दूर होगा बोर्ड एग्जाम का तनाव: शिक्षा विभाग करने जा रहा ये बड़ा काम

Update: 2020-01-28 10:50 GMT

लखनऊ: बोर्ड एग्जाम नजदीक हैं। ऐसे में 10वीं और 12वीं कक्षा के छात्रों में परीक्षा को लेकर तनाव भी बढ़ गया है। ऐसे में स्टूडेंट्स ने परीक्षा को लेकर अपनी तैयारियां भी शुरू कर दी है। आज कल स्टूडेंट्स केवल स्कूल और टीचर्स के जरिये नहीं पढ़ते, बल्कि मोबाइल और नेट की मदद से ज्यादा पढ़ाई करते हैं। ऐसे में तनाव कम करने के लिए मोबाइल का इस्तेमाल करते करते छात्र उसके लती या आदि हो जाते हैं। ऐसे में अब स्टूडेंट्स के लिए ऐसी व्यवस्था की गयी है, जिसके चलते न केवल छात्रों का तनाव दूर होगा बल्कि पढ़ाई को लेकर होने वाली समस्याओं का भी समाधान हो सकेगा।

स्टूडेंट्स की मदद के लिए कैंप का आयोजन:

दसवीं की परीक्षा नजदीक आते ही स्टूडेंट पढ़ाई को लेकर काफी तनाव में रहने लगते हैं। कई स्टूडेंट अपने सिलेबस या किसी विषय को लेकर कमजोर होते हैं ऐसे में सेल्फ स्टडी के दौरान उन्हें काफी दिक्कत होती है। मोबाइल का सहारा लेकर पढ़ाई में अपनी प्रोब्लेम्स को सोल्व करने की कोशिश करते हैं। हालंकि पढ़ाई के दौरान फोन हाथ में आने से बच्चे पढ़ कम पाते हैं और उनका ध्यान जरुर भटकने लगता है। जिसका असर उनके परीक्षा पर पड़ता है।

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स्टूडेंट्स की इसी परेशानी से निजात दिलाने और परीक्षा के तनाव को दूर करने के लिए एक सुविधाजनक व्यवस्था की गयी है। दरअसल, आगामी बोर्ड परीक्षा को देखते हुए स्टूडेंट के लिए एक स्टडी कैंप आयोजित किया जाएगा।

चलिए जानते है इस कैंप मिशन बारे में:

दसवीं कक्षा की छमाही परीक्षा में गणित विषय में 33 प्रतिशत से कम नंबर लाने वाले स्टूडेंट्स के लिए स्टडी कैंप लगाए जाएंगे। स्कूल शिक्षा विभाग ने सोमवार को इस बारे में सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को निर्देश जारी किए हैं।

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संचालक लोक शिक्षण केके द्विवेदी द्वारा जारी निर्देश में कहा गया है कि मिशन 1000 के तहत परीक्षा परिणामों में सुधार के लिए बुधवार शाम 4:30 बजे एडीपीसी एवं मिशन के तहत चुने गए नोडल प्रिंसिपलो की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की जाएगी। जिन स्कूलों में छमाही परीक्षा के नतीजे 33 फीसदी से कम आए हैं, उन 45 जिलों के 250 प्राचार्यों से भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान अधिकारी बातचीत करेंगे।

30% से कम रिजल्ट वाले स्कूलों की होगी परीक्षण:

इतना ही नहीं तीस फीसदी से कम रिजल्ट वाले स्कूलों के शिक्षकों पर स्कूल शिक्षा विभाग फिर कार्रवाई कर सकता है। इसके लिए एक फरवरी को जिला शिक्षा अधिकारी बैठक ले रहे हैं। बैठक के लिए बनाए गए एजेंडा में इसे शामिल किया गया है।

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