प्लेसमेंट में नहीं आया नाम तो बीटेक स्टूडेंट ने लगा ली फांसी, सुसाइड नोट में लिखा- दान कर देना मेरी आंखे

कंपनी में प्लेसमेंट नहीं होने से परेशान बीटेक फोर्थ ईयर के एक स्टूडेंट ने कॉलेज के हॉस्टल में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। रूम मेट ने बालकनी से झांक कर देखा तो मृतक के पैर हवा में झूलते दिखे। सूचना पर हॉस्टल का वॉर्डन और अन्य स्टूडेंट्स मौके पर पहुंचे। जिसके बाद दरवाजा तोड़कर उसे फोर्टिस हॉस्पिटल ले जाया गया। जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। पुलिस ने बताया कि मौके पर से सुसाइड नोट मिला है। जिसमें मृतक ने खुद को ही आत्महत्या का जिम्मेदार ठहराया है। पुलिस ने पोस्ट माॅर्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया है।

Update: 2017-01-12 15:40 GMT

नोएडा: कंपनी में प्लेसमेंट नहीं होने से परेशान बीटेक फोर्थ ईयर के एक स्टूडेंट ने कॉलेज के हॉस्टल में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। रूम मेट ने बालकनी से झांक कर देखा तो मृतक के पैर हवा में झूलते दिखे। सूचना पर हॉस्टल का वॉर्डन और अन्य स्टूडेंट्स मौके पर पहुंचे। जिसके बाद दरवाजा तोड़कर उसे फोर्टिस हॉस्पिटल ले जाया गया। जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। पुलिस ने बताया कि मौके पर से सुसाइड नोट मिला है। जिसमें मृतक ने खुद को ही आत्महत्या का जिम्मेदार ठहराया है। पुलिस ने पोस्ट माॅर्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया है।

क्या है मामला ?

सूरजकुंड रोड सिविल लाइन मेरठ का रहने वाला अभिनव गुप्ता (22) पुत्र मुकेश कुमार गुप्ता नोएडा स्थित जेपी इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से बीटेक (इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्यूनिकेशन) में फोर्थ इयर का स्टूडेंट था। अभिनव कॉलेज के ही हॉस्टल की नौवीं मंजिल पर प्रदीप तोमर नाम के एक और स्टूडेंट के साथ रूम नंबर- 942 में रहता था। बुधवार (11 जनवरी) देर रात प्रदीप खाना खाने के बाद अपने एक दोस्त के रूम में चला गया था। वापस आने पर उसे अपने रूम का दरवाजा अंदर से बंद मिला। प्रदीप ने अभिनव को कई बार आवाज दी और मोबाइल पर फोन भी किया, लेकिन कोई जवाब नहीं आया।

दान कर देना मेरी आंखें

-अभिनव की डेड बॉडी के पास से एक सुसाइड नोट मिला है।

-जिसमें लिखा कि आत्महत्या का जिम्मेदार वह खुद है।

-इसके लिए किसी को परेशान नहीं किया जाए।

-मौत के बाद मेरी आंखें किसी को दान कर दी जाएं।

प्लेसमेंट न होने से चल रहा था परेशान

-सीओ अरविंद सिह यादव ने बताया कि मृतक स्टूडेंट के परिजनों से पूछताछ में पता चला है कि कॉलेज में कई प्लेसमेंट एजेंसियां आई थी।

-अभिनव के कई साथियों का प्लेसमेंट हो गया था, लेकिन अभिनव का प्लेसमेंट नहीं हो पाया था।

-जिसकी वजह से वह परेशान था।

-तीन दिन पहले ही अभिनव ने 92 हजार रुपए सेमेस्टर फीस भी जमा की थी।

-पुलिस इस मामले सभी पहलुओं पर जांच कर रही है।

मां से बोला था 'अब नहीं आऊंगा'

अभिनव के एक रिश्तेदार ने बताया कि अभिनव ने चार दिन पहले घर से आते समय अपनी मां से बोला था कि मैं अब घर लौटकर नहीं आऊंगा। इस पर जब अभिनव की मां ने कारण पूछा तो अभिनव ने कहा कि कई कंपनियों में उसका इंटरव्यू है। अब वह होली में घर आएगा।

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