कीमतों में व्यापक वृद्धि के चलते अपने बीते चार महीने के सबसे उच्च स्तर पर पहुंच गई है।
WPI Inflation Increased: महंगाई एक बार फिर अपना कहर बरपा रही है। इसिक तहत सोमवार को वाणिज्य मंत्रालय द्वारा बीते मार्च महीने के जारी आंकड़ों के अनुसार भारत की थोक महंगाई दर बीते महीने से बढ़कर 14.55 प्रतिशत पर पहुंच गई है, जो कि उसके बीते फरवरी माह में 13.11 प्रतिशत थी। इन आंकड़ों की तुलना यदि बीते वर्ष के थोक मूल्य सूचकांक (WPI) आधारित महंगाई दर से करें तो मार्च 2021 में यह महंगाई दर 7.89 प्रतिशत पर थी, जिसमें कि एक साल के भीतर करीब दोगुना ऊँचल आया है।
वाणिज्य मंत्रालय द्वारा थोक मूल्य सूचकांक के आधार पर मार्च माह की महंगाई दर को लेकर एक विज्ञाति जारी की है जिसके मुताबिक WPI आधारित महँगाई दर मुख्य रूप से कच्चे तेल और पेट्रोल की कीमतों में व्यापक वृद्धि के चलते अपने बीते चार महीने के सबसे उच्च स्तर पर पहुंच गई है, जिसका कारण मुख्य रूप से रूस-यूक्रेन संघर्ष है। इस रूस-यूक्रेन के बीच जारी संघर्ष के चलते वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में उत्पन्न हुई समस्या के चलते कच्चे तेल और प्राकृतिक गैस, खनिज तेल, मूल धातुओं आदि की कीमतों में व्यापक वृद्धि देखी है।
खाद्य पदार्थों की कीमत में भी भारी बढ़ोत्तरी
इसी के साथ खाद्य पदार्थों की कीमत में भी भारी बढ़ोत्तरी दर्ज हुई है, जो कि 8.47 प्रतिशत से बढ़कर 8.71 प्रतिशत तक पहुंच गई है। वहीं अकेले आलू की कीमतों में 10 फीसदी से अधिक का ऊंछाल देखा गया है, जो कि 14.78 प्रतिशत से बढ़कर अब 24.62 पर पहुँच गया है।
थोक मूल्य सूचकांक (WPI) आधारित महंगाई दर में यह भारी वृद्धि उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) के आंकड़ों के जारी होने के कुछ ही दिनों बाद सामने आई है। इसी के साथ आपको बता दें कि थोक महंगाई दर में इजाफे के साथ-साथ खुदरा महंगाई दर में भी भारी इजाफा देखने को मिला है। वर्तमान में खुदरा महंगाई दर 6.95 प्रतिशत है, जो कि बीते 18 महीने का सबसे अधिक है।