Lakhimpur Kheri News: मिट्ठू हाथी हुआ जेल से रिहा, इस मामले में पुलिस ने किया था गिरफ्तार, जानिए क्या किया था इसने

रामनगर वन्य जीव संस्थान में 18 महीनों से हत्या के आरोप में बेड़ियों में जकड़े मिट्ठू हाथी को जंजीरों से आजादी मिल गई है। फिलहाल उसे पुणे दुधवा नेशनल पार्क पहुंचा दिया गया है।

Reporter :  Sharad Awasthi
Published By :  Shweta
Update: 2021-06-16 13:32 GMT

मिट्ठू हाथी

Lakhimpur Kheri News: रामनगर वन्य जीव संस्थान में 18 महीनों से हत्या के आरोप में बेड़ियों में जकड़े मिट्ठू हाथी को जंजीरों से आजादी मिल गई है। फिलहाल उसे लखीमपुर खीरी का दुधवा नेशनल पार्क पहुंचा दिया गया है। जहां पर डॉक्टरों की टीम ने मिट्ठू को 14 दिन के लिए आइसोलेट कर दिया है। प्रशासन ने भी कोविड-19 को ध्यान में रखते हुए मिट्ठू को फिलहाल सुनारी पुर रेंज में आइसोलेट किया है। डॉक्टरों की टीम बराबर मिट्ठू हाथी का स्वास्थ्य परीक्षण कर रही है।

साल से भी ज्यादा समय से सजा काट रहे मिट्ठू हाथी को बेड़ियों से आजादी मिल गई है। अब मिट्ठू का नया आशियाना दुधवा टाइगर रिजर्व होगा। लंबे इंतजार के बाद आखिरकार सोमवार को मिट्ठू दुधवा नेशनल पार्क पहुंच गया अभी तो मिट्ठू हाथी वाराणसी के रामनगर वन जीव संस्थान में जंजीरों में कैद अब उसे दुधवा पार्क लाया गया है। दुधवा नेशनल पार्क में मिट्ठू को मिलाकर अब पालतू हाथियों की संख्या 25 हो गई है।

हाथी को लाने के लिए दुधवा टाइगर रिजर्व से डॉक्टर के साथ महावतों की टीम, दो दिन पहले रवाना हुई थी जो सोमवार को हाथी को लेकर दुधवा पहुंच गई। हाथी की उम्र लगभग 45 वर्ष बताई गई है। मिट्ठू को लगभग 5 से 6 महीने तक चिकित्सीय प्रशिक्षण में अन्य हाथियों से अलग रखने का फैसला लिया गया है। हाथी पूरी तरह से स्वस्थ बताया जा रहा है, लेकिन जगह परिवर्तन के चलते वह कुछ विचलित नजर आ रहा है।

इससे पहले मिट्ठू उत्तर प्रदेश के चंदौली में एक महावत के पास था। 20 अक्टूबर 2019 को चंदौली की रामलीला चल रही थी। महावत के साथ मिट्ठू भी मेले में गया था। मेले से वापस लौटते वक्त कुछ लोगों ने मिट्ठू के साथ छेड़छाड़ शुरू कर दी। इस बात से गुस्साए मिट्ठू ने एक व्यक्ति को जान से मार दिया था। सूचना मिलने पर हाथी और उसके महावत को कस्टडी में लिया गया था। जिसके लिए बबुरी थाने में हाथी और उसके महावत पर हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया।

वन विभाग का हाथी के मालिकों पर आरोप था कि वे अवैध तरीके से उसे पाल रहे थे। हाथी की सही देखभाल और लायसेंस न होने के चलते वन विभाग ने मिट्ठू को अपने कब्जे में लेते हुए रामनगर में रखा था। इस मामले में बाद में महावत को जमानत मिल गई थी। इस बीच महावत ने कोर्ट में हाथी को लाने का काफी प्रयास किया, लेकिन कोर्ट ने हाथी को दुधवा नेशनल पार्क भेजने को कहा ।

दुधवा टाइगर रिजर्व के फील्ड डायरेक्टर संजय पाठक का कहना है कि कोर्ट के आदेश के बाद मिट्ठू हाथी को दुधवा टाइगर रिजर्व लाया गया है जहां फिलहाल इसको 14 दिन के लिए आइसोलेट किया गया है। उसके बाद मिट्ठू को 5 महीने के लिए जंगल के और हाथियों से अलग रखा जाएगा और इसकी देखरेख की जाएगी। इसके स्वभाव में हो रहे परिवर्तन पर निरीक्षण किया जाएगा लगातार इस के स्वास्थ्य का परीक्षण किया जाएगा। यह हाथी इस समय कुछ कमजोर लग रहा है, पूरी तरीके से फिलहाल स्वस्थ है। 5 महीने की निगरानी के बाद इसको जंगल की सुरक्षा और पर्यटन के लिए जो उपयुक्त होगा उसमें लगाया जाएगा। हमारे पार्क में हाथियों की संख्या 25 हो गई है इसको 5 महीने की ट्रेनिंग सत्र के बाद दुधवा टाइगर रिजर्व में कार्य पर रखा जाएगा 

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