अब पुलिसकर्मियों की साइ‍कोलॉजिकल काउंसिलिंग रोकेगी सुसाइड, कानपुर में लगा कैंप

Update: 2018-10-04 12:21 GMT

कानपुर: पुलिस विभाग में लगातार सुसाईड केस के मामले सामने आ रहे हैं। विगत एक साल में पुलिस महकमे में आईपीएस से लेकर सिपाहियों तक के सुसाईड करने के मामले प्रकाश में आए हैं। जिसकी वजह से पुलिस महकमे से सरकार भी परेशान है। दिन-रात काम के प्रेशर से परेशान होकर सुसाइड कर रहे हैं। पुलिसकर्मी क्यों सुसाइड कर रहे हैं, इसकी वजह को समझने के लिए पुलिस प्रशासन भी जुटा है। कानपुर की पुलिस लाइन में मनोचिकित्सकों की टीम ने शिविर लगाकर पुलिसकर्मियों का मेडिकल चेकअप किया। इतना ही नहीं इस तरह के कैंप लगते रहने की बात भी कही।

साइकोलॉजिकल काउंसिलिंग दूर करेगी तनाव

जिला अस्पताल उर्सला के डाक्टरों संजीव प्रसाद चिरंजीवी और सुधांशू मिश्रा ने पुलिस कर्मियों की काउंसलिंग की। शिविर में आये पुलिस कर्मियों से बात कर उनकी समस्याओं को समझा और उन्हें परामर्श दिया। डाक्टरों की टीम ने उनके द्वारा बताई गयी समस्याओं को गंभीरता से लेते हुए उनकी समस्याओं पर सलाह दी।

मनोचिकित्सक संजीव प्रसाद चिरंजीवी ने बताया कि सभी का मानसिक स्वास्थ्य परिक्षण किया जा रहा है। यह सामने आया है कि इनकी कुछ समस्याएं हैं। कुछ विभागीय समस्याएं हैं, जिन्हें लेकर यह लोग तनाव में रहते हैं। इसके साथ ही कुछ पारिवारिक समस्याओं को लेकर भी परेशान रहते हैं। इनकी समस्या है कि परिवार इनका दूर रहता है। यदि परिवार इनका पास रहे तो इनकी समस्या दूर हो जाएगी। इसके साथ ही लगातार ड्यूटी लगने से इनको भरपूर नींद नही मिल पाती है। जब नींद पूरी नहीं हो पाती है तो इनके अन्दर चिडचिड़ापन आता है। मन उदास होता जाता है और काम के प्रति उदासी होती जाती है। इन समस्याओं को विभाग को देखना होगा। ऐसा काम न हो कि काम का प्रेशर उन पर आए।

सरकारी विभागों का बुरा हाल

मनोचिकित्सक संजीव प्रसाद चिरंजीवी ने बताया कि सभी सरकारी विभागों में काम का बहुत प्रेशर है और हर व्यक्ति के मन में क्या चल रहा है। उसके मन से यह बात निकालना बहुत कठिन काम है। पुलिसकर्मियों की काउंसिलिंग करके और दवाइयों के माध्यम से उन्हें कुछ निजात दिलाई जा सकती है। यदि किसी के मन में गलत ख्याल आ रहे हैं तो उन्हें डाक्टर से फ़ौरन सलाह लेने की जरूरत है। यह नहीं है कि आप किसी तरह का गलत डिसीजन ले लें।

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