कानपुर: आईआईटी कानपुर ने रविवार को जेईई एडवांस परीक्षा के नतीजे जारी कर दिए गए हैं। इस परीक्षा में परीक्षा में 155158 उम्मीदवारों ने भाग लिया था, जिसमें 18138 उम्मीदवार पास हुए हैं। jeeadv.ac.in पर जाकर स्टूडेंट्स रिजल्ट देख सकते हैं। इस बार पंचकुला रिजन के प्रणव गोयल ने पहला स्थान हासिल किया है। उन्हें 360 में से 337 अंक मिले हैं। दूसरे स्थान पर कोटा के साहिल जैन और तीसरे स्थान पर दिल्ली के कलश गुप्ता रहे हैं।
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वहीं, कानपुर जोन के कुल 2160 स्टूडेंट्स ने ये परीक्षा क्वालिफाई की है। अगर जेईई मेन की बात करें तो इस बार 2,31,024 स्टूडेंट्स ने इसे क्लियर किया था। इसके बाद जेईई एडवांस्ड के लिए 1,60,716 स्टूडेंट्स ने ही रजिस्ट्रेशन कराया था। 20 मई को देशभर के 23 आईआईटी सेंटर्स पर परीक्षा का आयोजन कराया गया।
ये हैं टॉपर्स
- आईआईटी बॉम्बे जोन: ऋषि अग्रवाल, रैंक 8
- आईआईटी दिल्ली जोन: साहिल जैन, रैंक 2
- आईआईटी गुवाहाटी जोन: प्रशांत कुमार, रैंक 150
- आईआईटी कानपुर जोन: आयुष कदम, रैंक 78
- आईआईटी खड़गपुर जोन: केवीआर हेमंत कुमार, रैंक 5
- आईआईटी मद्रास जोन: मवयूरी सिवा कृष्णमनोहर: रैंक 5
ऑल इंडिया रैंक के हिसाब से स्टूडेंट्स की पोजीशन
- आयुष कदम -78
- सम्यक जैन -147
- हिमांश राठौर -165
- प्रियांशु एस नेगी -190
- वैदिक जैन -197
इतने स्टूडेंट्स ने कानपुर जोन से दिया था एग्जाम
मिली जानकारी के मुताबिक, 20428 स्टूडेंट्स ने इस बार कानपुर जोन से एग्जाम दिया था। मगर यहां से ज्यादा स्टूडेंट्स क्वालिफाई नहीं कर पाए। 20428 स्टूडेंट्स में से 2160 स्टूडेंट्स ही इस परीक्षा को क्वालिफाई करने में सफल रहे। जहां, आयुष की देशभर में 78 रैंक है तो वहीं उन्होंने कानपुर जोन में पहला स्थान हासिल किया है।
राजधानी लखनऊ का इन्होने बढ़ाया मान
राजधानी लखनऊ के उत्कर्ष गुप्ता ने 431वीं रैंक भारतीय स्तर पर हासिल की है। बता दें, उत्कर्ष को जेईई मेन्स में 260 अंकों के साथ 1073 रैंक मिली थी। सीएमएस गोमतीनगर से पढ़ाई करने वाले छात्र उत्कर्ष को 10वीं सीएमएस गोमती नगर से 94।8 प्रतिशत अंकों के साथ उत्तीर्ण किया था। पापा गोविंद लाल गुप्ता ड्रग इंस्पेक्टर हैं और मां वीना गुप्ता गृहणी हैं।
उत्कर्ष के अलावा इशांक श्रीवास्तव ने 598 रैंक हासिल किया है। इशांक ने अपने पहले प्रयास में यह सफलता हासिल की है। इशांक कहते हैं कि 10वीं तक वह सिविल सेवा परीक्षा में जाने का मन बना रहे थे, लेकिन अब चार साल बीटेक करने के बाद वो दो साल मैनेजमेंट की पढ़ाई करना चाहते हैं।